Move to Jagran APP

Haryana Registry Scam: अभय चौटाला ने बनाया रजिस्ट्री घोटाले की CBI जांच का दबाव

इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा में हुए कथित रजिस्ट्री घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग की है। अभय ने इससे पहले विधानसभा में भी यह मामला उठाया था। आरोप लगाया कि राज्य में 30 हजार रजिस्ट्रियों में गड़बड़ी की गई।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 03:51 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 03:52 PM (IST)
Haryana Registry Scam: अभय चौटाला ने बनाया रजिस्ट्री घोटाले की CBI जांच का दबाव
इनेलो महासचिव अभय सिंह चौटाला की फाइल फोटो।

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता एवं इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने प्रदेश में रजिस्ट्री घोटाले होने का आरोप लगाते हुए सीबीआइ जांच की मांग की है। अभय ने कहा कि लाकडाउन में हुए रजिस्ट्री घोटाले को उन्होंने विधानसभा में भी उठाया था, लेकिन मुख्यमंत्री ने इन घोटालों पर गंभीरता न दिखाते हुए घोटाला करने वालों को शह दी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्रालय डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के पास है। वह कई बार दावा कर चुके कि प्रदेश में कोई रजिस्ट्री घोटाला नहीं हुआ है, लेकिन अभय चौटाला अपनी बात पर अड़िग हैं।

loksabha election banner

अभय चौटाला ने चंडीगढ़ में जारी एक बयान में कहा कि पानीपत जिले की पांचों तहसीलों में उजागर हुई रजिस्ट्रियों में 12 करोड़ रुपये के स्टांप ड्यूटी घोटाले से साफ हो गया कि कोई जिला ऐसा नहीं बचा, जहां इस घोटाले को अंजाम नहीं दिया गया है। सबसे ज्यादा बड़े घोटाले गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, अंबाला, करनाल, सोनीपत और पानीपत में हुए हैं। पानीपत में 557 रजिस्ट्रियों में स्टांप चोरी कर घोटाला किया गया है। लाकडाउन के दौरान 30 हजार से ज्यादा गलत रजिस्ट्रियां कर हजारों करोड़ रुपये का घोटाला किया गया था।

इनेलो विधायक ने कहा कि इन घोटालों का मुद्दा हमने विधानसभा में उठाया था और मुख्यमंत्री से इसकी जांच सीबीआइ से करवाने की मांग की गई थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने अभी तक इस पर गंभीरता नहीं दिखाई है। पानीपत स्टांप घोटाला उजागर होने के बाद रजिस्ट्री घोटालों की परतें अब धीरे-धीरे खुलने लगी हैं। मुख्यमंत्री के पास अभी भी समय है कि इन घोटालों पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए इसकी सीबीआइ जांच के आदेश दें। उन्होंने यह भी कहा कि इसकी जांच रजिस्ट्री घोटालों में संलिप्त सिर्फ अधिकारियों की नहीं बल्कि सरकार में शामिल विधायकों और मंत्रियों की भी होनी चाहिए, ताकि घोटालों में शामिल दाषियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.