FREE Education Policy: हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, एक लाख 80 हजार से कम आय वाले परिवारों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा
FREE Education Policy हरियाणा सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य में कमजोर आर्थिक दशा वाले परिवारों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिलेेगी। राज्य सरकार ने फैसला किया है कि सालाना एक लाख 80 हजार रुपये से कम आय वाले परिवारोंं के बच्चोंं को मुफ्त शिक्षा मिलेेगी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। FREE Education Policy: हरियाणा सरकार ने शिक्षा के अधिकार को धरातल पर लागू करने के लिए एक लाख 80 हजार रुपये प्रति वर्ष से कम आय वाले परिवारों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का ऐलान किया है। परिवार पहचान पत्रों के जरिए ऐसे गरीब परिवारों की पहचान होगी, जिनकी आय 1.80 लाख रुपये वार्षिक से कम है। मुख्यमंत्री ने कहा धन के अभाव में किसी भी गरीब बच्चे की पढ़ाई-लिखाई को बाधित नहीं होने दिया जाएगा।
सीएम ने सिविल सेवा परीक्षा-2020 और जेईई एडवांस परीक्षा के उत्तीर्ण विद्यार्थियों को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बृहस्पतिवार को पंचकूला में आयोजित एक समारोह में सिविल सेवा परीक्षा-2020 और जेईई एडवांस परीक्षा-2021 (सुपर 100 कार्यक्रम के तहत) के उत्तीर्ण विद्यार्थियों को सम्मानित किया। शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता और सांसद रतन लाल कटारिया की मौजूदगी में समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने इन प्रतिभावान बच्चों के साथ संवाद किया।
मुख्यमंत्री ने कहा धन के अभाव में किसी गरीब बच्चे की पढ़ाई-लिखाई नहीं होने दी जाएगी बाधित
मनोहर लाल ने बच्चों से संवाद के दौरान कहा कि प्रत्येक को यह याद रखना चाहिए कि आपने समाज की सेवा के लिए करियर विकल्प के रूप में सिविल सेवा को चुनने का फैसला किया है। आपकी सेवा अवधि के दौरान आपको विविध क्षेत्रों में काम करने के असंख्य अवसर मिलेंगे। इसलिए आप हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करें। जेईई एडवांस 2021 को पास करने वाले गरीब पृष्ठभूमि के 29 छात्रों का मनोबल बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसी के पास प्रतिभा है तो कोई भी सपनों को पूरा करने से नहीं रोक सकता।
‘थ्री आर’ की शिक्षा प्रणाली को बदलने के लिए नई शिक्षा नीति
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि लार्ड मैकाले की शिक्षा प्रणाली ‘थ्री आर’ राइटिंग, रीडिंग और अर्थमेटिक पर केंद्रित थी, जो एक नागरिक के समग्र विकास को सुनिश्चित नहीं करती थी। इसलिए युवा पीढ़ी के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ उनमें राष्ट्रवाद की भावना पैदा करने के लिए नई शिक्षा नीति-2020 की शुरुआत की गई है। हरियाणा में 2025 तक इस नीति के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है, जबकि देश में इस नीति को लागू करने का लक्ष्य 2030 तक है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में इसी सत्र से लागू होगा केजी से पीजी प्रोग्राम
मनोहर लाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 के तहत प्रदेश में ऐसे शिक्षण संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें केजी कक्षा से पीजी स्तर तक की शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि शुरुआत में हम चार विश्वविद्यालयों में केजी से पीजी तक की शिक्षा देने की व्यवस्था करने जा रहे हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने इस शैक्षणिक सत्र 2021-22 से केजी से पीजी योजना के तहत दिए जाने वाले प्रवेश की तैयारी शुरू कर दी है।
केंद्र ने हमारी कड़ी मेहनत पर मुहर लगाई
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि पिछले सात वर्षों से हम क्रांतिकारी सुधार लाने के लिए विभिन्न कार्य कर रहे हैं। अंत्योदय की भावना से काम करते हुए सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना सुनिश्चित कर रहे हैं। यह करते हुए कभी-कभी हमें यह भी महसूस होता था कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं या नहीं, लेकिन मैं संतुष्ट और अभिभूत हूं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमारी कड़ी मेहनत को पहचाना है।
बच्चों ने बताया किस तरह हासिल किए मुकाम
सिविल सेवा परीक्षा-2020 में 11वीं रैंक हासिल करने वाली देवयानी ने कहा कि उन्हें बहुत गर्व और खुशी है कि वह हरियाणा से ताल्लुक रखती है। भौगोलिक दृष्टि से देश का एक छोटा राज्य होने के बावजूद हरियाणा से यूपीएससी, जेईई और एनईईटी पास करने वाले छात्रों की बढ़ती संख्या से पता चलता है कि हरियाणा में शिक्षा का कल्चर बना है। प्रणव विजयवर्गीय ने यूपीएससी परीक्षा में 65वां रैंक प्राप्त किया है। उन्होंने 2016-17 में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के पहले वर्ष के दौरान काम किया है। उन्होंने कहा कि मुझे जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली को स्पष्ट रूप से समझने का अवसर मिला है।