मंत्री अनिल विज की चली, अाखिरकार भंग हुआ अंबाला नगर निगम
अाखिरकार हरियाणा के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज की ही चली। हरियाणा सरकार ने अंबाला नगर निगम को भंग करने का निर्णय ले लिया।
जेएनएन, चंडीगढ़। अाखिरकार अंबाला के विधायक और राज्य के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज की ही चली। हरियाणा सरकार ने अंबाला नगर निगम को भंग कर दिया है। कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग गई। पंचकूला नगर निगम पर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है। अंबाला नगर निगम को भंग करने की अधिसूचना जारी होने के बाद अंबाला शहर और अंबाला छावनी में पहले की तरह अलग-अलग नगर परिषद काम करेंगी।
अंबाला छावनी व अंबाला शहर में फिर से गठित होंगी नगर परिषद
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा कैबिनेट की बैठक में अंबाला नगर निगम को भंग करने का निर्णय किया गया। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अंबाला नगर निगम भंग करने की पैरवी पिछले काफी समय से कर रहे थे। उनकी मौजूदगी में हुई बैठक में बताया गया कि अंबाला शहर और अंबाला छावनी के लिए अलग-अलग नगर परिषद बनने से लोगों को अपने काम कराने में आसानी होगी। छावनी के लोगों को अब अपने कामों के लिए अंबाला शहर में बने नगर निगम कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा।
कैंटोनमेंट एरिया में भी बदलाव, पंचकूला निगम पर अभी फैसला नहीं
इसके अलावा, भारतीय सेना के स्टेशन सेल वाले अंबाला कैंटोनमेंट बोर्ड के सैन्य स्टेशन और छावनी क्षेत्रों ने अंबाला सदर क्षेत्र के साथ अंबाला शहर के इलाके की भौगोलिक निरंतरता को भी तोड़ा है, क्योंकि छावनी क्षेत्र इन दोनों क्षेत्रों में आता है। सरकार द्वारा यह फैसला करने से पहले निकाय विभाग के अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मंगवाई गई थी।
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रिपोर्ट में कहा गया था कि अंबाला छावनी नगर निगम कार्यालय अंबाला शहर से 10 से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जनगणना 2001 और 2011 के अनुसार अंबाला शहर क्षेत्र की जनसंख्या 1,39,279 और 1,95,153 थी। इन दो वर्षों के लिए अंबाला छावनी क्षेत्र की जनसंख्या 1,06,568 और 1,70,223 थी।
कई साल से घाटे में चल रहा था अंबाला नगर निगम
अंबाला नगर निगम को जारी रखना आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं था। वित्त वर्ष 2016-17 के लिए नगर निगम अंबाला की आय 51.15 करोड़ रुपये थी। दूसरी तरफ उसका अपने स्वयं के प्रतिष्ठान प्रभारों जैसे कर्मचारियों का वेतन, भविष्य निधि शेयर, पेंशन, ग्र्रेच्युटी और अन्य स्थानीय एवं अनिवार्य दायित्व निभाने पर निगम का खर्च 51.19 करोड़ रुपये था, जो कि आय का 100.08 फीसद है।
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इसी तरह, वित्त वर्ष 2015-16 के लिए व्यय आय का 104.89 फीसद था। वित्त वर्ष 2010-11 से 2016-17 तक निगम की आय और व्यय विवरण यह बताते हैं कि वित्त वर्ष 2013-14 को छोड़कर नगर निगम अंबाला का खर्च कुल आय के 80 फीसद से अधिक था, जिसके आधार पर अंबाला नगर निगम को भंग करने का फैसला लिया गया है।
बिजली सब स्टेशन के लिए शहरी निकाय विभाग बेचेगा जमीन
मंत्रिमंडल ने नगर निगम फरीदाबाद की 2.5 एकड़ भूमि 66 केवी सब-स्टेशन की स्थापना के लिए हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड को बेचने के संबंध में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की।