हरियाणा में सरकारी स्कूलों के रिकॉर्ड में गोलमाल, 20 हजार छात्र दिखाए ज्यादा
हरियाणा में एमआइएस पोर्टल से मिल नहीं रहा डीईईओ द्वारा भेजा प्राथमिक स्कूलों छात्र और शिक्षकों की संख्या का रिकॉर्ड। इसमें छात्रों की संख्या में लगभग 20 हजार का अंतर है।
चंडीगढ़ [सुधीर तंवर]। रेशनेलाइजेशन को सिरे चढ़ाते हुए शिक्षा विभाग जहां स्कूल खुलने से पहले शिक्षकों के ऑनलाइन तबादलों की तैयारी में जुटा है, वहीं जिला शिक्षा अधिकारी, मौलिक शिक्षा अधिकारी और स्कूल मुखिया इसमें रोड़े अटका रहे हैं। डीईईओ द्वारा सौंपे रिकॉर्ड और एमआइएस पोर्टल पर दर्ज रिकॉर्ड में प्राथमिक स्कूलों की संख्या, छात्रों की संख्या और शिक्षकों की तैनाती के ग्राफ में भारी अंतर है। इससे दो कदम आगे बढ़ाते हुए 11 जिलों के डीईओ ने 152 स्कूलों में छात्र शून्य दिखा दिए। शिक्षा निदेशालय ने तुरंत प्रभाव से रिकॉर्ड दुरुस्त कर नए सिरे से भेजने का निर्देश दिया है।
डीईईओ द्वारा सौंपे रिकॉर्ड के मुताबिक हरियाणा में जहां आठ हजार 693 प्राथमिक स्कूल हैं, वहीं एमआइएस पोर्टल पर आठ हजार 636 स्कूल दर्ज हैं। खासकर छात्रों की संख्या में करीब 20 हजार का अंतर हैं। डीईईओ ने कुल छात्र नौ लाख 11 हजार 606 बताए हैं, जबकि पोर्टल पर आठ लाख 91 हजार 903 छात्र दर्ज हैं। अकेले हिसार में ही करीब 16 हजार बच्चों का अंतर रिपोर्ट में दिखाया गया है।
इसी तरह शिक्षकों की संख्या डीईईओ ने 36 हजार 874 बताई है तो पोर्टल पर 37 हजार 523 शिक्षक दिखाए जा रहे। यानी कि 649 शिक्षकों का अंतर आ गया। प्रदेश के 11 जिलों में डीईओ की लापरवाही का आलम यह कि 152 स्कूलों में छात्र संख्या शून्य बता दी गई। इनमें चरखी दादरी के 58, नूंह के 40, हिसार के 32, फरीदाबाद और महेंद्रगढ़ के चार-चार, झज्जर, कैथल और कुरुक्षेत्र के तीन-तीन, अंबाला और फतेहाबाद के दो-दो तथा भिवानी का एक स्कूल शामिल है।
आंकड़ों में यह गड़बड़झाला
श्रेणी डीईईओ की रिपोर्ट एमआइएस की रिपोर्ट अंतर
प्राइमरी स्कूल 8693 8636 57
कुल शिक्षक 36,874 37,523 649
कुल छात्र 9,11,606 8,91,903 19,703
इन सवालों का जवाब नहीं किसी के पास
- प्राथमिक स्कूलों के रिकॉर्ड में 20 हजार छात्रों का अंतर है। ऐसे में इन छात्रों को मिड-डे मिल की आपूर्ति कहां से होगी और इसका पैसा कौन देगा?
- रिकॉर्ड में गड़बड़ी से 649 शिक्षक सरप्लस दिखाए गए हैं। यह कौन से शिक्षक हैं जो विभाग के रिकॉर्ड में गायब हो गए?
- 57 प्राइमरी स्कूल सिर्फ कागजों में चल रहे या वाकई में यह बंद हो चुके हैं।
- 152 स्कूलों में छात्र संख्या शून्य है तो किस आधार पर नियुक्त किया गया है यहां स्टाफ
- गलती किसी की, प्रभावित हो रहे शिक्षक
रिकॉर्ड में इतना बड़ा अंतर कहां से आ गया
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व महासचिव दीपक गोस्वामी का कहना है कि सभी प्राथमिक शिक्षक बड़ी सतर्कता से निदेशालय द्वारा मांगी गई जानकारी देते हैं। सक्षम योजना के तहत हर महीने ऑनलाइन डाटा भेजा जाता है। फिर रिकॉर्ड में इतना बड़ा अंतर कहां से आ गया। यह गलती भले ही किसी भी लेवल पर हुई हो, इसका खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। इन खामियों को तुरंत ठीक किया जाना चाहिए ताकि ऑनलाइन तबादले किए जा सकें।