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किसानों की पेमेंट नहीं मिलने के मुद्दे पर सिरसा में धरने पर बैठेंगे अभय चौटाला

अभय चौटाला किसानों की गेहूं की पेमेंट नहीं होने के मुद्दे पर मुखर हुए हैं। मंगलवार से सिरसा में धरने पर बैठने वाले हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 09:14 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 09:14 PM (IST)
किसानों की पेमेंट नहीं मिलने के मुद्दे पर सिरसा में धरने पर बैठेंगे अभय चौटाला
किसानों की पेमेंट नहीं मिलने के मुद्दे पर सिरसा में धरने पर बैठेंगे अभय चौटाला

जेएनएन, चंडीगढ़। पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सरकार में अभय के भतीजे दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम के नाते साझीदार हैं। अभय किसानों की गेहूं की पेमेंट नहीं होने के मुद्दे पर मुखर हुए हैं और मंगलवार से सिरसा में धरने पर बैठने वाले हैं। किसानों की पेमेंट उनके खातों में डालने के लिए अभय चौटाला ने सरकार को एक पखवाड़े का समय दिया था, जो अब खत्म हो गया है।

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अभय चौटाला इनेलो के एकमात्र विधायक हैं। अकेले होने के बावजूद विधानसभा में भी अभय गठबंधन की सरकार के खिलाफ मोर्चेबंदी करते रहे हैं। चंडीगढ़ में मीडिया कर्मियों से बातचीत में अभय चौटाला ने कहा कि किसानों से जुड़े आधा दर्जन मुद्दों को लेकर वह मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी मुलाकात कर रहे हैं। सिरसा में धरना तब तक जारी रहेगा, जब तक किसानों को उनकी फसल का भुगतान नहीं मिल जाता।

अभय चौटाला ने प्रदेश में धान घोटाले के बाद गेहूं व सरसों तथा बारदाने में घोटाला होने के आरोप भी जड़े हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के पास आय के सीमित संसाधन हैं। इसके बावजूद उन्हेंं फसल का भुगतान नहीं किया जा रहा है। अपने भतीजे दुष्यंत चौटाला को खुली चुनौती देते हुए अभय ने कहा कि सरकार की तरफ भुगतान के जो आंकड़े पेश किए जा रहे हैं, वह गलत हैं। सरकार दावा कर रही है कि 16 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, लेकिन अभी तक किसानों को सिर्फ 1600 करोड़ रुपये ही मिल पाए हैं। बाकी साढ़े 14 हजार करोड़ रुपये कहां है, इसका हिसाब सरकार दे।

अभय चौटाला ने गेहूं खरीद पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस बार 75 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का दावा किया है, जबकि पिछली बार 95 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था। अब सरकार के लोग उत्तर प्रदेश और राजस्थान से गेहूं खरीद लेंगे, जिसमें बड़ी लूटमारी होगी। उन राज्यों से सस्ते में गेहूं खरीदा जाएगा और फिर उसी गेहूं को हरियाणा की मंडियों में रखकर दो सौ से तीन सौ रुपये प्रति क्विंटल मुनाफा कमाया जाएगा।

अभय चौटाला ने प्रदेश में सरसों खरीद घोटाला होने का आरोप लगाते हुए कहा कि अभी तक महेंद्रगढ़ जिले के चार मार्केट कमेटी सचिव सस्पेंड किए जा चुके हैं। यह मार्केट कमेटी सचिव राजस्थान से सरसों खरीदकर महेंद्रगढ़ की मंडियों में खरीदते थे। ऐसा पूरे हरियाणा में किया गया, जो सरकार की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। किसानों की सरसों की फसल का 700 करोड़ रुपया भी लंबित है। सरकार ने अभी तक चने की फसल की खरीद शुरू नहीं की है। करीब 20 हजार किसान ऐसे हैं, जिनकी अभी तक सरसों की फसल नहीं खरीदी गई है।

अभय चौटाला के अनुसार मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फसल के रजिस्ट्रेशन का बड़ा खेल किया गया। फसल बाहर से लाई गई और उसे हरियाणा की मंडियों में सरकारी भाव पर बेचा गया। किसानों के साथ फसल रजिस्ट्रेशन के नाम पर बड़ा घोटाला हो रहा है। गेहूं के खाली बैग यानी बारदाने की खरीद में भी घपला हुआ है। 50 किलो का एक बैग खरीदा गया है, जो पहले सौ किलो का होता था। इस खरीद में करीब 140 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। दुकानों के आगे से गेहूं उठाने और गोदाम तक ले जाने के नाम पर अलग से पांच रुपये प्रति बैग लिए जा रहे हैं। यह करीब 800 करोड़ों रुपये का बड़ा घोटाला है। मुख्यमंत्री को इन तमाम घोटालों की जांच करानी चाहिए।


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