अंडर ब्रिज के मुद्दे पर झुकी सरकार, मान ली व्यापारियों की मांग
रेलवे फाटक पर बनने वाले अंडर ब्रिज के मामले को लेकर व्यापारियों व सरकार के बीच चल रही तनातनी आखिरकार खत्म हो गई।
राजकुमार, कालका
रेलवे फाटक पर बनने वाले अंडर ब्रिज के मामले को लेकर व्यापारियों व सरकार के बीच चल रही तनातनी आखिरकार खत्म हो गई। दिलचस्प है कि धरना भी वहीं दुकानदार दे रहे थे जो भाजपा के नेता भी थे, मगर मामला रोजी-रोटी का होने के कारण उन्होंने मोर्चा खोलना मुनासिब समझा। उनके धरने को तमाम विपक्षी दलों के नेताओं का भी समर्थन मिला। ऐसे में दबाव बढ़ता देख सरकार ने दुकानदारों की मांगें मान लीं।
इसकी सूचना मिलते ही महीने भर से मायूस चल रहे व्यापारियों के चेहरे खिल गए और महाकाली के जयघोष के साथ उन्होंने अपना अनिश्चितकालीन धरना खत्म कर दिया। लेकिन इस बार व्यापारियों को 21 दिन तक संघर्ष करना पड़ा। मार्केट वेलफेयर एसो. पिजौर के चैयरमैन संतराम शर्मा के नेतृत्व में व्यापारियों ने अपने साथ हुए धोखे को सरकार के सामने लाने का प्रयास 20 दिन पहले शुरू किया था। 500 व्यापारी उजड़ने से बचे
संतराम शर्मा ने सीएम मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जेजेपी के ग्रामीण जिलाध्यक्ष भागसिंह दमदमा ने मांग पूरी होने की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि पहले भी सीएम ने व्यापारियों की मांग को स्वीकार किया था,लेकिन कुछ लोग सरकार की छवि खराब करने के लिए अंडर ब्रिज के कार्य में रोडा अटकाने जैसा काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा व जजपा की गठबंधन सरकार ने पहले नवरात्र को व्यापारियों को बडा तोहफा देते हुए करीब 500 व्यापारियों को उजड़ने से बचाया है। वहीं भागसिंह दमदमा ने कहा कि यह पूरे इलाके की जीत है और इलाकावासियों को इसका श्रेय जाता है। उन्होंने संतराम शर्मा के जज्बे व हौसले की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में सभी ने मिल कर लड़ाई लड़ी और आज कामयाब हो गए। उन्होंने बताया कि डिप्टी सीएम ने अंडर ब्रिज की फाइल चला रखी थी,जोकि आज मंजूर हो गई। इस दौरान एसो. के प्रधान मुकेश कंसल,आरडी गौतम ,अंकुश शर्मा, गौरव वर्मा, रविन्द्र अरोडा तथा सिमर प्रीत सिंह सहित अन्य व्यापारियों ने सरकार का आभार व्यक्त किया है।