आसान नहीं होेगा निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 फीसद आरक्षण का बिल मंजूर कराना
हरियाणा सरकार ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में राज्य के युवाओं को 75 फीसद आरक्षण देना तय कर लिया है लेकिन विधानसभा में इसके लिए बिल पास कराना आसान नहीं होगा।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा सरकार के लिए निजी उद्योगों की नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 75 फीसद आरक्षण का बिल विधानसभा में मंजूर कराना आसान नहीं होगा। राज्य में मनोहर लाल सरकार के सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जजपा) का यह चुनावी वायदा है और इस पर 31 जनवरी को राज्य मंत्रिमंडल ने सहमति भी दे दी थी। इसके बावजूद इस बिल को तैयार करने में श्रम, उद्योग व रोजगार विभाग के अधिकारियों के हाथ पांव फूल रहे हैं।
जजपा के चुनाव घोषणा पत्र को सिरे चढ़ाने में भाजपा नेताओं में ही है अंतरविरोध
तीनों विभाग के अधिकारी विधानसभा में पेश करने के लिए एक ऐसा बिल तैयार कर रहे हैं, जिससे उद्यमियों को भी कोई नुकसान न हो। सूत्रों की माने तो अभी यह भी तय नहीं है कि यह बिल इस बार बजट सत्र के दौरान विधानसभा में पेश होगा भी या नहीं।
भाजपा के मंत्रियों ने मंत्रिमंडल में भी किया था विरोध
31 जनवरी को हरियाणा भवन में राज्यमंत्रिमंडल की बैठक हुई थी। इसमें जजपा के इस चुनावी वायदे को पूरा करने पर जब चर्चा हुई तो भाजपा के कोटे से मंत्रियों ने साफ तौर इसका विरोध किया। भाजपा के मंत्री चाहते थे कि यह बिल इस रूप में तैयार किया जाए ताकि उद्यमियों में इसका गलत संदेश नहीं जाए।
खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जब मीडिया को इस चर्चा के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि विधानसभा में पेश किए जाने वाले बिल पर संबंधित उद्यमियों से भी चर्चा की जाएगी। असल में भाजपा नेता चाहते हैं कि यह बिल इस रूप में तैयार हो कि मौजूदा या भविष्य के उद्यमियों के लिए यह कानून गले की फांस भी नहीं बने और जजपा का चुनावी वायदा भी पूरा हो जाए।
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राजस्थान की नीति अपनाए सरकार
सूक्ष्म,लघु और मध्यम वर्ग की औद्योगिक इकाइयों की संरक्षक संस्था आई एम एसएमई ऑफ इंडिया के अध्यक्ष राजीव चावला का कहना है कि उद्यमियों में 75 फीसद आरक्षण के इस बिल को लेकर काफी संशंय बना हुआ है। उन्होंने कहा कि उद्यमियों के लिए कानून नहीं बल्कि वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए।
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चावला ने बताया कि हरियाणा सरकार राजस्थान की तर्ज पर यह नीति बना सकती है। राजस्थान सरकार ने 19 दिसंबर 2019 को जारी नई औद्योगिक नीति में कहा है कि जो नई या पुरानी औद्योगिक इकाई 18 से 30 आयु वर्ग के राजस्थान में रहने वाले युवाओं को रोजगार देगी, उसे सरकार की तरफ से हर युवा के हिस्से की ईएसआई व पीएफ विभाग में जमा कराने वाली राशि मिलेगी। इस नीति से वहां के उद्यमी राजस्थान के युवाओं को खूब रोजगार दे रहे हैं।
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