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दिल्‍ली में हिंसा के बाद बचाव में आए आंदोलनकारी किसानों के नेता, योगेंद्र यादव और चढूनी ने दी सफाई

दिल्‍ली में किसानों के ट्रैक्‍टर परेड के दौरान हिंसा के बाद हरियाणा के किसान नेताओं ने इससे पल्‍ला झाड़ लिया है। योगेंद्र यादव और भ‍ाकियू (चढ़ूनी) गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने सफाई दी है। उन्‍होंने वीडियो संदेश जारी कर किसानाें से शांति बनाए रखने की अपील की है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 10:09 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 10:09 PM (IST)
दिल्‍ली में हिंसा के बाद बचाव में आए आंदोलनकारी किसानों के नेता, योगेंद्र यादव और चढूनी ने दी सफाई
ह‍रियाणा के किसान नेता गुरमान सिंह चढुूनी और योगेंद्र यादव। (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, जेएनएन। Farmers Tractor Parade: किसान के ट्रैक्टर परेड के दौरान राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में हुई हिंसा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख नेता व हरियाणा के किसान नेताओं योगेंद्र यादव और गुरनाम सिंह चढूनी अपना बचाव करने में जुट गए। योगेंद्र यादव शाहजहांपुर बार्डर पर निकाली जा रही ट्रैक्टर परेड में शामिल थे। यादव ने अपने बयान के वीडियो जारी करते हुए कहा कि दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं की वे कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हैं।

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किसानों से शांति बनाए रखने के बयान की वीडियो संदेश जारी किया

इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली में घुस चुके किसानों से अपील की वे आंदोलन में शांति बनाए रखें और जो किसान तय रूट से अलग दिल्ली में घुस गए हैं, वे तुरंत वापस अपने स्थान पर पहुंचे। योगेंद्र यादव ने तो इस बयान में यहां तक भी कहा है कि किसानों ने अब तक जो कुछ किया, उसे पीछे छोड़कर वे वापस अपने धरना स्थल पर पहुंच जाएं।

इसी तरह हरियाणा किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने भी बयान की वीडियो क्लिप जारी कर कहा है कि दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा निंदनीय है। आंदोलन में शामिल किसान शांति बनाए रखें। चढूनी ने शंका जताई कि आंदोलन धार्मिक रूप न ले ले। इसलिए सभी किसान सयंम बरते। उन्होंने इस आंदोलन को जाति-मजहब से अलग किसान हित के लिए बताया।

यह भी माना जा रहा है कि इन नेताओं ने यह बयान दिल्ली पुलिस की आपराधिक कार्रवाई से बचने के लिए जारी किया है। इन दोनों नेताओं से अलग संयुक्त किसान मोर्चा की सात सदस्यीय समन्वय समिति में शामिल किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्काजी ने राजधानी में हुई हिंसा से अपना पल्ला झाड़ते हुए सारा दोष दिल्ली पुलिस के सिर कर दिया। कक्काजी का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने जो तीन रूट तय किए, उन पर संयुक्त किसान मोर्चा की सहमति नहीं थी। जबकि संयुक्त मोर्चा की समन्वय समिति के सदस्यों ने इन्हीं रूट पर अपनी मुहर लगाते हुए किसानों से शांति बनाए रखने के लिए एक एडवाईजरी भी जारी की थी।

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'' राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लालकिला की प्राचीर पर तिरंगा झंडा के अलावा अन्य झंडा फहराना राष्ट्र का अपमान है। इससे किसान आंदोलन को जो आम जनमानस का समर्थन मिल रहा था, उसमें कमी आएगी। हम राजधानी में हिंसा व अराजकता की कड़ी निंदा करते हैं। फिलहाल तीन कृषि कानून वापस लिए जाने तक किसान आंदोलन जारी रहेगा। दिल्ली पुलिस के साथ ट्रैक्टर परेड के लिए रूट तय करने की बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति के योगेंद्र यादव, गुरनाम चढूनी सहित अन्य वरिष्ठ नेता शामिल रहे थे। यह रूट किसानों की सहमति से तय हुए थे मगर दिल्ली पुलिस ने सुबह दस बजे तक कई जगह पहले से लगे बैरिकेड्स नहीं हटाए थे। इससे किसानों में नाराजगी थी।

                                                      - अतर सिंह संधू,  प्रधान, भारतीय किसान यूनियन (अतर) हरियाणा।


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