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हरियाणा सरकार को हाई कोर्ट से राहत, पंचायतों में प्रशासक लगाने को चुनौती देने वाली सरपंचों की याचिका खारिज

हरियाणा सरपंच एसोसिएशन ने हाई कोर्ट में हरियाणा सरकार के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें उनका काम प्रशासकों को सौंपने को कहा गया है। हाई कोर्ट ने सरकार को राहत देते हुए सरपंचों की याचिका खारिज कर दी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 01:22 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 01:42 PM (IST)
हरियाणा सरकार को हाई कोर्ट से राहत, पंचायतों में प्रशासक लगाने को चुनौती देने वाली सरपंचों की याचिका खारिज
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की फाइल फोटो।

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा की पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने की स्थिति में उन्हेंं प्रशासकों के हवाले करने के हरियाणा सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट के जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने इस बाबत दायर याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि पंचायत का कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्हें आगे लगातार काम करते देने का उनका कोई कानूनी अधिकार नहीं है। ऐसे में इस याचिका का कोई आधार नहीं है।

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इस मामले में सरपंच एसोसिएशन के प्रधान सोमेश कुमार द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि हरियाणा की पंचायतों का कार्यकाल 23 फरवरी को पूरा हो रहा है। सरकार ने एक आदेश जारी कर पंचायतों का कार्यकाल पूरा होते ही सभी बीडीपीओ को पंचायतों में प्रशासक लगाने का आदेश जारी कर दिया व सभी सरपंचों को पंचायत का रिकार्ड उनको सौंपने का आदेश जारी कर दिया।

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याचिका के अनुसार बीडीपीओ, एसडीएम और जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों पर पहले ही काम का बहुत ज्यादा बोझ रहता है। ऐसे में चुनाव होने तक पंचायतों का काम ठप हो जाएगा। मौजूदा पंचायत प्रतिनिधियों को ही कार्यकारी प्रधान के नाते जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए, ताकि पंचायतों के कामकाज प्रभावित न हों।

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झारखंड का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया था कि वहां की सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव संपन्न होने तक या अधिकतम छह माह तक सभी पंचायत प्रतिनिधियों को कार्यकारी समितियों के माध्यम से काम चलाने के निर्देश दिए हैं। इसी तर्ज पर प्रदेश सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज करने का आदेश जारी किया।

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