किसान आंदोलन पर बोले अभय चौटाला, पीएम मन की बात सुनाने के बजाय जन की बात सुनें
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का इनेलो ने अभय सिंह चौटाला ने समर्थन किया है। चौटाला ने कहा कि पीएम को मन की बात सुनाने के बजाय जन की बात सुननी चाहिए।
जेएनएन, चंडीगढ़। इनेलो के प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय चौटाला ने कहा कि ऐसे लोगों ने कृषि कानून बनाए हैं, जिनका खेती से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। जनता को अपने मन की बात सुनाने के बजाय देश के प्रधानमंत्री को जनता की बात सुननी चाहिए, ताकि देश की जनता की समस्याओं का समाधान किया जा सके। अभय ने कहा कि जिन किसानों ने कभी इन कृषि कानूनों की मांग नहीं की, उन पर जबरदस्ती इन कानूनों को थोपना कहां का इंसाफ है।
अपने बेटों करण और अर्जुन की शादियों की व्यस्तता के बीच पूर्व नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला ने किसानों के हक में बयान जारी किया। अभय ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात कार्यक्रम में कहा गया है कि कृषि सुधारों ने किसानों को अधिकार और अवसर दिए हैं। अगर यह बात सच होती तो किसान इनके खिलाफ सड़कों पर आंदोलन नहीं कर रहे होते।
किसान संगठनों द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री के सशर्त बातचीत के प्रस्ताव को ठुकराने का समर्थन करते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि किसानों की मांग मानने की बजाय अपनी शर्तों को लगाना बिल्कुल गलत है। किसानों का यह संदेह भी जायज है कि केंद्र सरकार किसानों को बुराड़ी बुलाकर उन्हें उस मैदान में बंद कर सकती है।
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) नेता अभय चौटाला ने कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किसानोंं को बातचीत का जो निमंत्रण दिया गया है, उसमेें केवल पंजाब के किसान संगठनों के नाम हैंं। आंदोलन हरियाणा समेत पूरे देश के किसान कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस पर भी किसान हितैषी होने का ढोल पीटने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन कानूनों की शुरुआत कांग्रेस ने ही की थी। कांग्रेस और भाजपा सरकार एक सोची समझी रणनीति के तहत किसानों को खत्म करना चाहती हैं।
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