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हरियाणा में खेतों से लिए जाएंगे 75 लाख मृदा नमूने, सभी किसानों को मिलेंगे सायल हेल्थ कार्ड

हर खेत-स्वस्थ खेत अभियान के तहत कृषि विभाग की मुख्य सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने पोर्टल हर खेत स्वस्थ खेत लांच किया। इस पोर्टल पर किसान स्टेटस रिपोर्ट देख सकेंगे। सायल हेल्थकार्ड तैयार होते ही एसएमएस आएगा ।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 07:43 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 07:43 PM (IST)
हरियाणा में खेतों से लिए जाएंगे 75 लाख मृदा नमूने, सभी किसानों को मिलेंगे सायल हेल्थ कार्ड
‘हर खेत स्वस्थ खेत पोर्टल लांच के दौरान सुमिता मिश्रा। फोटो डीपीआर

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में ‘हर खेत-स्वस्थ खेत’ अभियान के तहत 140 ब्लाकों में खेतों से 75 लाख मृदा नमूने लिए जाएंगे। 75 लाख किसानों को सायल हेल्थ कार्ड वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है।

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कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने बृहस्पतिवार को ‘हर खेत स्वस्थ खेत’ के पोर्टल को लांच करते हुए यह जानकारी दी। इस दौरान मृदा नमूना एकत्रित करने तथा विश्लेषण करने की पुस्तक ‘मार्गदर्शिका’ का विमोचन भी किया।

सायल हेल्थ कार्ड से किसान को खेत की मिट्टी में उपलब्ध विभिन्न पोषक तत्वों की मात्रा का पता चलेगा। उसी के अनुसार खेत में उर्वरक डालने की सिफारिश की जाएगी।

कृषि महानिदेशक डा. हरदीप सिंह ने बताया कि पोर्टल पर ‘हर खेत स्वस्थ खेत’ अभियान के तहत जो मृदा नमूने लिए जा रहे हैं उनका पंजीकरण किया जाएगा। पंजीकरण के समय किसान के पास एक एसएमएस आएगा जो यह बताएगा कि आपका मृदा नमूना किस प्रयोगशाला में विश्लेषण हेतु भेजा गया है।

विश्लेषण व मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार होने उपरांत इसकी जानकारी किसान के पास एसएमएस के रूप में जाएगी। किसान मृदा स्वास्थ्य कार्ड को विभाग की वेबसाइट से अपने फोन नंबर या एमएफएमबी ( मेरी फसल-मेरा ब्यौरा ) का पंजीकरण नंबर डालकर डाउनलोड कर सकेगा।

हरियाली बढ़ाने के लिए खुलेंगी 10 हाईटेक नर्सरियां

2070 हेक्टेयर में होगा पौधरोपण, 600 हेक्टेयर में वन संपदा का पुनरुद्धार-उच्च स्तरीय बैठक में 282 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना को दी गई मंजूरीराज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ हरियाणा में वन क्षेत्र और ग्रीन कवर को बढ़ाने के लिए इस साल 2070 हेक्टेयर में पौधरोपण किया जाएगा।

10 हाईटेक नर्सरियां स्थापित की जाएंगी। इसके अलावा 600 हेक्टेयर में प्राकृतिक तरीके से वन संपदा के पुनरुद्धार को बढ़ावा दिया जाएगा।मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।

इस दौरान जंगलों में लगने वाली आग पर नियंत्रण के लिए वन क्षेत्रों का सर्वेक्षण और मानचित्रण, प्रतिपूरक वनरोपण कार्य, मिट्टी और नमी संरक्षण और वन्यजीव प्रबंधन के लिए 282 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना को मंजूरी दी गई। 10 हाईटेक नर्सरियों की स्थापना पर 35 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।

इसके अलावा माडर्न नर्सरियों की स्थापना, उन्नयन और रख-रखाव के लिए तीन करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। शिवालिक और अरावली क्षेत्र में मिट्टी के बांधों का निर्माण, चिनाई वाली संरचनाएं, सीमेंट कंक्रीट की संरचनाएं, चेक डैम, सिल्ट डिटेंशन डैम और क्रेट वायर स्ट्रक्चर बनाने के लिए 20 करोड़ रुपये रखे गए हैं।

वन और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए तैनात फ्रंट लाइन कर्मचारियों के लिए जंगलों में आवासीय और आधिकारिक भवनों के निर्माण को भी मंजूरी प्रदान की गई। इस पर लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।


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