भाजपा का रथ रोकने को हरियाणा में महागठबंधन की तैयारी, कांग्रेस हो सकती है रथ की बड़ी सारथी
हरियाणा में 75 से अधिक विधानसभा सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा के रथ को रोकने के लिए महागठबंधन की नींव पड़ गई है।
चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में 75 से अधिक विधानसभा सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा के रथ को रोकने के लिए महागठबंधन की नींव पड़ गई है। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस महागठबंधन की बड़ी सारथी होगी। बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी को इस महागठबंधन में शामिल करने की पुरजोर संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं किया और बहुजन समाज पार्टी के साथ उसकी बात नहीं बनी। इसका नुकसान तीनों राजनीतिक दलों को उठाना पड़ा। लोकसभा चुनाव में जिस तरह 79 विधानसभा सीटों पर भाजपा ने बढ़त हासिल की है, उसे देखकर अब कोई राजनीतिक दल गलती करने को तैयार नहीं है। उनके सामने भाजपा को रोकने के लिए अब महागठबंधन के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा है।
भाजपा बड़े ही योजनाबद्ध तरीके से इनेलो, जननायक जनता पार्टी और कांग्रेस में धीरे-धीरे सेंध लगा रही है। इनेलो के अधिकतर विधायकों को भाजपा में शामिल किया जा चुका, जबकि कुछ नेता चुनाव से पहले भगवा रंग में रंगे नजर आ सकते हैं। कांग्रेस में जिस तरह से गुटबाजी बढ़ रही, उसके मद्देनजर इस पार्टी में भी टूटफूट होने से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में पूर्व सांसद रणजीत सिंह ने जिस तरह अचानक महागठबंधन का पासा फेंका है, उससे कई बड़े दिग्गज सहमत दिखाई दे रहे हैं।
कांग्रेस नेता रणजीत सिंह ने साफ संकेत दिया है कि उनकी महागठबंधन के बाबत पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी बातचीत हो चुकी है। रणजीत सिंह के इस बयान के बाद हुड्डा के समधि एवं पलवल से सीनियर विधायक करण सिंह दलाल ने भी महागठबंधन का राग बड़ी जिम्मेदारी के साथ अलापना शुरू किया है। हुड्डा 18 अगस्त को रोहतक में महापरिवर्तन रैली कर रहे हैं। 4 अगस्त को उनके समर्थकों की बैठक है। इस बैठक में भी महागठबंधन का प्रस्ताव समर्थकों द्वारा दिया जा सकता है।
कांग्रेस जनित महागठबंधन में एक पहिया बहुजन समाज पार्टी का और दूसरा आम आदमी पार्टी का हो सकता है। बसपा में हुड्डा के अच्छे राजनीतिक संबंध हैं। सूत्रों का कहना है कि हरियाणा में पहले इनेलो और फिर लोकतांत्रिक सुरक्षा पार्टी के साथ बसपा का गठजोड़ तुड़वाने में हुड्डा की अहम भूमिका रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी ने काफी कोशिश की कि हरियाणा में आप व कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ लें, मगर अब कांग्रेस दिग्गजों को ऐसा नहीं होने पर पश्चाताप हो रहा है। इस पुरानी गलती से सबक लेकर आप को भी महागठबंधन का बड़ा हिस्सा बनाया जा सकता है।
इनेलो और जजपा को लेकर असमंजस के हालात
महागठबंधन यदि सिरे चढ़ता है तो इनेलो व जननायक जनता पार्टी की स्थिति सबसे अधिक गौर करने वाली होगी। जननायक जनता पार्टी के संयोजक पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला हालांकि खुद मना कर चुके कि वह कांग्रेस के साथ किसी महागठबंधन का हिस्सा नहीं बनेंगे, लेकिन सूत्रों का कहना है कि आप को छोड़कर बाकी दलों यानी कांग्रेस व बसपा को इस बात पर ऐतराज हो सकता है कि जजपा के साथ रिश्ते बनाए जाएं। यही स्थिति इनेलो को लेकर है। इनेलो के अधिकतर विधायक भाजपा में शामिल हो गए। कांग्रेस नेताओं पर दबाव है कि उनकी लड़ाई विचारधारा को लेकर है और इनेलो इसमें फिट नहीं बैठती। ऐसे में इनेलो को इस महागठबंधन से अलग किया जा सकता है। हालांकि पूर्व सांसद रणजीत सिंह की पूरी कोशिश होगी कि जजपा और इनेलो को भी इस महागठबंधन का हिस्सा बनाया जाए।
महागठबंधन हुआ तो मुख्यमंत्री पद पर मचेगा घमासान
हरियाणा में हर राजनीतिक दल का मुखिया मुख्यमंत्री बनने की चाह रखता है। ऐसे में यदि महागठबंधन होता है तो मुख्यमंत्री पद की लड़ाई कम होने के बजाय बढ़ने के पूरे आसार हैं। इस लड़ाई को भांपते हुए पूर्व सांसद रणजीत सिंह ने फार्मूला दिया है कि चूंकि कांग्रेस सबसे बड़ा दल है, इसलिए मुख्यमंत्री तो उसी का होना चाहिए, लेकिन बाकी दलों के लिए कम से कम तीन उप मुख्यमंत्रियों के पद की व्यवस्था की जा सकती है। यह फार्मूला यदि किसी को फिट नहीं बैठता तो भाजपा को हराने के लिए टर्मवार सीएम बनाने की संभावना पर भी विचार किया जा सकता है।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप