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जेल से बाहर आते ही अजय चौटाला ने किया 'रण' का ऐलान, तेवर देख बड़े चौटाला ने भेजा दूत

दुष्‍यंत और दिग्विजय चौटाला के पिता डॉ. अजय सिंह चौटाला आज पैराल पर तिहाड़ जेल से बाहर आ गए। इसके बाद अजय चौटाला ने आक्रामक तेवर दिखाते हुए कहा, इनेलो किसी की बपौती नहीं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 01:23 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 04:51 PM (IST)
जेल से बाहर आते ही अजय चौटाला ने किया 'रण' का ऐलान, तेवर देख बड़े चौटाला ने भेजा दूत
जेल से बाहर आते ही अजय चौटाला ने किया 'रण' का ऐलान, तेवर देख बड़े चौटाला ने भेजा दूत

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलाे) के विवाद में आज से नया मोड़ आ गया है।  सोमवार को तिहाड़ जेल से बाहर आए इनेलो के महासचिव अजय सिंह चौटाला ने रण का ऐलान कर दिया। सांसद दुष्‍यंत चौटाला अौर दिग्विजय चौटाला को इनेलो से निष्‍कासित किए जाने के बाद उनके पिता अजय सिंह चौटाला सोमवार दोपहर तिहाड़ जेल से पैरोल पर बाहर आ गए। अजय चौटाला ने कहा, मांगने से कुछ नहीं मिलता, छीनना पड़ता है। अब रण होगा आैर इनेलो किसी की बपौती नहीं है।

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जेल से बाहर आने के बाद दुष्‍यंत चौटाला उनको दिल्‍ली अपने सरकारी आवास 18 जनपथ लेकर पहुंचे। वहां हजारों की संख्‍या में समर्थकों ने स्‍वागत किया। दूसरी आेर, अजय चौटाला के कड़े तेवर को देख इनेलो सुप्रीमो अोमप्रकाश चौटाला अपना एक दूत भेजा। अभय चौटाला के बड़े पुत्र कर्ण चौटाला ने अजय चौटाला से भेंट की।

जेल से बाहर आने के बाद बेटे दुष्‍यंत चौटाला के साथ अजय सिंह चौटाला।

कहा- इनेलो किसी की बपौती नहीं, मेरे पिता नहीं, मांगने से नहीं मिलता छीनना पड़ता है

इस बीच, अहम घटनाक्रम में अभय चौटाला के पुत्र कर्ण चौटाला ने नई दिल्‍ली में चाचा अजय चौटाला से मुलाकात की। माना जा रहा है कि कर्ण चाैटाला ने दादा अोमप्रकाश चौटाला के दूत के तौर पर अजय चौटाला से मुलाकात की है। चर्चा है कि कर्ण चौटाला ने चाचा अजय चौटाला को दादा का संदेश दिया। माना जा रहा है अजय के तेवर को आेमप्रकाश चौटाला ने बेहद गंभीरता से लिया है और बड़े बेटे को शांत और संयम बरतने की संदेश भिजवाया।

दादा ओमप्रकाश चौटाला के दूत बन अजय चौटाला से मिलने पहुंचे कर्ण चौटाला

अजय सिंह चौटाला इनेलो के प्रदेश प्रधान महासचिव हैं। अजय चौटाला जब तिहाड़ जेल से बाहर अाए तो काफी संख्‍या में समर्थकों ने जेल के बाहर उनका स्‍वागत किया। इसका बाद सांसद पुत्र दुष्‍यंत चौटाला उनको कार से अपने सरकारी अावास उनको लेकर पहुंचे। जेल से बाहर आने के बाद अजय चौटाला अपने बेटों दुष्यंत व दिग्विजय पक्ष में खुलकर सामने आ गए।

