Move to Jagran APP

हरियाणा शराब घोटाला: रिकॉर्ड के लिए जूझ रही एसईटी, कांग्रेस के हाथ लगे दस्तावेज

हरियाणा शराब घोटाले की जांच कर रही एसईटी का इससे संबंधित रिकार्ड नहीं मिल पा रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस के हाथ कई अहम दस्‍तावेज के हाथ लगने का दावे किए जा रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 02:58 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 02:58 PM (IST)
हरियाणा शराब घोटाला: रिकॉर्ड के लिए जूझ रही एसईटी, कांग्रेस के हाथ लगे दस्तावेज
हरियाणा शराब घोटाला: रिकॉर्ड के लिए जूझ रही एसईटी, कांग्रेस के हाथ लगे दस्तावेज

चंडीगढ़, जेएनएन। करोड़ों रुपये के शराब घोटाले की जांच के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसईटी (विशेष जांच टीम) भले ही अभी तक अपनी जांच पूरी कर सरकार को रिपोर्ट नहीं सौंप पाई है, लेकिन कई अहम दस्तावेज कांग्रेस के हाथ लग गए हैं। जांच में लॉकडाउन के दो महीनों में विभिन्न स्थानों पर शराब की करीब एक करोड़ बोतलें कम पाई गई हैं। माना जा रहा है कि इस शराब की अवैध बिक्री हुई। इसी तरह विभिन्न स्थानों पर करीब 19 लाख बोतलें ज्यादा मिली हैं। यानी कि यहां भी घपला हुआ।

loksabha election banner

लॉकडाउन में शराब की एक करोड़ बोतलें गायब, कहीं मिली 19 लाख ज्यादा बोतलें

10 मई को सोनीपत में गोदाम से शराब चोरी और तस्करी का मामला सामने आने के बाद अन्य जिलों में भी जांच हुई तो शराब तस्करी की परतें खुलने लगी। प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए एसईटी बनाई हुई है, लेकिन अभी तक आबकारी महकमे ने पूरे दस्तावेज जांच टीम को नहीं सौंपे हैं।

एसईटी का गठन क्रिमिनल प्रोसीजर कोड 1973 की धारा 2 (एच) व 2 (ओ) के तहत नहीं होने के कारण इसे कागजात जब्त करने, रेड करने, आबकारी महकमे व पुलिस विभाग के रिकॉर्ड को खंगालने तथा दोषियों की गिरफ्तारी करने का कोई अधिकार नहीं है, इसलिए संबंधित अफसर दस्तावेज सौंपने में हीलाहवाली कर रहे। एसईटी ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी की है।

कांग्रेस ने सार्वजनिक किए दस्तावेज, ठेकों में कम मिली 99 लाख 41 हजार 66 बोतलें

वहीं, कांग्रेस के हाथ लगे दस्तावेजों को सार्वजनिक करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 11 मई से 27 जून तक भी स्पेशल इंक्वायरी टीम को शराब घोटाले का रिकॉर्ड न देना मामले पर पर्दा डालने की साजिश को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग में मार्च-अप्रैल और अप्रैल-मई में अंग्रेजी व देसी शराब के होलसेल (एल-1 व एल-13) तथा शराब के ठेकों की जांच से सामने आया है कि 99 लाख 41 हजार 66 बोतलें कम मिली। मतलब साफ है कि यह सीधे शराब तस्करी या नाजायज तौर से शराब बिक्री का मामला है। इसी प्रकार जांच में विभिन्न स्थानों पर 19 लाख दस हजार 330 बोतलें अधिक मिली। यानी कि यह सीधे एक्साइज की चोरी कर सरकारी  खजाने को चूना लगाने का मामला है।

सुरजेवाला ने एसईटी पर उठाए सवाल

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एसईटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर एडीजीपी सुभाष यादव को इसका सदस्य क्यों बनाया गया, जबकि वह 31 मई को रिटायर हो रहे थे। एसईटी को पावर भी नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का दावा था कि 15 दिन में जांच पूरी हो जाएगी, लेकिन डेढ़ महीना बीतने के बावजूद जांच पूरी होना तो दूर, एसईटी को आबकारी महकमे ने रिकॉर्ड तक उपलब्ध नहीं कराया है।

उन्होंने आरोप जड़ा कि सुनियोजित तरीके से शराब माफिया व उच्च पदस्थ लोगों के बीच साठ-गांठ कर घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है। यह शर्मनाक है कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में खुलेआम शराब घोटाला हुआ और उसकी सच्चाई सामने नहीं आने दी जा रही।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.