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बेहद खतरनाक था टिड्डियों की फौज का हमला, दस किमी लंबा और छह किमी चौड़ा था दल

हरियाणा में टिड्डियों की फौज का हमला बेहद खतरनाक था। टिड्डियों का दल 10 किलोमीटर लंबा और छह किेलोमीटर चौड़ा था।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 09:02 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 09:02 AM (IST)
बेहद खतरनाक था टिड्डियों की फौज का हमला, दस किमी लंबा और छह किमी चौड़ा था दल
बेहद खतरनाक था टिड्डियों की फौज का हमला, दस किमी लंबा और छह किमी चौड़ा था दल

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में टिड्डियों की फौज का हमला बेहद खतरनाक था। टिड्डी दल जब हरियाणा के विभिन्न जिलों में पहुंचा तो उसका आकार लगभग दस किलोमीटर लंबा और छह किलोमीटर चौड़ा नजर आ रहा था। इससे लोगों और किेसानोें मेंं दहशत पैदा हो गया। दूसरी ओर, किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे टिड्डी दल की 30 से 35 प्रतिशत टिड्डियों को प्रदेश सरकार के अमले ने मार गिराने का दावा किया है।

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हरियाणा सरकार का दावा, 30 से 35 फीसद टिड्डियों को मार गिराया गया

प्रदेश सरकार ने दावा किया कि इस टिड्डी दल के हरियाणा में प्रवेश की उसके पास पहले से जानकारी थी। लिहाजा तैयारी कर टिड्डी दल में शामिल काफी टिड्डियों को दवाइयों के स्प्रे के जरिये मार गिराया गया। हालांकि टिड्डी दल ने महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, सिरसा, फतेहाबाद और फरीदाबाद समेत प्रदेश के अन्य हिस्सों में फसलों को कुछ नुकसान जरूर पहुंचाया है।

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने दिए नुकसान की भरपाई के लिए आकलन के निर्देश

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने किसानों को आश्वस्त किया है कि टिड्डी दल से फसलों का जो नुकसान हुआ है उसका प्रशासन आकलन कर रहा है, सरकार किसानों के साथ खड़ी है। दलाल ने कहा कि लगभग छह महीने पहले टिड्डी दल ने पाकिस्तान से भारत में प्रवेश किया था, इसलिए हरियाणा सरकार ने उसी समय से बचाव की तैयारियां शुरू कर दी थी। टिड्डी दल पहले राजस्थान व मध्यप्रदेश गया। अब हवा के रूख के साथ हरियाणा में प्रवेश कर गया है। किसानों की फसल के बचाव के लिए शासन और प्रशासन की ओर से हर संभव कदम उठाए गए हैं।

दो घंटे तक टिड्डियों के दो दलों ने मचाया हड़कंप

गुरुग्राम में शनिवार सुबह लगभग 10 बजे रेवाड़ी की तरफ से पहुंचा टिड्डियों का एक दल गुरुग्राम सीमा के नजदीक पटौदी से पहले चार दलों में बंट गया। इसमें दो दल गुरुग्राम शहर की तरफ बढ़े। एक दल नूंह की तरफ गया, जबकि एक झज्जर की तरफ चला गया। गुरुग्राम शहर की तरफ बढ़ा एक दल जहां गांव दौलताबाद व राजेंद्रा पार्क इलाके में पहुंच गया, वहीं दूसरा दल खेड़कीदौला टोल प्लाजा इलाके में पहुंच गया।

टिड्डियों को देखते ही लोगों ने अपने घरों के दरवाजे से लेकर खिड़कियां तक बंद कर दिए। किसान अपने खेतों में खड़े होकर तो शहरी क्षेत्र के लोग अपने अपने घर या फ्लैट की बालकनी में खड़े होकर थालियां बजाने लगे। यही वजह रही कि टिड्डियों का दल जमीन पर नहीं उतर सका।

लगभग दो घंटे के भीतर एक दल गांव दौलताबाद से राजेंद्रा पार्क, अशोक विहार, सेक्टर पांच, पालम विहार, उद्योग विहार होते हुए दिल्ली के इलाके में प्रवेश कर गया। उधर,दूसरा दल खेड़कीदौला टोल प्लाजा के सामने से होते हुए डीएलएफ के इलाके में पहुंचा। वहां से आया नगर दिल्ली के इलाके में प्रवेश कर गया। यह टिड्डी दल लगभग पांच किलोमीटर चौड़ा एवं आठ किलोमीटर लंबा था।

टिड्डी दल से नुकसान की हो विशेष गिरदावरी : भूपेंद्र हुड्डा

पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि टिड्डी दल के हमले से महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, मेवात और फरीदाबाद में बाजरा, कपास, सौंठ और दूसरी फसलों को नुकसान हुआ है। इनकी स्पेशल गिरदावरी की जानी चाहिए। हुड्डा ने कहा कि जब छह महीने पहले से टिड्डी दल के हमले की जानकारी सरकार को थी तो सरकार ने कोई तैयारी क्यों नहीं की। इससे किसानों को बड़े नुकसान से बचाया जा सकता था।

हुड्डा ने मांग की कि सभी जिलों में हुए नुकसान की स्पेशल गिरदावरी कर फौरन किसानों को मुआवजा दिया जाए। इसमें लेटलतीफी नहीं होनी चाहिए क्योंकि पूर्व में हुई बेमौसी बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान का मुआवजा अभी तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि कभी कुदरत की बेरुखी तो कभी सरकारी नीतियों की मार और पेट्रोल-डीजल की महंगाई का बोझ, इससे किसान चौतरफा नुकसान झेल रहा है।

सैलजा बोलीं, किसानों को तुरंत राहत दे सरकार

हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार की नाकामियों के कारण आज प्रदेश के किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से टिड्डियों से किसानों की फसलों को बचाने के लिए तुरंत प्रभाव से कदम उठाने चाहिए। सैलजा ने कहा कि किसान सरकार की नाकामियों की वजह से पहले ही इस महामारी और लॉकडाउन में तंगहाल स्थिति में है।

उन्‍होंने कहा कि फसल कटाई से पूर्व हुई बारिश व ओलावृष्टि के कारण किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा था। लेकिन सरकार ने इस नुकसान का किसानों को अभी तक भी मुआवजा नहीं दिया है। फसल खरीद में भी किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। वहीं बुआई के इस सीजन में डीजल के दामों में वृद्धि ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है।

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