भावुक अभय चौटाला की भतीजों दुष्यंत व दिग्विजय को नसीहत, कहा- भाजपा गठबंधन पार्टी का मिटा देती है अस्तित्व
अभय चौटाला ने विकास के लिए क्षेत्रीय दलों की हिमायत की है। साथ ही उन्होंने अपने भतीजों दुष्यंत चौटाला व दिग्विजय चौटाला को भी चेताया। कहा कि भाजपा जिस दल से गठबंधन करती है उसका अस्तित्व मिटा देती है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके इनेलो महासचिव एवं विधायक अभय सिंह चौटाला का मानना है कि प्रदेश का विकास क्षेत्रीय दल ही कर सकते हैं। क्षेत्रीय दलों के नेता प्रदेश की समस्याओं तथा स्थानीय मुद्दों से सीधे तौर पर जुड़े हुए होते हैं, जबकि राष्ट्रीय दल मुख्यमंत्री के नाम पर किसी को भी प्रदेश की जनता पर थोप देते हैं। सही मायने में वह चेहरा जनता का नुमाइंदा नहीं होता।
अभय ने दावा किया कि 2019 में इनेलो की सरकार बनने जा रही थी, लेकिन भाजपा ने योजनाबद्ध तरीके से इनेलो के टुकड़े करा दिए। भाजपा के साथ सरकार में साझीदार जजपा के साथ भी एक दिन यही हाल होने वाला है। भाजपा की बातों में आने वालों को भाजपा के इतिहास का ज्ञान नहीं है। जिस भी पार्टी के साथ वह गठबंधन करती है उस पार्टी का अस्तित्व ही मिट जाता है।
चंडीगढ़ स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अभय चौटाला अपने भतीजों दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को भी नसीहत देने से नहीं चूके। अभय ने कहा कि पहले तो चाचा बहुत अच्छा लगता था। चाचा के बिना रोटी का एक भी टुकड़ा मुंह के अंदर नहीं जाता था। अब चाचा में कांटे लग गए। भाजपा भी एक दिन इनको इस्तेमाल करके छोड़ देगी और वही हाल करेगी, जो इनेलो में दोफाड़ कर किया था। यदि आज हम लोग इकट्ठा होते और हमारे ही लोग भाजपा की योजना को कामयाब नहीं होने देते तो आज हम राज में होते।
अभय चौटाला ने लव-जिहाद पर कानून बनाए जाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने तंज कसा कि वे लोग कानून बना रहे हैं, जिन्होंने कभी जिंदगी में प्यार नहीं किया। उन्होंने मुख्यमंत्री व गृह मंत्री की ओर इशारा करते हुए कहा कि यदि यह लोग प्यार करते तो इनके भी घर बसे होते। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने सबसे पहले इंटर कास्ट मैरिज (अंतरजातीय विवाह) को मान्यता दी थी। उनका मकसद देश के भाईचारे को मजबूत करना था। मगर भाजपा ने पहले तो देश की अर्थव्यवस्था खराब थी और अब सामाजिक तानेबाने को भी बिगाड़ने में लग गई है।
अभय ने हरियाणा में पहली बार हो रही मूंगफली की खरीद को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। दस्तावेजों के साथ अभय ने दावा किया कि प्रदेश में मूंगफली के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दिया जा रहा है। पहले किसानों को मूंगफली में नमी के नाम पर परेशान किया गया। फिर प्रति बैग 5 से 7 प्रतिशत की कटौती किसानों से की जा रही है। सरकार ने मूंगफली की खरीद में 70 ग्राम दाने और 30 ग्राम छिलके की शर्त लगाई है। कचरा भी 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। सिरसा में 1674 क्विंटल से अधिक मूंगफली लेकर किसान मंडियों में पहुंचे, लेकिन साढ़े 400 क्विंटल मूंगफली की खरीद हुई, जबकि 300 क्विंटल मूंगफली हैफेड के अधिकारी ने रिजेक्ट कर दी।
गन्ने के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 10 रुपये की बढ़ोतरी को चौटाला ने नाकाफी बताया। उन्होंने कहा देश में हर साल कर्मचारियों को 10 से 15 फीसद महंगाई भत्ता मिल जाता है, जबकि सरकार ने 10 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर झूठी वाहवाही लूटने का काम किया है। मुख्यमंत्री को अब रिजाइन दे देना चाहिए, क्योंकि प्रदेश में धान से लेकर बाजारे की फसल एमएसपी पर नहीं बिकी और अब मूंगफली की भी बेकदरी हो रही है।