कोरोना यौद्धाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं अनिल थापर
शिरड़ी साईं सेवा समाज के प्रबंधक और थैपसन सेक्टर-5 पंचकूला के मालिक अनिल थापर कोरोना संकट के दौरान लोगों की मदद में जुटे रहे वहीं अब वह उन लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
राजेश मलकानियां, पंचकूला
शिरड़ी साईं सेवा समाज के प्रबंधक और थैपसन सेक्टर-5 पंचकूला के मालिक अनिल थापर कोरोना संकट के दौरान लोगों की मदद में जुटे रहे, वहीं अब वह उन लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिन्होंने पर्दे के पीछे रहकर कोरोना के खतरे को भांपने के बाद भी अपने कार्य से पीछे हटने की जरूरत नहीं समझी और लोगों की सेवा में जुटे रहे। अनिल थापर गुरुद्वारों, मंदिरों में लंगर बनाने और बांटने वालों सहित समाचार पत्र वितरित करने, शहर के सफाई कर्मचारियों को सम्मानित कर रहे हैं। अनिल थापर के मुताबिक इन लोगों ने देश में विपदा के समय गरीब व जरूरतमंद लोगों की खाना और राशन बांटकर मदद की है। ऐसे लोगों का सम्मान जरूरी है। उनकी ओर से 500 ब्रांडेड पेंट और 500 ब्रांडेड शर्ट और 500 शॉल इन लोगों में सम्मान के तौर पर वितरित किए जा रहे हैं। 47 हजार किलो राशन बांटा
अनिल थापर ने बताया कि कोविड-19 में पर्दे के पीछे काम करने वालों का प्रोत्साहन भी जरूरी है। अनिल थापर द्वारा दो महीने तक कोरोना संकट में लोगों की मदद में कोई कमी नहीं छोड़ी गई। कोरोना संकट के दौरान 47 हजार किलो राशन बांटा। पांच हजार किलो दूध, करीब 25 हजार मास्क, एक हजार फेस शील्ड बांटा। अस्पतालों में पीपीई किट और पंखे दान किए। झुग्गी झौंपड़ी में रहने वालों को फूड ऑन व्हील के तहत खाना उपलब्ध करवाया। राशन और दूध की सप्लाई दी गई। पीजीआइ के डाक्टरों को राशन की सप्लाई दी गई। पंचकूला प्रशासन को रोजाना खाना पहुंचाया गया। पीजीआइ ब्लड बैंक को लेदर के गद्दे बनाकर दिए, जोकि रक्त एकत्रित करने के बाद आसानी से सेनिटाइज हो सकते हैं। स्लम एरिया के बच्चों को दिए मोबाइल
वहीं इसके साथ उन्होंने वृद्धाश्रम में खाना और दूध की सप्लाई दी जा रही है। बंदरों के लिए केले, कुत्तों के लिए दूध ब्रेड और गायों के लिए चारा दे रहे हैं। 200 लोगों को फ्री दवाईयां दी गई है, 50 लोगों को रक्त उपलब्ध करवाया। 200 यूनिट रक्त एकत्रित किया। अनिल थापर द्वारा शिरड़ी सांई सेवा समाज के बैनर तले चलाए जा रहे दिव्यांग और स्लम एरिया के बच्चों को मोबाइल फोन लेकर दिए हैं, जोकि अब ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, जोकि टीचर रोजाना बच्चों को पढ़ाती हैं।