अजय चौटला से मिलने पहुंचे अभय चौटाला के पुत्र कर्ण चौटाला।

अजय चौटाला ने कहा, 17 नवंबर को जींद की रैली करेंगे अंतिम निर्णय

अजय चौटाला ने समर्थकों से रूबरू होते हुए कहा, अब रण होगा और झुकने का सवाल नहीं है। चौधरी ओमप्रकाश चौटाला कहते थे कि मांगने से कुछ नहीं मिलता, छीनने से मिलता है। तो अब हम भी अपना हक छीन कर लेंगे और 17 नवंबर को जींद में आयोजित कार्यकर्ता रैली में अंतिम निर्णय होगा। अजय के तेवर से साफ हो गया है कि इनेलाे तोफाड़ हो गया है और अब बस एेलान बाकी रह गया है।

शिक्षक भर्ती घोटाले में अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के साथ 10 वर्ष की सजा काट रहे पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला सोमवार सुबह 14 दिन की पैरोल पर बाहर आए। वह सबसे पहले उन्होंने राजघाट के पास अपने दादा पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी देवीलाल की समाधि संघर्ष स्थल पर पहुंचे और उनको श्रद्धांजलि अर्तिप की। इसके बाद व‍ह अपने पुत्र और हिसार से सांसद दुष्यंत चौटाला के निवास 18 जनपथ पर पहुंचे। वहां  अजय चौटाला के तेवर  काफी तीखे नजर आए।

अजय चौटाला ने कहा कि इंडियन नेशनल लोकदल किसी की बपौती नहीं है। यहां तक कि मेरे बाप की भी नहीं है। यह पार्टी आम कार्यकर्ताओं की है। उन्होंने कहा कि असली इनेलो कौन है आैर यह किसकी है, यह जींद में 17 नवंबर को होने वाली रैली में तय हो जाएगा। ऐसे में अजय चौटाला के इस वक्तव्य के बाद यह साफ हो गया है कि दुष्यंत और दिग्विजय की टीम अब प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर इनेलो पर अपना अधिकार जमा आएगी और चुनाव आयोग के समक्ष भी चश्मे के निशान पर अपना अधिकार जताने के लिए पहुंचेगी।

समर्थकों के बीच दुष्‍यंत चौटाला।

अजय चौटाला का संदेश मिलने के बाद उनके समर्थकों के कहना था कि हम अपना अधिकार मांगेंगे नहीं छीन लेंगे। हरियाणा विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला के खास समर्थक रहे पूर्व मंत्री और दो बार होडल से विधायक रहे जगदीश नय्यर ने आज दुष्यंत चौटाला का दामन थाम लिया। वह 18 जनपथ पर इनेलो के दो विधायक अनूप धनक और राजदीप फोगाट भी मौजूद रहे।

अजय चौटाला दीपावली तक दिल्ली में रुककर पुराने समर्थकों को जोडऩे के बाद वह प्रदेश व्यापी दौरा कर बेटों के समर्थन में भावनात्मक माहौल बनाएंगे। दुष्‍यंत के अावास पर सुबह ही हजारों की संख्‍या में समर्थक पहुंच गए थे। यहां पहुंचने पर समर्थकों ने अजय, दुष्‍यंत और दिग्विजय चौटाला के समर्थन में जमकर नारेबाजी की।

दुष्‍यंत चौटाला के अावास पर जुटे समर्थक।

शिक्षक भर्ती घोटाले में अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के साथ दस वर्ष की सजा काट रहे अजय चौटाला ने पिछले पांच साल में सक्रिय राजनीति में हिस्सा नहीं लिया। वह पैरोल पर आने के बाद भी कार्यकर्ताओं से सिर्फ घर पर मिलते थे लेकिन इस बार दुष्यंत व दिग्विजय की टीम ने उनका पूरे प्रदेश में दौरा तय किया है। इस दौरान समर्थकों के बीच उनके भाषण की पटकथा भी लिखी जा चुकी है। अजय समर्थकों के बीच यह मुद्दा भी भावनात्मक तरीके से उठाएंगे कि उनके जेल में रहते हुए दोनों बेटों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।

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दिल्ली ही रहेगी राजनीति का केंद्र

