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जाट आंदोलन में कैप्टन अभिमन्यु के घर आगजनी मामले में 57 आरोपितों पर आरोप तय

पूूूूूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के घर पर आगजनी डकैती और दंगे मामले में 57 आरोपितों पर आरोप तय कर दिए गए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 06 Feb 2020 04:37 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 12:13 PM (IST)
जाट आंदोलन में कैप्टन अभिमन्यु के घर आगजनी मामले में 57 आरोपितों पर आरोप तय
जाट आंदोलन में कैप्टन अभिमन्यु के घर आगजनी मामले में 57 आरोपितों पर आरोप तय

पंचकूला [राजेश मलकानियां]। हरियाणा के पूूूूूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के घर पर आगजनी, डकैती और दंगे मामले में 57 आरोपितों पर लगी देशद्रोह और आर्म्स एक्ट की धाराएं हटा दी गई हैंं। आरोपितों पर धारा 120बी, 148, 149, 186, 188, 307, 395, 427, 436, 450, 151 के तहत आरोप तय किए गए हैं। चार आरोपित आज कोर्ट में हाजिर नहीं थे, जिसके चलते उन पर अगली सुनवाई के दौरान आरोप तय किए जाएंंगे।मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी।

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सीबीआइ ने हरियाणा के तत्कालीन वित्तमंत्री अभिमन्यु के घर पर फरवरी 2016 में आगजनी, दंगे और डकैती के मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था। सभी आरोपितों पर देशद्रोह की धारा 124ए लगाई गई थी। साथ ही इन सभी पर अंडर सेक्शन 120-बी, 124-ए, 148, 149, 186, 188, 307, 353, 395, 427, 436, 450 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था।

आरोपितों में सबसे प्रमुख नाम अशोक बल्हारा का था, जो अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति का राष्ट्रीय महासचिव हैं और हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व यही करते हैं। इसके अलावा विजयदीप पंघाल, सुमित मलिक, राहुल हुड्डा, विजेंद्र, अरविंद गिल, भुवन सिंह, रक्षित, धीरज के नाम शामिल थे।

गौरतलब है कि हरियाणा पुलिस द्वारा रोहतक में जब केस दर्ज किया गया था तो उसमें धारा 124ए देशद्रोह जोड़ी गई थी, लेकिन पुलिस ने जब रोहतक कोर्ट में चालान पेश किया तो देशद्रोह की धारा हटा दी गई थी। मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी गई थी। इसके बाद इस मामले में सीबीआइ द्वारा लगभग दो साल तक सप्लीमेंटरी चार्जशीट पेश करने की बात कहकर मामले को लटकाती रही थी।

क्या है चालान में

सीबीआइ द्वारा पेश किए गए चालान में कहा गया है कि 19 और 20 फरवरी 2016 को जाट आंदोलन के दौरान कुछ लोगों ने कैप्टन अभिमन्यु के घर पर हमला कर दिया। इसके बाद घर में जमकर तोडफ़ोड़ की गई। आपराधिक षड्यंत्र, दंगों, सार्वजनिक कार्य के निर्वहन में सरकारी कर्मचारियों में बाधा डालने, आदेश का अपमान, राजद्रोह, हत्या का प्रयास, डकैती, हमला आदि से संबंधित मामला आरोपितों के विरुद्ध था।

पूरे मामले में मंत्री के परिजनों पर जानलेवा हमला, आगजनी व आपराधिक षड्यंत्र के कारण परिवार को जान बचाकर वहां से भगाना पड़ा था। इस दौरान हत्या करने के प्रयास भी किए गए थे। गौरतलब है कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान 19 व 20 फरवरी को रोहतक में हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के घर पर जमकर लूटपाट व आगजनी हुई थी। उपद्रवियों ने कैप्टन के घर पर लूटपाट के बाद आग लगाई थी। इस दौरान वित्त मंत्री के घर पर सुरक्षा में 5 पुलिसकर्मी तैनात थे।

चार्जशीट में एडवोकेट संदीप कलकल, जाट नेता मनोज दुहन, मास्टर मोहिंद्र सिंह हुड्डा, धर्मेंद्र, राजेश कुमार, जोगिंद्र, गौरव बुधवार, सुमित खरावड़, सोमबीर, योगेश राठी, जितेंद्र राठी, जगपाल, पवन, योगानन्द, बलजीत, सुरेंद्र, उमेद, आजाद, आशीष, राहुल हुड्डा, सत्यवान कादयान, मोनू खेड़ी साध, दादु डीघल, दीपक दलाल, विकास राठी, सैंडी देशवाल, बीजा, अमरेंद्र सिंधु, नरेंद्र बल्हारा, देवा, रविकांत, अभिषेक हुड्डा, धर्मेन्द्र, मोनू कुण्डू, संदीप राठी, अरविंद गिल, अनूप, प्रिंस कादयान, रविंद्र, आकाश भरत कालोनी, प्रवीन हुड्डा के नाम शामिल किए गए थे।

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