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आठ साल में भी पूरा नहीं हुआ फरीदाबाद-नोएडा की कनेक्टिविटी का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट, जानें क्‍योंं फंसा है पेंच

Faridabad and Noida Connectivity हरियाणा के फरीदाबाद और उत्‍तर प्रदेश के नोएडा को सीधे जोड़ने की परियोजना आठ साल बाद भी अधूरी है। इस महात्‍वाकांक्षी प्रोजक्‍ट का शिलान्‍यास केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 15 अगस्‍त 2014 को किया था।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 08:52 AM (IST)
आठ साल में भी पूरा नहीं हुआ फरीदाबाद-नोएडा की कनेक्टिविटी का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट, जानें क्‍योंं फंसा है पेंच
फरीदाबाद व नोएडा को जोड़ने वाला मंझावली पुल आठ साल बाद भी पूरा नहींं हुआ है। (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली, [बिजेंद्र बंसल]। Faridabad-Noida Connectivity: हरियाणा और उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख शहरों फरीदाबाद व नोएडा के बीच सीधी कनेक्टिविटी के लिए यमुना नदी पर बनने वाला पुल आठ साल बाद भी नहीं बन पाया है। फिलहाल पुल निर्माण का कार्य जोर-शोर से चल रहा है लेकिन दोनों प्रदेशों में जमीन अधिग्रहण का मामला अटका हुआ है।

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हस्तक्षेप करते हुए अधिकारियों को दिया दो सप्ताह का अल्टीमेटम

हरियाणा सरकार ने इसे अपने फ्लैगशिप प्रोजेक्ट में शामिल किया हुआ है। प्रोजेक्ट में हो रही अनावश्यक देरी को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों के साथ इसकी समीक्षा की। सीएम ने अधिकारियों को दो सप्ताह में समस्त विवाद सुलझाने का अल्टीमेटम दिया है। उन्‍होंने अधिकारियों से कहा कि इस पुल को अगले छह माह में शुरू कर दिया जाए।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 15 अगस्‍त 2014 को मंझावली पुल का शिलान्‍यास किया था। (फाइल फोटो)

15 अगस्त 2014 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया था यमुना पर पुल का शिलान्यास

15 अगस्त 2014 को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने फरीदाबाद के मंझावली गांव में इसका शिलान्यास किया था। इस पुल की परिकल्पना मौजूदा भारी उद्योग एवं ऊर्जा राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर द्वारा की गई। कई अड़चनों के बाद इस पुल का निर्माण फरवरी 2018 में शुरू किया गया। तब 630 मीटर लंबे इस पुल के निर्माण के लिए 125 करोड़ रुपये की लागत तय की थी।

जमीन अधिग्रहण विवाद और तीन पिलरों के निर्माण तकनीकी दिक्‍कत बनी बाधा 

इस पुल निर्माण को लेकर पहली डेडलाइन दिसंबर 2019 दी गई। बाद में इसके पूरे होने डेडलाइन छह बार बदल चुकी है। अब नई डेडलाइन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिसंबर 2022 तय की है। जमीन अधिग्रहण विवाद के अलावा यमुना में बनने वाले तीन पिलराें के निर्माण में भी तकनीकी दृष्टिकोण से बाधा आ रही है। बरसात के दिन शुरू हाेने पर यमुना में एक बार फिर पानी बढ़ जाएगा।

ठेकेदार की कार्यशैली पर उठ रहे हैं सवाल

यमुना पर बनने वाले इस पुल निर्माण में देरी को लेकर संबंधित ठेकेदार की कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस पुल से पहले यमुना पर कालिंदी कुंज के पास दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाला पुल बन गया मगर मंझावली पुल का निर्माण नहीं हो सका। मंझावली पुल निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने पर भी जांच हो चुकी है। केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर कई बार इस प्रोजेक्ट का स्वयं निरीक्षण कर चुके हैं। उन्होंने ही इसके निर्माण में तेजी के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया था।

कृष्णपाल गुर्जर का यह है ड्रीम प्रोजेक्ट

केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के लिए मंझावली पुल का निर्माण एक तरह से ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस पुल के निर्माण के लिए 1987 में भी प्रयास हुए थे। तत्कालीन गृह राज्यमंत्री राजेश पायलट ने गुर्जर बिरादरी की मांग पर इस पुल निर्माण के लिए शिलान्यास किया था, मगर यह प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ा।

गुर्जर ने भी अपनी बिरादरी की इस पुरानी मांग को पूरा करने के लिए यह प्रोजेक्ट शुरू करवाया था। 2019 के चुनाव से पहले गुर्जर ने यह घोषणा कर दी थी कि यदि मंझावली पुल बनकर तैयार नहीं हुआ तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। असल में फरीदाबाद के 84 पाल के गांवों की रिश्तेदारी यमुना पार नोएडा व ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में हैं। इसलिए भी इस पुल की ज्यादा आवश्यकता महसूस की जा रही है।

इस पुल निर्माण से नजदीक हो जाएगा जेवर एयरपोर्ट

मंझावली पुल निर्माण से फरीदाबाद के लिए जेवर एयरपोर्ट काफी नजदीक हो जाएगा। मंझावली पुल से ग्रेटर फरीदाबाद और फरीदाबाद की सीधी कनेक्टिविटी है। महज 15 मिनट में ग्रेटर फरीदाबाद से मंझावली पुल और फिर वहां से आगे 15 मिनट में जेवर एयरपोर्ट पहुंचा जा सकेगा। इतना ही नहीं इस पुल के बनने से फरीदाबाद के सबसे पिछड़े और यमुना के साथ लगते गांवों में भी बाहर आएगी।

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