वित्तीय संकट पर सभी दल एकजुट, विधायकों के वेतन में एक साल तक 30 फीसदी कटौती
हरियाणा में कोरोना के कारण पैदा वित्तीय संकट से निपटने को सभी सियासी दल एकजुट हो गए हैं। राज्य में इससे निपटने को सभी विधायकों के वेतन से एक साल तक 30 फीसदी की कटौती होगी।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में कोरोना महामारी की वजह से आई आपदा से निपटने के लिए सभी राजनीतिक दल एकजुट हो गए हैं। कोरोना की वजह से हुए लाॅकडाउन के चलते राज्य में भारी आर्थिक संकट पैदा हो गई। अप्रैल माह तक करीब नौ हजार करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। यह नुकसान मई और जून में करीब 20 हजार करोड़ रुपये तक हो सकता है। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने एकमत होकर कोरोना रिलीफ फंड में आर्थिक सहयोग देने का भरोसा दिलाया है। विधायकों के वेतन से एक साल तक हर माह30 फीसद की कटौती होगी।
पार्टियां व विधायक कोरोना रिलीफ फंड में देंगे धन, आदर्श ग्राम योजना की विधायकों की ग्रांट भी फंड में जाएगी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कोरोना रिलीफ फंड में आर्थिक सहयोग दिए जाने के मुद्दे पर चर्चा हुई। बैठक में कांग्रेस की ओर से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा, जजपा की ओर से डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला व प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान सिंह, भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, गृह मंत्री अनिल विज, इनेलाे की ओर से अभय सिंह चौटाला और निर्दलीय विधायकों की ओर से जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला व हलोपा की ओर से विधायक गोपाल कांडा शामिल हुए।
पूर्व विधायकों की पेंशन में भी कटौती का प्रस्ताव तैयार
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बैठक में जानकारी दी कि सभी मंत्रियों, राज्यपाल, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और गवर्नर के स्वैच्छिक कोटे से 51 करोड़ रुपये की राहत राशि प्रदान करने का निर्णय लिया जा चुका है। भाजपा पहले ही एक करोड़ रुपये की राशि दे चुकी है, जबकि जननायक जनता पार्टी ने सबसे पहले 51 लाख रुपये की राशि राहत कोष में दी थी। सीएम ने प्रस्ताव दिया कि राजनीतिक दल और भी आर्थिक सहयोग करें। साथ ही विधायकों के वेतन की 30 फीसदी राशि एक साल तक काटी जाए, जबकि पूर्व विधायकों की पेंशन राशि में भी कटौती की जाए।
विधायकों के वेतन में एक साल के लिए 30 फीसदी कटौती की सहमति बन चुकी है, जबकि पूर्व विधायकों की पेंशन में कटौती पर अंतिम सहमति बननी बाकी है। पूर्व विधायक अपनी एक माह की पेंशन देने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं। कुछ ऐसे पूर्व विधायकों से सहमति ली जानी बाकी है, जो पार्टी स्तर पर चुनकर नहीं आए हैं।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और गृह मंत्री अनिल विज ने इसकी पुष्टि की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बाद में जनता से रूबरू होते हुए बताया कि आदर्श ग्राम योजना के तहत जो पैसा विधायकों को उनके द्वारा गोद लिए गांवों में खर्च करने के लिए दिया जाता है, वह भी कोरोना राहत फंड में जमा होगा।
बैठक में हुड्डा, सैलजा, अभय, दुष्यंत, बराला और रणजीत इस बात पर सहमत थे कि सभी राजनीतिक दल अपने स्तर पर चर्चा के बाद कोरोना रिलीफ फंड में आर्थिक सहयोग देंगे। साथ ही सरकार को यह सुझाव भी दिया गया कि पूंजीपतियों व धनाढ्य लोगों से सहयोग लिया जाए और केंद्र सरकार से राहत पैकेज के लिए प्रस्ताव भेजा जाए।
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