हरियाणा सरकार खरीदेगी 1300 बसें, एनसीआर में चलेंगी लो-फ्लोर बसें, गुरुग्राम व फरीदाबाद से मांगी डिमांड
हरियाणा रोडवेज के बेड़े में 1300 नई बसों को शामिल किया जाएगा। इस साल जो 800 बसें खरीदी जानी हैं। वहीं एनसीआर में लो-फ्लोर बसें चलाए जाने की योजना है। गुरुग्राम व फरीदाबाद से डिमांड मांगी गई है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा रोडवेज के बेड़े में 1300 नई बसें शामिल होंगी। इनमें 800 बसें इसी साल परिवहन बेड़े में शामिल होंगी। इन बसों की खरीद के बाद 500 और बसों का आर्डर दिया जाएगा। इस साल जो 800 बसें खरीदी जानी हैं, उनमें से 400 बसें 31 मार्च तक हरियाणा रोडवेड के बेड़े में शामिल होंगी। हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक में टेंडर में आने वाली कंपनियों से एक साथ 800 बसों की खरीद के लिए बात होगी।
हरियाणा सरकार की योजना है कि परिवहन बेड़े में बसों की कमी नहीं होनी चाहिए। प्रदेश का काफी बड़ा वर्ग रोडवेज बसों में यात्रा करने पर निर्भर है। वर्तमान में परिवहन विभाग के पास 3329 सामान्य बसें हैं। इनमें से वर्तमान में 2323 बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं। प्रति किलोमीटर की स्कीम वाली 508 बसें भी परिवहन बेड़े में शामिल हैं। वर्तमान में वोल्वो की कुल 20 बसें सरकार के पास हैं। इनमें अभी चंडीगढ़ से गुरुग्राम रूट पर एक ही बस चलाई जा रही है।
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कोरोना और दिल्ली बार्डर पर चल रहे आंदोलन की वजह से बाकी बसें नहीं चल पा रही हैं, लेकिन लोगों की जरूरत के हिसाब से राज्य में बसों की काफी कमी बनी हुई है। रोडवेज यूनियनें भी लगातार नई बसों की खरीद का दबाव सरकार पर बनाती रही हैं। नई बसों की खरीद के लिए परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने सीएम मनोहर लाल से हाल ही में मुलाकात की है। सीएम ने 800 बसों की तुरंत खरीद की मंजूरी प्रदान कर दी है। 500 और नई बसों की खरीद के लिए भी सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इनके आर्डर 800 बस आने के बाद दिए जाएंगे।
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गुरुग्राम व फरीदाबाद को सरकार मेट्रोपालिटन डवलपमेंट अथारिटी बना चुकी है। इन शहरों में इलेक्ट्रिक बसें ही चलेंगी। लो-फ्लोर की एसी बस भी इन शहरों के लिए सरकार खरीदेगी। इन दोनों शहरों से नई बसों की डिमांड के बारे में पूछा गया है। सरकार ने कालेज एवं विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए भी बस सेवा शुरू की हुई है। स्कूल शिक्षा, उच्चतर शिक्षा, तकनीकी शिक्षा व आइटीआइ से बसों के संचालन के विकल्प मांगे जाने हैं। यह संस्थान विद्यार्थियों की जरूरत व रूट पर विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से बसों की डिमांड सरकार को देंगे।
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