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नगर निगम चुनाव से आगे की राह तलाश रहीं सभी पार्टियां, होगा 2019 का ट्रायल

हरियाणा में पांच नगर निगमों के चुनाव 2019 के आम चुनावके ट्रायल जैसे हो गए हैं। सभी राजनीतिक पार्टियां इसके जरिये अपनी थाह लेने में जुटती दिख रही हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 28 Nov 2018 07:26 PM (IST)Updated: Thu, 29 Nov 2018 09:09 AM (IST)
नगर निगम चुनाव से आगे की राह तलाश रहीं सभी पार्टियां, होगा 2019 का ट्रायल
नगर निगम चुनाव से आगे की राह तलाश रहीं सभी पार्टियां, होगा 2019 का ट्रायल

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में पांच नगर निगमों के चुनाव मिनी आम चुनाव सरीखा होता दिख रहे हैं। इससे सभी राजनीतिक दलों और इसके दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा से जुड़ गई है।सभी पार्टियां निगम चुनाव के ज‍रिये आगे की राह तलाशेंगी और उनके लिए यह 2019 के चुनाव का ट्रायल होंगे। नगर निगम चुनाव में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय चौटाला की भविष्य की राजनीति का आधार भी यह चुनाव बनने जा रहे हैं।

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टिकट के लिए सबसे अधिक मारामारी भाजपा में, सीएम निवास पर टिकटार्थियों का डेरा, संघ की भी शरण

जानकारों का कहना है कि भाजपा, कांग्रेस और इनेलो 2019 में हाेने वाले लोकसभा चुनाव के लिए इसे अपने लिए सर्वेक्षण के तौर पर लेंगे। यही कारण है कि रोहतक, करनाल, पानीपत, हिसार और यमुनानगर के नगर निगमों के चुनाव में टिकट के लिए सभी दलों में मारामारी है। मेयर और पार्षद का टिकट हासिल करने के लिए सबसे अधिक मारामारी भाजपा में है। राज्य में पहली बार मेयर के चुनाव सीधे मतदान के जरिये हो रहे हैं। भाजपा ने पहली बार मेयर के चुनाव डायरेक्ट कराने का साहस दिखाया है।

भाजपा की प्रांतीय चुनाव समिति पांचों नगर निगमों के मेयर और पार्षदों के टिकटों पर होमवर्क पूरा कर चुकी है। सभी मंत्री अपने जिलों में जाकर ग्राउंड रिपोर्ट हासिल कर रहे हैं। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने अपने विवाह की वर्षगांठ के बावजूद मंगलवार देर रात तक यमुनानगर में प्रत्याशियों के नामों पर मंथन किया।

कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़, अनिल विज, डाॅ. बनवारी लाल और नायब सिंह सैनी का होमवर्क भी लगभग पूरा है। मंत्री प्रत्येक नगर निगम में मेयर पद के लिए तीन-तीन प्रत्याशियों के नामों का पैनल एक दिसंबर को नई दिल्ली में होने वाली प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में रख सकते हैं।

भाजपा के हरियाणा प्रभारी डॉ. अनिल जैन व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मौजूदगी में होने वाली इस बैठक में 1 दिसंबर को ही मेयर पद के उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जा सकते हैं। पार्षद पद के उम्मीदवारों की सूची 2 दिसंबर को जारी होगी। 1 से 6 दिसंबर तक नामांकन और 16 दिसंबर को मतदान का दिन तय किया गया है।

भाजपा में टिकट के तलबगार नेता मुख्यमंत्री निवास पर चक्कर काट रहे हैं। वे भाजपा के प्रांतीय प्रभारी डाॅ. अनिल जैन, प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला और प्रांतीय संगठन महामंत्री सुरेश भट्ट का भरोसा जीतने की भी कोशिश कर रहे हैं। कई दावेदार आरएसएस नेताओं की शरण में हैं।

भाजपा के बाद हुड्डा की सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा

भाजपा के बाद इस चुनाव में सबसे बड़ी परीक्षा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की होने वाली है। हुड्डा हालांकि सिंबल पर चुनाव लड़ने के हक में नहीं हैं, लेकिन पार्टी के बाकी नेताओं अशोक तंवर और सैलजा के दबाव में हुड्डा को सिंबल पर चुनाव लड़ने का मन बनाना पड़ सकता है। रोहतक में उनके लिए कांग्रेस का उम्मीदवार जिताकर लाना बड़ी चुनौती होगी। यहां जाट आरक्षण आंदोलन की लपटें उठी थीं।

अभय चौटाला के चुनावी कौशल की भी होगी परीक्षा

इनेलो में पारिवारिक तकरार और विभाजन के बाद अभय चौटाला की यह पहली चुनावी परीक्षा होगी। एेसे में उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। चौटाला की कोर टीम के सदस्य सिर्फ मेयर का चुनाव ही इनेलो-बसपा गठबंधन के बैनर तले लड़ने का निर्णय ले चुके हैं। पार्षद के चुनाव में इनेलो व बसपा संभावित उम्मीदवारों का बाहरी समर्थन करेंगे।


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