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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का फैसला होते ही निपटेगा हरियाणा का विवाद

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को उम्मीद है कि अगले एक सप्ताह में प्रदेश नेतृत्व पर फैसला हो जाएगा। हुड्डा की उम्मीद की वजह नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन से जुड़ी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 01:43 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jul 2019 08:49 AM (IST)
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का फैसला होते ही निपटेगा हरियाणा का विवाद
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का फैसला होते ही निपटेगा हरियाणा का विवाद

जेएनएन, चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को उम्मीद है कि अगले एक सप्ताह में प्रदेश नेतृत्व पर फैसला हो जाएगा। हुड्डा की उम्मीद की वजह नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन से जुड़ी है। उनका मानना है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का फैसला होते ही हरियाणा की स्थिति साफ हो जाएगी। तब तक पार्टी नेता अपने-अपने ढंग से विधानसभा चुनाव की तैयारी करेंगे।

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हुड्डा ने दावा किया कि अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा में होगा। चंडीगढ़ स्थित अपने निवास पर शुक्रवार को पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोशल मीडिया पर प्रसारित उन अटकलों को सिर से खारिज कर दिया, जिसमें चुनाव से पहले उनके द्वारा अलग पार्टी के गठन की बातें कही गई हैं।

हुड्डा ने कहा कि हर तरह के कार्यकर्ता होते हैं। कोई नई पार्टी बनाने का सुझाव देता है तो कोई कांग्रेस में रहकर भाजपा को मात देने की बात कहता है। इसका मतलब यह नहीं कि मैं नई पार्टी बना रहा हूं। यह सब सोशल मीडिया व राजनीतिक विरोधियों की चाल है। हुड्डा ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि जब मैं कह रहा हूं कि हरियाणा में कांग्रेस दोबारा से सत्ता में आएगी तो नई पार्टी के गठन का सवाल बेयमाने है। मैं कांग्रेसी हूं और कांग्रेस में ही रहूंगा। बार-बार कुरेदने पर हुड्डा ने मुस्कुराते हुए कहा, 'तेल देखो और तेल की धार देखो।'

राजनीति में कभी भी कुछ भी संभव है। हरियाणा में कांग्रेस के किसी दल से गठबंधन से जुड़े सवाल पर हुड्डा ने कहा कि समान विचारधारा वाले दल एक हो सकते हैं। बसपा से गठबंधन की संभावना को लेकर टटोलने पर हुड्डा ने कहा कि मैं कैसे कह दूं कि इसकी संभावना नहीं बन सकती।

इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला के सत्ता में आने के दावे से जुड़े सवाल पर हुड्डा ने चुटकी ली। उन्होंने कहा कि मैं तो पहले दिन से कह रहा हूं कि इनेलो मुख्य विपक्षी दल नहीं बल्कि भाजपा का सहयोगी दल है। अब यह साबित हो गया है। इनेलो के सारे विधायक धीरे-धीरे भाजपा में शामिल हो रहे हैं।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर द्वारा गठित चुनाव योजना एवं प्रबंधन समिति की सक्रियता से जुड़े सवाल पर हुड्डा ने कहा कि इसे राष्ट्रीय महासचिव गुलाम नबी आजाद भंग कर चुके हैं। ऐसी कोई कमेटी अस्तित्व में नहीं है। अगर फिर भी कोई ऐसी कमेटी के नाम पर बैठक करता है तो यह अनुशासनहीनता है।

हुड्डा ने इन मुद्दों पर भी विरोधियों को घेरा

  • भाजपा के राज में बेरोजगारी बढ़ी है। कांग्रेस राज में उत्तरी भारत के राज्यों में बेरोजगारी की दर 2.8 फीसद थी, जो अब बढ़कर 8.6 फीसद हो गई है।
  • कच्चे कर्मचारियों को नौकरियों से हटाया जा रहा है। नियमित नौकरियां बेची जा रही है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग परचून की दुकान की तरह काम कर रहा है।
  • हरियाणा में करोड़ों का आटा घोटाला किया जा रहा है। राशन कार्ड पर गरीबों को गेहूं की बजाय आटा दिया जा रहा है। आटा घोटाले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए। सरकार की नीयत साफ है तो गरीबों को गेहूं के साथ आटा पिसाई भी दे।
  • बिजली का उत्पादन सस्ता होने के बावजूद लोगों को महंगी बिजली दी जा रही है।
  • हरियाणा में हर रोज 10 अपराध, तीन कत्ल और पांच अपहरण हो रहे है।
  • हरियाणा पर कर्ज बढ़ रहा है। कांग्रेस राज में यह 60 हजार करोड़ था, जो अब 1.79 लाख करोड़ हो गया है। सरकार चार्वाक नीति से काम कर रही है। कर्ज लो और घी पीयो।
  • हरियाणा में कांग्रेस के वोट 22 फीसद से बढ़कर 28 फीसद हो गए। बाकी दलों का वोट बैंक घटा है, लेकिन छदम राष्ट्रवाद के कारण भाजपा चुनाव जीत गई।

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