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संकट की घड़ी में भी कालाबाजारी से बाज नहीं आ रहे हैं मुनाफाखोर, महंगा बेच रहे राशन

हरियाणा में कोरोना के खिलाफ जंग के बीच कुछ मुनाफाखोर बाज नहीं आ रहे और राशन सामग्री की भी कालाबाजारी कर रहे हैं। ये लोग राशन तय दर से अधिक कीमत पर बेच रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 02:42 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 02:54 PM (IST)
संकट की घड़ी में भी कालाबाजारी से बाज नहीं आ रहे हैं मुनाफाखोर, महंगा बेच रहे राशन
संकट की घड़ी में भी कालाबाजारी से बाज नहीं आ रहे हैं मुनाफाखोर, महंगा बेच रहे राशन

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। देश के संग हरियाणा में भी काेरोना वायरस COVID-19 से जंग लड़ी जा रही है। लॉकडाउन के दौरान आम लोगों की सहूलियत के लिए हरियाणा सरकार ने अनेक कारगर कदम उठाए हैं। इसके बावजूद कुछ मुनाफाखोर संकट के समय भी अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं। राशन की भी कालाबाजारी की जा रही है और ये लोग राशन सामग्री को सरकार द्वारा तय दर से अधिक कीमत पर बेच रहे हैं।

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खुदरा से पहले किराना सामान के थोक विक्रेता कर रहे हैं कालाबाजारी

इस सबके बीच सरकारी स्तर पर उन मुनाफाखोर दुकानदारों पर शिकंजा नहीं कसा जा सका है जो संकट की इस घड़ी में भी मुनाफाखोरी कर रहे हैं। बाजार में दाल,चावल,चीनी से लेकर अन्य किराना का सामान 15 से 20 रुपये प्रतिकिलोग्राम महंगा मिल रहा है।

थोक विक्रेता बिल से ज्यादा वसूल रहे हैं माल की कीमत 

राज्य सरकार ने आवश्यक वस्तुओं की दर और स्टॉक की सूची लगाने के लिए दुकानदारों को आदेश दिया है लेकिन, इसका कोई पालन नहीं कर रहा है। किराना सामान के खुदरा व्यापारी कह रहे हैं कि उन्हें थोक विक्रेताओं से महंगा सामान मिल रहा है इसलिए वे सरकार द्वारा तय दर पर सामान नहीं बेच सकते। हालांकि कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं जब आम लोगों ने इन खुदरा व्यापारियों से खरीद बिल मांगे गए तो उन्होंने वे दिखाने से इंकार कर दिया। वैसे खुदरा दुकानदार बता रहे हैं कि थोक विक्रेता उनसे माल की बिल से ज्यादा कीमत वसूल रहे हैं।

सरकार की सख्ती नहीं करने के पीछे है बड़ा कारण

बेशक मुनाफाखोरी की पुख्ता शिकायत मिलने पर पुलिस के थानाध्यक्ष स्तर के अधिकारियों को अनौपचारिक रूप से सख्ती करने के आदेश राज्य सरकार ने दिए हैं। इसमें भी सिर्फ इतनी ही सजा देनी है कि कालाबाजारी करने वाले दुकानदार की सार्वजनिक रूप से दंड-बैठक लगवाई जाएं और वह दृश्य सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया जाए।

फरीदाबाद, गुरुग्राम, करनाल, कुरुक्षेत्र, रोहतक में ऐसे कुछ मामले हुए हैं मगर बावजूद इसके मुनाफाखोर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। किराना सामान के खुदरा व्यापारी तो अब यह भी कह रहे हैं कि थोक व्यापारियों की जिला के अधिकारियों से सांठगांठ हो गई है। इसलिए उनका कुछ नहीं बिगड़ रहा है।

पुलिस और आम ग्राहकों की नजर में तो खुदरा व्यापारी ही खलनायक बन रहे हैं। जबकि खुदरा व्यापारी तो अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को राशन उपलब्ध करा रहे हैं। उधर राज्य के गृहमंत्री अनिल विज ने इस मामले में कहा कि फिलहाल हम मुनाफाखोर दुकानदारों की सूची गुप्त तरीके से तैयार करवा रहे हैं। लॉकडाउन के बाद ऐसे मुनाफाखोरों का इलाज किया जाएगा।

सरकार द्वारा मुनाफाखोरी रोकने को थोक व खुदरा विक्रेताओं के लिए तय किए भाव

वस्तु,                  थोक दर (रुपये प्रतिकिलोग्राम),          खुदरा दर (रुपये प्रतिकिलोग्राम)
चीनी-                                    37                                     39
आटा-                                    26.5                                  28
चने की दाल-                          65                                      75
मलका दाल-                           70                                      80
उडद दाल-                             100                                    110
तूर की दाल-                           93                                     100

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