जीत के बाद मनोहर सरकार का बड़ा दांव, पंचकूला और अंबाला को फिर निगम बनाने की तैयारी
पांच नगर निगमों में मिली भारी-भरकम जीत से उत्साहित सरकार ने अंबाला व पंचकूला को फिर से निगम बनाने की कवायद शुरू कर दी है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पांच नगर निगमों में मिली भारी-भरकम जीत से उत्साहित सरकार ने अंबाला व पंचकूला को फिर से निगम बनाने की कवायद शुरू कर दी है। अंबाला व पंचकूला पहले से निगम थे, लेकिन इन्हें भंग कर दिया गया था। अंबाला नगर निगम से अंबाला छावनी और पंचकूला नगर निगम से कालका व पिंजौर को निकाल दिया गया था। यह केस हाईकोर्ट में चल रहा है।
मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा नगर पालिका (संशोधन) अधिनियम 2018 को मंजूरी दी गई। इसके तहत सरकार की कोशिश पिंजौर व कालका को बाहर रखकर पंचकूला निगम बनाने तथा अंबाला छावनी को बाहर रखकर अंबाला नगर निगम बनाने की है। नियमों में संशोधन के बाद अब सरकार जनगणना के ताजा आंकड़ों का इंतजार नहीं करेगी।
वर्तमान में 2011 की जनसंख्या को आधार मानते हुए आगे के सात वर्षों यानी 2018 तक बढ़ी हुई जनसंख्या का आकलन सरकार खुद अपने स्तर पर करेगी। दरअसल, निगम के गठन के लिए शहर की आबादी तीन लाख होनी चाहिए।
पहले पंचकूला में पिंजौर और कालका तथा अंबाला सिटी में कैंट को इसलिए शामिल किया गया ताकि इन शहरों की आबादी मिलकर तीन लाख हो सके। अगली जनगणना 2021 में होनी है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने साल-दर-साल बढऩे वाली आबादी का अपने स्तर पर आकलन करने का फैसला लिया है। ऐसा करने से प्रदेश में नए नगर निगमों के अलावा परिषदों और पालिकाओं के गठन का रास्ता आसान हो जाएगा।