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पौने तीन साल बाद मिलेगी भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता, जारी होगा सार्वजनिक गजट नोटिफिकेशन

हरियाणा में साढ़े तीन वर्ष के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता मिलेगी। इसके लिए सार्वजनिक गजट नोटिफिकेशन जारी होगा। अभी तक विधानसभा की ओर से हुड्डा को नेता विपक्ष के रूप में मान्यता देने संबंधी नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ था।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 19 Aug 2022 07:29 PM (IST)Updated: Fri, 19 Aug 2022 07:29 PM (IST)
पौने तीन साल बाद मिलेगी भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता, जारी होगा सार्वजनिक गजट नोटिफिकेशन
हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विपक्ष के नेता के रूप में करीब पौने तीन साल के लंबे अंतराल के बाद अब मान्यता मिल सकेगी। हुड्डा इतने समय से बिना गजट नोटिफिकेशन के ही विपक्ष के नेता के पद पर कार्यरत थे।

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दो दिन पहले ही विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमावली में संशोधन कर गजट नोटिफिकेशन जारी करने का प्रविधान किया गया है। अभी तक विधानसभा की ओर से हुड्डा को नेता विपक्ष के रूप में मान्यता देने संबंधी सार्वजनिक गजट नोटिफिकेशन हरियाणा सरकार के शासकीय गजट में प्रकाशित नहीं की गई थी।

करीब चार माह पहले एडवोकेट हेमंत कुमार ने विधानसभा सचिवालय की इस गलती पर ध्यान दिलाया था। हुड्डा को विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता नहीं दिए जाने की गलती भूलवश हुई थी अथवा इसके पीछे कोई कारण था, ऐसा विधानसभा की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। न ही इस बारे में कभी हुड्डा ने कोई आपत्ति दर्ज की थी, लेकिन कानून के जानकार लोग नोटिफिकेशन जारी नहीं करने को विधानसभा सचिवालय के काम में लापरवाही मानते हैं।

एडवोकेट हेमंत कुमार ने इस संबंध में राज्यपाल, सदन के नेता (मुख्यमंत्री) और विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को प्रतिवेदन भेजा था। उन्हें विधानसभा सचिवालय से आरटीआइ में जानकारी मिली कि आज तक हरियाणा विधानसभा में अलग-अलग समय पर एक दर्जन से ऊपर रह चुके नेता प्रतिपक्ष की तत्कालीन विधानसभा अध्यक्षों द्वारा मान्यता देने संबंधी गजट नोटिफिकेशन कभी जारी ही नहीं की गई। जब भी विधानसभा के स्पीकर द्वारा नेता प्रतिपक्ष के तौर पर सदन में सबसे बड़े दल के नेता को मान्यता दी जाती है, विधानसभा सचिवालय से राज्य सरकार को मात्र एक पत्र भेज दिया जाता है।

चार नवंबर 2019 को भूपेंद्र हुड्डा को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मौजूदा सदन में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मान्यता देने के संबंध में भी विधानसभा सचिवालय के सचिव द्वारा प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जानकारी दी गी थी। इस पत्र में हुड्डा के नेता प्रतिपक्ष बनने तथा प्रासंगिक अधिनियम एवं नियमों के अंतर्गत प्रदान होने वाली सभी सुविधाओं का उल्लेख किया गया था।

हेमंत कुमार ने बताया कि जब उन्होंने इसी वर्ष 25 अप्रैल को पडोसी पंजाब राज्य के संसदीय कार्य विभाग द्वारा वहां के सरकारी गजट में प्रकाशित प्रताप सिंह बाजवा की मौजूदा 16वीं पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने संबंधी नोटिफिकेशन देखी, तो इसके बाद उन्होंने हरियाणा में भूपेंद्र हुड्डा के बारे में जारी ऐसी नोटिफिकेशन को ढूंढा, परंतु उन्हें वह नहीं प्राप्त हुई। तब उन्होंने यह मामला उठाया। पंजाब में नेता प्रतिपक्ष हेतु प्रदेश विधानसभा द्वारा वर्ष 1978 में एक विशेष कानून बनाया गया था, जिसकी धारा नौ में पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के बारे में नोटिफिकेशन जारी की जाती है।


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