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डीजीपी विवाद मेंं नया मोड़; हरियाणा के गृह सचिव ने नहीं भेजा पैनल, विज को लिखा जवाबी खत

हरियाणा के डीजीपी और गृहमंत्री अनिल विज के विवाद में नया मोड़ आ गया है। राज्‍य के गृहसचिव ने नए डीजीपी के लिए नामों का पैनल नहीं भेजा है। उन्‍होंने गृहमंत्री अनिल विज को जवाबी पत्र भेजा है और कहा है डीजीपी की दो साल से ज्यादा नियुक्ति वाजिब है।

By Sunil kumar jhaEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 08:37 AM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 08:37 AM (IST)
डीजीपी विवाद मेंं नया मोड़; हरियाणा के गृह सचिव ने नहीं भेजा पैनल, विज को लिखा जवाबी खत
हरियाणा डीजीपी मनोज यादव और गृहमंत्री अनिल विज। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज कुमार यादव के प्रकरण में नया मोड़ आ गया है। गृह मंत्री अनिल विज ने दो दिन पहले ही गृह सचिव राजीव अरोड़ा को पत्र लिखकर नए पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति के लिए सात आइपीएस अधिकारियों का पैनल बनाने के निर्देश दिए थे। गृह सचिव ने मंत्री के पास नया पैनल भेजने के बजाय जवाबी पत्र लिखकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ऐसा कोई आदेश नहीं है कि किसी राज्य में पुलिस महानिदेशक के पद पर कोई आइपीएस अधिकारी दो साल से ज्यादा नियुक्त नहीं रह सकता।

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कहा- सुप्रीम कोर्ट ने दो साल की न्यूनतम अवधि तय की है, अधिकतम नहीं

बता दें कि हरियाणा सरकार ने मौजूदा डीजीपी का दो साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्हें अगले आदेश तक इसी पद पर सेवा विस्तार दे दिया था। विज को यह रास नहीं आया। लिहाजा उन्होंने गृह सचिव को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें नया पैनल तैयार करने के निर्देश दे डाले।

प्रदेश के मौजूदा डीजीपी मनोज यादव का दो साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। कई बार ऐसे मौके आए, जब गृह मंत्री अनिल विज और पुलिस महानिदेशक के बीच सब कुछ ठीक नहीं होने का माहौल देखने को मिला। सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए गृह मंत्री अनिल विज ने गृह सचिव राजीव अरोड़ा को दो दिन पहले ठीक उस समय एक चिट्ठी लिख दी, जब विज भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलने के लिए दिल्ली जा रहे थे। विज के दिल्ली पहुंचने से पहले ही उनका गृह सचिव को लिखा पत्र लीक हो गया था।

गृह मंत्री से पूछा, अब आप मार्गदर्शन करें कि मुझे आगे क्या करना है

अनिल विज ने गृह सचिव को निर्देश दिए थे कि मौजूदा डीजीपी की नियुक्ति दो साल के लिए हुई थी। लिहाजा उनका कार्यकाल पूरा हो चुका है। इसलिए 30 साल की सेवा पूरी करने वाले आइपीएस अधिकारियों का एक पैनल बनाकर लोक सेवा आयोग के पास भेजा जाए, जिसमें से हरियाणा सरकार नए डीजीपी का नाम तय कर सके।

सूत्रों के अनुसार गृह सचिव ने इस बारे में कानूनविदों से बातचीत की। साथ ही सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग का भी अध्ययन किया। सूत्र बताते हैं कि उनकी मुख्यमंत्री कार्यालय में भी वार्ता हुई। पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद गृह सचिव राजीव अरोड़ा ने गृह मंत्री अनिल विज को एक जवाबी पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने साफ कह दिया कि सुप्रीम कोर्ट का ऐसा कोई निर्णय नहीं है, जिसमें यह कहा गया है कि किसी राज्य में कोई डीजीपी दो साल से ज्यादा नहीं रह सकता।

गृह सचिव ने कहा कि यह अवधि न्यूनतम है, अधिकतम नहीं। अधिकतम अवधि तय करने का अधिकार राज्य सरकार को है। जानकार बताते हैं कि नए डीजीपी के लिए पैनल उस स्थिति में भेजा जा सकता है, जब डीजीपी खुद हटना चाहें, केंद्र में जाना चाहें, उन पर कोई गंभीर आरोप हो या फिर सरकार (मुख्यमंत्री) उन्हें हटाने के लिए किसी भी कारण से मन बना चुके हैं।

गृह सचिव ने गृह मंत्री को भेजे पत्र में सुप्रीम कोर्ट की रुलिंग का हवाला देते हुए नया मार्गदर्शन मांग लिया है। उन्होंने कहा कि सारी स्थिति और फैसले आपने सामने हैं। लिहाजा निर्देशित किया जाए कि आगे क्या करना है। अब प्रशासनिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि विज मुख्यमंत्री के सामने अड़ गए तो डीजीपी हट सकते हैं, अन्यथा दूसरा कोई रास्ता नहीं है, क्योंकि डीजीपी की गिनती एक केंद्रीय अधिकारी और मुख्यमंत्री के भरोसेमंद अफसरों में होती है।

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'मौजूदा डीजीपी को नहीं दिया जा सकता सेवा विस्तार'

'' केंद्र सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति दो साल के लिए की थी। वह पत्र निकलवाया जा चुका है। हरियाणा सरकार ने भी उनकी नियुक्ति दो साल के लिए की। सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि कोई डीजीपी किसी राज्य में दो साल से ज्यादा नहीं रह सकता। यही नियम अब हरियाणा पर लागू होता है। ऐसे में उन्हें एक्सटेंशन नहीं दी जा सकती। लिहाजा गृह सचिव को नया पैनल बनाकर भेजने को कहा गया है। गृह सचिव के कार्यालय से आज उनके यहां कोई फाइल आई जरूर है। उसे उन्होंने पढ़ा नहीं है। लेकिन इतना तय है कि मौजूदा डीजीपी को एक्सटेंशन नहीं दी जा सकती। नए अधिकारी को इस पद के लिए मौका मिलना चाहिए। जल्द ही पैनल लोक सेवा आयोग को भेजा जाएगा।

                                                                                                   - अनिल विज, गृह मंत्री, हरियाणा।


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