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फरीदाबाद व गुरुग्राम सहित पूरे हरियाणा में सार्वजनिक परिवहन सेवा के 50 प्रतिशत वाहन होंगे इलेक्ट्रिक, चार साल में पूरा होगा मिशन

Electric Vehicle Policy हरियाणा सरकार राज्‍य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की नीति पर चलेगी। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहन न‍ीति के तहत चार साल में सार्वजनिक परिवहन सेवा के 50 फीसद वाहन इलेक्ट्रिक होंगे। राज्‍य मेंं गुरुग्राम और फरीदाबाद का माडल इलेक्ट्रिक मोबलिटी शहर बनाया जाएगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 05:03 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 05:03 PM (IST)
फरीदाबाद व गुरुग्राम सहित पूरे हरियाणा में सार्वजनिक परिवहन सेवा के 50 प्रतिशत वाहन होंगे इलेक्ट्रिक, चार साल में पूरा होगा मिशन
हरियाणा सरकार राज्‍य इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। हरियाणा सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी के तहत अगले चार साल में सरकारी और अर्द्ध सरकारी संस्थानों सहित सार्वजनिक परिवहन सेवा के पचास प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक होंगे। फरीदाबाद और गुरुग्राम शहर को माडल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी शहर बनाया जाएगा।

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फरीदाबाद और गुरुग्राम शहर बनेंगे माडल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी शहर 

इन दोनों शहरों में निजी को छोड़कर सार्वजनिक परिवहन और वाणिज्यिक वाहनों को पूरी तरह इलेक्ट्रिक ईंधन के मोड पर लाया जाएगा। फिलहाल फरीदाबाद और गुरुग्राम के साथ करनाल, पंचकूला शहरों में भी इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रचार-प्रसार के लिए काम किया जाएगा।

इन शहरों में परिवहन उपक्रम, शैक्षिक संस्थान, अस्पताल, बोर्ड या निगम सहित अन्य सरकारी संगठनों के वाहनों को 2026 तक पचास प्रतिशत इलेक्ट्रिक मोड पर कर दिया जाएगा। इसके बाद 2030 तक इन शहरों के सार्वजनिक क्षेत्र के वाहनों को शत प्रतिशत इलेक्ट्रिक किया जाएगा।

नई नीति के अधिसूचना वर्ष को एक तरह से सरकार इलेक्ट्रिक वाहन वर्ष के रूप में मनाएगी। राज्य परिवहन निगम सहित अन्य सरकारी क्षेत्रों के लिए नए वाहन इलेक्ट्रिक मोड के ही खरीदे जाएंगे। सरकारी कार्यालयों में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए कई कार्यालयों को चुनाव जाएगा। पालिसी में बनाए गए नियम कायदे पांच वर्ष तक लागू रहेंगे। इसके बाद फिर से नियमों का पुनर्गठन होगा।

बदलेगा आटो इंडस्ट्री का स्वरूप

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा मिलने पर आटो इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव आएगा। नई पालिसी में इसके प्रविधान भी किए हैं। सरकार ने मौजूदा आटो इंडस्ट्री को भी चरणबद्ध ढंग से इलेक्ट्रिक ईंधन के मोड पर लाने के लिए कई प्रोत्साहन दिए हैं। इसके अलावा यह भी एक बड़ा पहलू है कि ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन प्रयोग होने से बैटरी डिस्चार्ज होंगी, इनके वेस्ट को समायोजित करने के लिए भी अलग से कारखाने लगाए जाने हैं। सरकार ने इस मद में भी कई तरह की छूट दी है।

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'' इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना समय की जरूरत है। नार्वे यूरोप का विकसित देश है। यहां जीवाश्म ईंधन की कोई कमी नहीं है। फिर भी नार्वे सरकार ने सार्वजनिक परिवहन सेवा और वाणिज्यिक वाहनों को इलेक्ट्रिक मोड पर कर दिया है। एक साथ आटो इंडस्ट्री में आए बड़े बदलाव के कारण वहां जो समस्याएं आई हैं, उनको लेकर भी हमने नई पालिसी में काफी कुछ प्रविधान किए हैं।

                                                                                       - मूलचंद शर्मा, परिवहन मंत्री,  हरियाणा। 

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खास बातें 

  • - पांच साल के लिए बनाई इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी में किया गया प्रविधान। 
  • -बोर्ड, निगम और सरकारी संस्थानों के पचास प्रतिशत वाहन 2026 तक होंगे इलेक्ट्रिक।
  • -पंचकूला, करनाल, गुरुग्राम और फरीदाबाद में पायलट प्रोजेक्ट के तहत होंगे प्रयास। 
  • -गुरुग्राम और फरीदाबाद को माडल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी शहर किया जाएगा घोषित। 
  • -दोनों शहरों में वाणिज्यिक वाहनों को शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिक पर कन्वर्ट किया जाएगा। 

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