शुगर मिल की भूमि पर बनेंगे 80 हजार एमटी क्षमता के गोदाम
हरियाणा वेयरहाउसिग कॉरपोरेशन के चेयरमैन व पृथला के विधायक नयनपाल रावत ने बताया कि वेयरहाउसिंग अब शुगर मिल की जमीन पर लगभग 80 हजार एमटी क्षमता के गोदामों का निमार्ण करेगा।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : हरियाणा वेयरहाउसिग कॉरपोरेशन के चेयरमैन व पृथला के विधायक नयनपाल रावत ने बताया कि वेयरहाउसिग अब शुगर मिल की जमीन पर लगभग 80 हजार एमटी क्षमता के गोदामों का निर्माण करेगा। उन्होंने बताया कि ये निर्माण वेयरहाउसिग द्वारा किए जाएंगे, लेकिन जमीन शुगर मिल की होगी। वह यहां बोर्ड मीटिग के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बोर्ड मीटिग में यह भी तय किया गया कि एक लाख 97 हजार 650 एमटी क्षमता के गोदाम हरियाणा के विभिन्न जिलों में एग्री मार्केटिग बोर्ड के साथ मिलकर बनाए जाएंगे, जिसका बजट लगभग 114 करोड़ है। इसके लिए नाबार्ड व सरकार से राशि के लिए अनुमति मिल गई है। रावत ने बताया कि प्रदेश के 14 विभिन्न क्षेत्रों में 84 हजार 238 एमटी क्षमता के गोदाम बनाए जा रहे हैं। जिसमें रोहतक में नया बांस, जींद के सफीदो व उचाना, पानीपत के बापौली व पानीपत, हिसार के हांसी, कैथल के चीका व कैथल, फतेहाबाद के टोहाना व भट्टू, यमुनानगर व सिरसा के बारहगुडा व रेवाड़ी के गोदाम शामिल हैं। उन्होंने बताया कि दक्षिण हरियाणा में बाजरा व सरसों की अधिक आवक को ध्यान में रखते हुए वेयरहाउसिग ने कृषि विभाग से दक्षिण हरियाणा में पांच लोकेशन पर भूमि उपलब्ध कराने का आग्रह किया है जो संभवत: जल्द ही मिलने के आसार हैं। सोलर पैनल का पायलट प्रोजेक्ट 10 गोदामों में लगाया जाएगा
रावत ने बताया कि वेयरहाउसिग कॉरपोरेशन हरियाणा एनर्जी डेवलेपमेंट एजेंसी व सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन की मदद से सोलर पैनल का एक पायलट प्रोजेक्ट 10 गोदामों पर प्रथम चरण में लगाने जा रहा है। यदि इसमें विभाग को सफलता मिलेगी तो इसे आगे बढ़ाया जाएगा। बोर्ड की मीटिग में मंगलवार को सभी सदस्यों ने स्टाफ के पुनर्गठन पर भी सहमति बनाई, जिससे लगभग 300 सदस्यों की कटौती हो पाएगी और काम प्रभावित नहीं होगा। इस पुनर्गठन में कई अधिकारियों की शक्तियां बढ़ाई गई हैं। बोर्ड मीटिग में एक ऐतिहासिक निर्णय यह भी लिया गया कि वेयरहाउसिग कॉरपोरेशन अब अनाज के संरक्षण के लिए प्राइवेट एजेंसी को रख रखाव के लिए देगा ताकि वेयरहाउसिग पर अधिक कर्मचारियों का बोझ न पड़े। इससे न केवल अनाज के खराब होने की जिम्मेदारी प्राइवेट एजेंसी की होगी बल्कि उन पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की नजर भी रहेगी। बैठक में कारपोरेशन के एमडी राजीव रतन एवं सचिव विनीत चावला मौजूद रहे।