रेलवे फाटक पर अंडर पास का काम 100 दिन से बंद
पुराने नेशनल हाईवे पर कालका-पिजौर के बीच स्थित रेलवे फाटक पर बनने वाले अंडर पास का मामला पहले तो कई महीनों तक विवादों में फंसा रहा।
राजकुमार, कालका
पुराने नेशनल हाईवे पर कालका-पिजौर के बीच स्थित रेलवे फाटक पर बनने वाले अंडर पास का मामला पहले तो कई महीनों तक विवादों में फंसा रहा। इसके बाद जैसे तैसे निर्माण शुरू हुआ तो कुछ दिनों के बाद काम बंद भी हो गया। ऐसे में अंडर पास का निर्माण कार्य कब तक पूरा होगा इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। क्योंकि यह दो विभागों के बीच फंसा हुआ है। हालांकि मंजूरी मिलने के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग ने अंडर पास को करीब दो साल में पूरा करने की बात कही थी। फाटक पर अंडर पास बनाने के लिए अभी तक यहां पेड़ों की कटाई, कुछ बिजली के खंबे हटाने और रेल लाइन पर नया कैबिन ही बनाया गया है।
कोरोना ने लगाई निर्माण पर ब्रेक रेलवे फाटक पर करीब दो साल के बाद बड़ी मुश्किल से निर्माण कार्य शुरू हुआ, लेकिन कुछ समय के बाद कोरोना के कारण काम पर रोक लग गई। करीब 100 दिनों से निर्माण कार्य बंद पड़ा है। लेकिन अभी तक जो कार्य किया गया है उसे केवल नाममात्र ही कहा जा सकता है। दुकानदरों में मची थी हलचल
रेलवे फाटक पर करीब ढाई साल पहले जैसे ही ओवर ब्रिज बनाने का एलान हुआ तो फाटक के आसपास के दुकानदारों में हलचल मच गई। दुकानदारों का कहना था कि यहां ओवर ब्रिज बनने से उनका व्यापार चौपट हो जाएगा। इसके बाद दुकानदारों ने तत्कालीन विधायक लतिका शर्मा से अंडर पास की मांग की थी। लतिका शर्मा ने दुकानदारों की मांग को पूरा करवाया था। दोबारा उलझा मामला
ओवर ब्रिज को अंडर पास में तब्दील करवाने के बाद लतिका शर्मा ने विस चुनाव से पहले अंडर पास के निर्माण कार्य का उद्घाटन किया था। लेकिन इस बीच कुछ लोगों व व्यापारियों ने अंडर पास की जगह ऐलीवेटिड लाइन के निर्माण की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया था। कुछ दिनों के बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से मुलाकात भी की थी। इसके बाद फाटक के नीचे से खुदाई कर सड़क को लेवल तक रखने का प्लान तैयार कर इसे ऐलीवेटिड करार दे दिया और अंडर पास की लंबाई को भी कम कर दिया गया। इस बारे में पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ ओम नारायण गुप्ता ने बताया कि रेलवे की ओर से बॉक्स डालने का काम पूरा नहीं होने के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सका। कोरोना के चलते कार्य बंद हुआ था।