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दुष्यंत चौटाला और राव इंद्रजीत की मुलाकात से गुस्‍से में अभय चौटाला, साधा सीधा निशाना

केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत और दुष्यंत चौटाला की मुलाकात के बाद अभय चौटाला आपे से बाहर हाे गए हैैं। उन्‍होंने राव इंद्रजीत पर निशाना साधा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 07 Dec 2018 10:34 AM (IST)Updated: Fri, 07 Dec 2018 10:34 AM (IST)
दुष्यंत चौटाला और राव इंद्रजीत की मुलाकात से गुस्‍से में अभय चौटाला, साधा सीधा निशाना
दुष्यंत चौटाला और राव इंद्रजीत की मुलाकात से गुस्‍से में अभय चौटाला, साधा सीधा निशाना

चंडीगढ़, जेएनएन। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत और हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला की मुलाकात के बाद अभय सिंह चौटाला उखड़ गए हैैं। इससे दाेनों नेताअों में ठन गई है और उनके बीच बयानबाजी का दौर तेज हाे गया है। अपने दक्षिण हरियाणा के दौरे के दौरान अभय चौटाला ने एसवाईएल नहर निर्माण के मुद्दे पर राव इंद्रजीत की घेराबंदी की तो राव ने भी चौटाला को लपेटे में लेने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दिया है।

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दक्षिण हरियाणा में अभय चौटाला ने राव को ललकारा तो मिला जवाब

पार्टियां बदलने का आरोप लगाते हुए चौटाला ने राव इंद्रजीत पर दक्षिण हरियाणा के हितों की अनदेखी का मुद्दा उठाया तो जवाब में राव इंद्रजीत ने अभय को राजनीति करने से पहले हरियाणा का इतिहास पढऩे की सलाह दे डाली है। राव व चौटाला के बीच चले शब्दबाण की वजह से अब उन चर्चाओं पर भी विराम लग गया कि केंद्रीय राज्य मंत्री इनेलो के प्रति नरम हैैं। राव के साथ अपनी मुलाकात पर दुष्यंत पहले ही स्पष्ट कर चुके कि उनके बीच पारिवारिक संबंध हैैं।

केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत ने बृहस्पतिवार को कहा कि अभय चौटाला को एसवाईएल नहर का इतिहास मालूम नहीं और पानी लाने की बात करते हैं। जहां तक शोषण की बात है, पूरा प्रदेश जानता है कि सत्ता में रहकर शोषण किसने किया।

राव इंद्रजीत ने कहा कि रावी व्यास जल समझौता कराने में उनके पिता स्व. राव बीरेंद्र सिंह की अहम भूमिका रही। तब राव बीरेंद्र केंद्रीय सिंचाई मंत्री थे। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व उनके पिता की मौजूदगी में 31 दिसंबर 1981 को हुए रावी व्यास जल समझौते में राजस्थान, हरियाणा व पंजाब के मुख्यमंत्री के भी हस्ताक्षर हुए थे। सत्ता की तलाश में अभय चौटाला इतिहास को भी नकार रहे हैं।

केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि अभय तो आज एसवाईएल की चर्चा कर रहे हैं, जबकि मैैंने रावी-व्यास के लंबित प्रेसीडेंशियल रेफरेंस पर जल्द सुनवाई की कई बार मांग उठाई। 2011 में  जब कांग्र्रेस सांसद होने के बावजूद उन्होंने नांगल चौधरी में जल प्रबंधन रैली की। उस समय सर्वोच्च न्यायालय के तत्कालीन चीफ  जस्टिस व तत्कालीन राष्ट्रपति को पत्र लिखे गए। तब अनेक नेता अकाली दल के साथ अपनी दोस्ती निभा रहे थे। उन्होंने कहा कि एसवाईएल दक्षिण हरियाणा के लिए जरूरी है और हम इसके लिए प्रयास कर रहे हैैं।


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