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पंजाब में कृषि कानूनों को बेअसर करने की प्रक्रिया से हरियाणा कांग्रेस उत्‍साहित, भाजपा हुई हमलावर

पंजाब में तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को बेअसर करने के लिए बनाई गई प्रक्रिया और चार विधेयक पारित किए जाने से हरियाणा की सियासत गर्मा गई है। हरियाणा कांग्रेस इससे काफी उत्‍साहित है। कांग्रेस इससे बरोदा उपचुनाव में फायदा उठाना चाहती है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 06:00 AM (IST)
पंजाब में कृषि कानूनों को बेअसर करने की प्रक्रिया से हरियाणा कांग्रेस उत्‍साहित, भाजपा हुई हमलावर
हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हरियाणा भाजपा अध्‍यक्ष ओमप्रकाश धनखड़।

नई दिल्ली, जेएनएन। पंजाब विधानसभा में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को बेअसर करने के लिए चार नए विधेयक पारित होने के बाद हरियाणा में सियासत और गर्मा गई है। पंजाब में पारित हुए चार कृषि विधेयकों के चलते बरोदा उपचुनाव में कांग्रेस उत्साहित है। दूूसरी ओर, प्रदेश भाजपा और जजपा नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर भ्रम पैदा करने को कांग्रेस का दुष्प्रचार बता रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने साफ कर दिया है कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने पर पंजाब की तर्ज पर ही केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को प्रभावहीन कर दिया जाएगा। दूसरी ओर, भाजपा हमलावर हो गई है।

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हुड्डा ने कहा, सरकार आने पर पंजाब की तरह तीन कृषि कानून होंगे निरस्त

इसके ठीक विपरीत कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ का कहना है कि पंजाब सरकार कृषि विधेयक समाधान नहीं बल्कि किसानों के लिए बंधन है। धनखड़ ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि पंजाब सरकार ने विधानसभा में विधेयक उन्हीं फसलों पर क्यों पारित कराए, जिनकी खरीद केंद्र सरकार करती है। माल प्रधानमंत्री मोदी का और कमाल कैप्टन अमरिंदर सिंह का नहीं चलेगा।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला

आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी डाक्टर सुशील गुप्ता ने तो अपने नेता अरविंद केजरीवाल के सुर में सुर मिलाते हुए पंजाब सरकार के ताजा कृषि विधेयकों पर सवाल खड़ा कर दिए हैं। गुप्ता के अनुसार पंजाब सरकार ने किसानों को एमएसपी देने की बजाए झूठे विधेयक पारित करवा दिए। इनसे किसान को एमएसपी नहीं मिलेगा। जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला ने भी बुधवार स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को लेकर पंजाब से लेकर हरियाणा तक सिर्फ राजनीति हो रही है। किसान के हितों का इन कानूनों में कोई अहित नहीं हो रहा है।

कांग्रेस सहित जजपा के कुछ विधायक पंजाब सरकार के विधेयकों के समर्थक

हरियाणा में कांग्रेस सहित जजपा के कुछ विधायक भी पंजाब सरकार के कृषि विधेयकों के समर्थक बताए जा रहे हैं। कांग्रेस के 30 विधायक तो खुलकर पंजाब सरकार के फैसलों का समर्थन कर रहे हैं मगर जजपा के विधायक अभी दबी जबान में कह रहे हैं कि कृषि कानूनों को लेकर भाजपा के भी कई विधायक अपनी पार्टी से अलग राय रखते हैं।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ का कहना है कि कांग्रेस के विधायक भी सिर्फ इस मामले में झूठ और भ्रम पैदा कर रहे हैं। धनखड़ ने कहा कि पंजाब सरकार ने मंगलवार जो विधेयक पारित किए हैं, उनका कोई आधार नहीं है। इन बिलों के जरिये पंजाब सरकार ने किसानों की आजादी छीन ली।धनखड़ ने कहा कि यदि सरकारी खरीद संपन्न होने के बाद भी किसी किसान ने अपनी फसल रखी हुई है और बाजार भाव एमएसपी से कम हो गया तो फिर किसान की फसल खरीदने वाला कोई नहीं मिलेगा।

पंजाब की तर्ज पर कृषि कानूनों को विधानसभा में रद करने के बिल लेकर आएं मनोहर लाल

हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष बजरंग गर्ग का कहना है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी पंजाब सरकार की तर्ज पर केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को विधानसभा में रद करने का बिल लाना चाहिए। किसान की फसल एमएसपी पर खरीदी जाए इसके लिए कानून बनाए जाएं।

बजरंग गर्ग ने कहा कि एमएसपी पर किसान की फसल नहीं खरीदे जाने के कारण 2150 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी की बजाये बाजरा 1400 रुपये प्रति क्विंटल पर बिक रहा है। गर्ग के अनुसार यदि केंद्र के तीन कृषि कानून लागू हुए तो प्रदेश का किसान, मजदूर और व्यापारी वर्ग बर्बाद हो जाएगा।


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