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हरियाणा विधानसभा सत्र की अवधि कम हुई तो नहीं उठ सकेंगे दक्षिण हरियाणा के कई मुद्दे

हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र बुधवार को होगा। अगर सत्र की कार्यवाही कोरोना संकट के कारण टलती है तो इसमें दक्षिण हरियाणा के मुद्दे नहीं उठ पाएंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2020 03:03 PM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2020 03:03 PM (IST)
हरियाणा विधानसभा सत्र की अवधि कम हुई तो नहीं उठ सकेंगे दक्षिण हरियाणा के कई मुद्दे
हरियाणा विधानसभा सत्र की अवधि कम हुई तो नहीं उठ सकेंगे दक्षिण हरियाणा के कई मुद्दे

जेएनएन, चंडीगढ़। कल यानी बुधवार से शुरू होने वाले मानसून सत्र की कार्यवाही यदि कोरोना संकट के कारण नहीं चली तो इस बार दक्षिण हरियाणा के कई अहम मुद्दों पर चर्चा टल जाएगी। सत्र के पहले दिन के लिए विधानसभा में इस बार दक्षिण हरियाणा के तीन अहम मुद्दों से संबंधित सवाल सदन में पूछे जाने हैं।

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कांग्रेस विधायक दल के उपनेता आफताब अहमद ने चूंकि अपना पहला सवाल सिंचाई मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल से पूछा है, इसलिए माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर सरकार अपना पक्ष संभवतया टाल दे। आफताब ने सवाल किया है कि दिल्ली के ओखला हेड पर आगरा नहर से हरियाणा को सिंचाई के लिए कितना पानी मिलता है। इसके अलावा आगरा नहर से गुरुग्राम नहर को मिलने वाला पानी कितना है और नूंह, पलवल,फरीदाबाद तथा गुरुग्राम में सिंचाई के लिए इस नहर के पानी का जिलावार कितना हिस्सा है। गुरुग्राम नहर के माध्यम से राजस्थान को माह में कितना पानी दिया जाता है।

असल में यह मुद्दा इसलिए भी अहम है कि नूंह जिले के तीनों कांग्रेस विधायक आफताब अहमद, मामन इंजीनियर और इलियास मोहम्मद ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री से मुलाकात कर मेवात क्षेत्र में सिंचाई के पानी की कमी का मुद्दा रखा था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को नूंह में मौका निरीक्षण के लिए भेजा था। तब ये अधिकारी विधायकों को यह तक नहीं बता पाए थे कि गुरुग्राम नहर में कितना पानी आता है और इस नहर से कितना पानी राजस्थान जाता है। अब आफताब अहमद ने यह भी सरकार से जानकारी मांगी है कि गुरुग्राम नहर से गौंछी ड्रेन के निकास बनाए जाने के कारण क्या थे और काेटला झील परियोजना का कार्य पूरा नहीं होने के पीछे क्या कारण हैं।

कब खत्म होगा कूड़े का पहाड़

रेवाड़ी से कांग्रेस विधायक चिरंजीव राव ने सवाल पूछा है कि गुरुग्राम के बंधवाड़ी गांव की जमीन पर इस समय करीब 30 लाख टन कूड़े का पहाड़ खड़ा है। यह फरीदाबाद और गुरुग्राम का कचरा है। इसके निस्तारण के लिए सरकार ने चीन की कंपनी इकोग्रीन को ठेका दिया था, मगर इकोग्रीन कंपनी गुरुग्राम-फरीदाबाद में कचरा उठाने की अपनी जिम्मेदारी के अलावा इस एकत्र कचरे का निस्तारण भी ठीक तरह से नहीं कर रही है।

बिल्डरों पर बकाया बाह्य विकास शुल्क का पूछा विवरण

इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने सरकार से बिल्डरों पर एक अप्रैल 2020 तक बकाया बाह्य विकास शुल्क का विवरण मांगा है। विधानसभा में पूछे गए इस सवाल का असर फरीदाबाद, गुरुग्राम से लेकर पूरे प्रदेश के बिल्डरों पर पड़ेगा। बिल्डरों पर बकाया इस बाह्य विकास शुल्क वसूलने के मामले में सरकार अभी तक लचीला रुख अपनाए हुए थी, मगर अब सरकार को इसमें सख्ती करनी पड़ेगी।


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