नवजात की मौत मामले पर बोले तंवर, अस्पताल पर कार्रवाई के बजाय सरकार कर रही सियासत
नवजात की मौत मामले में अशोक तंवर ने कहा कि बगैर रजिस्ट्रेशन चल रहे अस्पताल पर कार्रवाई के बजाय मामले को सियासी तूल दिया जा रहा है।
जेएनएन, चंडीगढ़। सोनीपत में साइकिल यात्रा के दौरान एंबुलेंस के जाम में फंसने से नवजात की मौत मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने पलटवार किया है। उन्होंने सरकार पर रिपोर्ट बदलवाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बगैर रजिस्ट्रेशन चल रहे अस्पताल पर कार्रवाई के बजाय मामले को सियासी तूल दिया जा रहा है। पीजीआइ में नवजात की मौत के बावजूद एफआइआर में एंबुलेंस में मौत दिखाई जा रही है, जिससे सरकार की मंशा साफ हो जाती है।
पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में अशोक तंवर ने नवजात को अमर की संज्ञा देते हुए कहा कि उसने सोई सरकार को जगाया है। अस्पताल या एंबुलेंस में जरूरी मेडिकल सुविधाएं होती तो उसे बचाया जा सकता था। गूगल मैप का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि निर्धारित समय में एंबुलेंस पीजीआइ पहुंच गई थी। सही मायने में दिव्य अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि बगैर पंजीकरण चल रहे इस अस्पताल को डिलीवरी की अनुमति ही नहीं है।
तंवर ने कहा कि इस अस्पताल में न तो प्रसव के लिए जरूरी सुविधाएं हैं और न ही एंबुलेंस में ऑक्सीजन सहित अन्य इंतजाम थे। वहीं 19 हजार रुपये के बिल की वसूली के लिए अस्पताल प्रबंधन ने नवजात को रेफर नहीं होने दिया। इस कारण एंबुलेंस 13 मिनट तक अस्पताल में ही खड़ी रही। बच्चे की हालत गंभीर होने के बावजूद बिल वसूली के लिए उसे नौ घंटे तक अस्पताल में रखा गया।
प्रदेश में बगैर रजिस्ट्रेशन चल रहे निजी क्लीनिकों को रोक पाने में सरकार को विफल करार देते हुए तंवर ने कहा कि आज स्वास्थ्य सुविधाएं दम तोड़ गई हैं। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की गलत नीतियों के कारण रिकॉर्ड संख्या में डॉक्टर सरकारी नौकरी छोड़ गए। सरकार को चाहिए कि मौजूदा प्रकरण से सबक लेकर व्यवस्थाएं सुधारे और अवैध क्लीनिकों को बंद कराए।
राफेल सौदे के खिलाफ 30 सितंबर को रैली
राफेल विमान सौदे के खिलाफ आंदोलन को लेकर तंवर ने बताया कि पार्टी जहां 7 से 15 सितंबर तक सभी जिलों में प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपेगी, वहीं 16 से 30 सितंबर तक राज्य व्यापी अभियान चलेगा। इस दौरान राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें 70 हजार करोड़ के घोटाले के विरोध में ज्ञापन दिया जाएगा। इसके बाद 30 सितंबर को पानीपत में प्रदेश स्तरीय रैली होगी जिसमें केंद्रीय नेता भी शामिल हो सकते हैं।