इनेलो में चल रही वर्चस्व की इस लड़ाई का केंद्र फिलहाल दिल्ली ही रहेगी।  दुष्यंत और दिग्विजय 18 जनपथ से अपनी राजनीतिक गतिविधियां चलाएंगे तो अभय सिंह चौटाला 11 मीना बाग स्थित आवास से पार्टी की गतिविधियां चलाएंगे।

दुष्‍यंत चौटाला के आवास पर जुटे समर्थक।

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18 जनपथ पर पांच साल में पहली बार मनेगी दीपावली

अजय चौटाला के जेल जाने के बाद से दिल्ली और चौटाला गांव में दीपावली का पर्व सिर्फ पूजन तक सीमित था। मगर इस बार 18 जनपथ को बिजली की हरी लडिय़ों से सजाया गया है। रविवार को भी यहां तैयारी चल रही थी। धनतेरस के दिन 14 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद अजय सीधे 18 जनपथ आएंगे। यहां से वह अपने दादा ताऊ देवीलाल की राजघाट के नजदीक बनी समाधि संघर्ष स्थल पर जा सकते हैं। सूत्र यह भी कह रहे हैं कि देवीलाल की समाधि से ही अजय अपने पुत्रों की राजनीति के लिए पूरे प्रदेश में अपने समर्थकों को संदेश देंगे।

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दूसरे दलों में जा चुके दोस्त नेताओं को देंगे घर वापसी का न्योता

अजय चौटाला अपने उन दोस्त नेताओं को भी घर वापसी का न्योता देंगे जो उनके जेल जाने के बाद पार्टी छोड़कर दूसरे दलों में चले गए थे। पिछले पांच सालों में पार्टी में उपेक्षा के चलते अजय के कई समर्थक भाजपा और कांग्रेस में चले गए थे। अब उनके पास अजय के खासमखास नेताओं ने संदेश भिजवाया है कि वे घर वापसी कर लें।

सूत्र बता रहे हैं कि दीपावली से पहले दो दिन तक दिल्ली में रहकर अजय चौटाला ऐसे एक दर्जन नेताओं से मुलाकात करेंगे और उन्हें दुष्यंत-दिग्विजय की पार्टी में शामिल कराएंगे। उनकी कोशिश होगी कि दुष्यंत-दिग्विजय को अपनी पुरानी टीम के मंझे हुए नेता सौंप दें। यह भाजपा व कांग्रेस को चुनावी साल में राजनीतिक झटका भी होगा।

अजय के परिवार के शुभचिंतक रणनीतिकारों ने अब यह फैसला भी ले लिया है कि दुष्यंत-दिग्विजय या तो इनेलो के ही कर्ताधर्ता बनेंगे या फिर जननायक सेवा दल के माध्यम से राजनीति करेंगे। सूत्रों की मानें तो अजय के दस पुराने नेता एक सप्ताह में दुष्यंत-दिग्विजय खेमे में नजर आएंगे।

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अजय की हरियाणा नापने की तैयारी

अब जेल से बाहर अाने के बाद अजय चौटाला की पूरा हरियाणा नापने की तैयारी है। उनके दौरे का रोडमैप पहले ही तैयार कर लिया गया था। जेल से बाहर आते ही अजय चौटला ने अपने करीबी नेताओं से बातचीत शुरू कर दी है। वह अभी दो दिन दिल्ली में रहकर अपने खास समर्थकों के साथ रायशुमारी करेंगे।  उसके बाद राज्य प्रदेश में कार्यकर्ताओं से रायशुमरी करते हुए चंडीगढ़ पहुंचेंगे।

पूरे प्रदेश से अपने समर्थकों का फीडबैक हासिल करने के बाद ही अजय चौटाला कोई कदम उठाएंगे, लेकिन इतना तय है कि वापस जेल जाने से पहले अजय चौटाला अपने सांसद बेटे दुष्यंत और दिग्विजय के लिए जमीन तैयार कर देंगे। उनके जेल जाने के बाद मोर्चा नैना सिंह चौटाला संभाल लेंगी।


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