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पिजौर और कालका अलग करने का चौतरफा स्वागत

पिजौर और कालका को पंचकूला नगर निगम से अलग करके नगर परिषद बना दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 08:34 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 06:15 AM (IST)
पिजौर और कालका अलग करने का चौतरफा स्वागत
पिजौर और कालका अलग करने का चौतरफा स्वागत

जागरण संवाददाता, पंचकूला : पिजौर और कालका को पंचकूला नगर निगम से अलग करके नगर परिषद बना दिया गया है। अलग नगर परिषद बनने पर पंचकूला के राजनेताओं ने खुशी जताई है। मंत्रिमंडल के फैसल के बाद पंचकूला नगर निगम, पिजौर-कालका नगर परिषद में चुनाव होने की संभावना बन गई है। इससे लोग अपने निर्वाचित पार्षदों के जरिये स्थानीय फैसले कराने में सक्षम हो सकेंगे। पार्षद, प्रधान और मेयर अपने-अपने क्षेत्रों में विकास करवाएंगे। पिछले दो साल से पिजौर-कालका-पंचकूला और साथ लगते गांवों में विकास कार्य ठप पड़े हैं। नगर निगम का कार्यकाल पूरा हो गया था और चुनाव न होने के कारण यहां की बागडोर अफसरों के हाथों में रही। अब पंचकूला के विकास फोक्स होगा। गांवों में भी विकास की झड़ी बहेगी। मैं दावे से कह सकता हूं कि पिछले 15 साल में इतना पैसा नहीं आया, जितना छह साल में पंचकूला को मिला है। बरवाला पंचायत को अकेले 10 करोड़ रुपये मिले। हमारा मुख्य मुद्दा विकास है, जिसके दम पर हम चुनाव जीतेंगे। लोगों की वर्षों पुरानी मांग अब पूरी हो गई है।

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-ज्ञानचंद गुप्ता, अध्यक्ष, हरियाणा विधानसभा

वह कालका विधानसभा की उन्नति और प्रगति के लिए निरंतर प्रयासरत है। कालका चाहे निगम में शामिल हो या फिर इसे परिषद का दर्जा मिले किसी भी सूरत में शहर के विकास कार्य में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए। कालका व उसके साथ लगते गावों में आज भी कई भागों में स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं, रोड की हालत बिल्कुल खस्ता है, संपर्क मार्गों की हालत दयनीय होने के साथ-साथ कई सड़कें ऐसी हैं जिनका गारंटी पीरियड है लेकिन उनकी रिपेयर तक नही की जा रही।

-प्रदीप चौधरी, विधायक, कालका

हरियाणा मंत्रिमंडल की तरफ से पंचकूला नगर निगम से पिजौर-कालका को अलग कर नगर परिषद बनाने और पंचकूला को नगर निगम बनाए रखने के फैसले का स्वागत किया है। सोमवार को यहां जारी बयान में रविद्र रावल ने कहा कि इस फैसले से न केवल पंचकूला नगर निगम क्षेत्र में तेजी से विकास होगा बल्कि पिजौर-कालका नगर परिषद क्षेत्र में भी विकास का पहिया तेजी से घूमेगा। पंचकूला नगर निगम में पंचकूला शहर और साथ लगते 21 गांव भी शामिल होंगे।

-रविद्र रावल, पूर्व प्रधान, पंचकूला नगर परिषद यह फैसला स्वागत योग्य है, क्योंकि पंचकूला के लोग टैक्स अधिक देते थे और पैसा पिजौर-कालका में लगता था। निर्वाचित प्रतिनिधि न होने से पंचकूला नगर निगम में अफसरों ने मनमर्जी से शासन चला रहे थे। विकास के सारे कार्य रुक गए थे। इस अवधि में नगर निगम की कार्यप्रणाली में विभिन्न अनियमिताएं हुईं। विकास कार्यों में कई घोटाले भी उजागर हुए। प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति में नगर निगम अफसरों ने जनता के द्वारा अपने खून पसीने की कमाई से दिए टैक्स इत्यादि की राशि का अपनी मर्जी से प्रयोग किया। इसलिए सरकार को अब जल्द चुनाव करवाने चाहिए।

-रंजीता मेहता, प्रवक्ता, हरियाणा कांग्रेस

यह कालका-पिजौर वासियों के संघर्ष का नतीजा है। कालका नगर परिषद बनना जरूरी था और वह 10 साल से मांग कर रहे है। हाल ही में पांच फरवरी 2020 को ही मुख्यमंत्री से विजय बंसल ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की थी, जिसपर मुख्यमंत्री ने मुहर लगा दी है। उनका हमेशा से मानना था कि परिषद बनने से इलाके में विकास को तेजी मिलेगी और बजट भी पूर्ण होगा। अब जहां विकास होगा वही हाउस टैक्स जोकि पहले निगम में पंचकूला की तरह ज्यादा देना होता था अब वैसा नहीं रहेगा।

-विजय बंसल, अध्यक्ष, शिवालिक विकास मंच यह बहुत सराहनीय फैसला है। घग्गर पार के सेक्टरों की अहमियत भी बढ़ेगी। इन सेक्टरों में काम काफी प्रभावित थे। विभिन्न समस्याओं से इन सेक्टरों के लोगों को गुजरना पड़ता है। आवारा गायों, डंपिग ग्राउंड जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए नगर निगम का फोकस क्लीयर होगा, क्योंकि अभी तक पंचकूला के अधिकारियों को पिजौर व कालका में भी अलग से समय देना पड़ता था।

-जसवीर सिंह गोयत, पूर्व प्रधान, सेक्टर-28 आरडब्ल्यूए सीएम साहब ने पंचकूला को बड़ी सौगात दी है। भाजपा इसका स्वागत करती है, क्योंकि बहुत समय से यह मांग उठ रही थी। पिजौर एवं कालका मिलाने के कारण गांवों के लोगों को पंचकूला आना पड़ता था। अब नगर परिषद एवं पंचकूला नगर निगम अलग होने से विकास पर फोकस हो पाएगा।

-संघमित्रा सिवाच, पूर्व मनोनीत पार्षद पंचकूला की जनता को चुनाव का इंतजार

जननायक जनता पार्टी के पंचकूला विधानसभा हलका प्रधान मनोज अग्रवाल ने कहा कि यह फैसला सराहनीय है। पंचकूला की जनता काफी समय से चुनाव का इंतजार कर रही है। सरकार ने अब फैसला कर लिया है, तो जल्द ही सभी प्रक्रियाएं पूरी करके चुनाव करवाने चाहिए। लोग अपने प्रतिनिधि चुन सकेंगे, ताकि विकास के काम करवा सकें। जनप्रतिनिधि ही जनता की समस्याओं को भली भांति समझ सकता है। कालका-पिंजौर का विकास होगा

जिला शहरी प्रधान ओपी सिहाग ने कहा कि नगर निगम पंचकूला से पिजौर एवं कालका को अलग कर नगर परिषद बनाने का फैसला सराहनीय है। इससे जहां पंचकूला के इलाके में विकास हो सकेगा, उसकी तरह कालका-पिजौर में विकास के आयाम स्थापित होंगे, क्योंकि दोनों भूगौलिक स्थिति के हिसाब से ठीक नहीं था।


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