कोविड संघर्ष सेनानी एप से एक झटके में समस्या हल, पढ़ें सियासत की और भी कई रोचक खबरें
राजनीति में ऐसा बहुत कुछ होता है जो खबर बन पाता। आइए नजर डालते हैं हरियाणा के सत्ता के गलियारे से जुड़ी कुछ ऐसी ही खबरों पर...
चंडीगढ़। Coronavirus lockdown in Haryana: मनो यानी मनोहर लाल को यूं ही नमो (नरेंद्र मोदी) का चहेता मुख्यमंत्री नहीं कहा जाता। केंद्रीय योजनाओं का लांचिंग पैड कहे जाने वाला हरियाणा पीएम मोदी की अधिकतर बड़ी परियोजनाओं को सिरे चढ़ाने में सबसे आगे रहा हैंं। मौजूदा समय में कोरोना वायरस से जूझ रहे देश में जहां लोगों की मदद और जागरूकता अभियान के लिए कर्मचारियों की कमी आड़े आ रही है, वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कोविड संघर्ष सेनानी पोर्टल लांच कर एक झटके में इस समस्या का हल ढूंढ लिया। प्रदेश में अभी तक 55 हजार से अधिक डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, होम डिलीवरी सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने के बाद कोरोना से जंग में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जब इस एप की खूबियां गिनाई तो दूसरे राज्यों ने भी इसे सराहा। इस पर मनो ने दूसरे राज्यों को ऑफर दिया कि वह चाहें तो उनके आइटी एक्सपर्ट इस एप का आइपी एड्रेस ले सकते हैं। इसके अलावा इस एप को मॉडिफाई कर स्टेट का कालम भी जोड़ा जा सकता है, जिससे कोराना से लड़ाई आसान हो जाएगी। मुख्यमंत्री का यह सुझाव कई राज्यों को खासा पसंद आया है और इस एप को अपने यहां लांच करने की तैयारी कर ली है।
पाप नहीं, पुण्य कमाओ
लॉकडाउन के कारण जहां हरियाणा सरकार के साथ ही विभिन्न सामाजिक-धार्मिक संगठन व स्वयंसेवी अपने-अपने तरीके से लोगों की मदद में जुटे हैं, वहीं कुछ स्वार्थी तत्व मुनाफाखोरी पर उतर आए हैं। पूरा स्टॉक होने के बावजूद फल-सब्जियों से लेकर जरूरी सामान तक के दोगुने, तीन गुने दाम वसूले जा रहे। कई निजी अस्पतालों में जांच व उपचार के लिए आने वाले मरीज चिकित्सकों की भरपूर कमाई का जरिया बने हुए हैं।
अल्ट्रासाउंड से लेकर तमाम जरूरी टेस्ट के नाम पर दोगुनी रकम वसूली जा रही। हालांकि सरकार ने ऐसे लोगों पर सख्ती की है, लेकिन मुनाफाखोर बाज नहीं आ रहे। मुनाफाखोरी रोकने के लिए व्यापार मंडल की पहल सराहनीय है, जिसने जनता को खाद्य सामग्री की किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने देने की पहल की है। व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने व्यापारियों से आह्वान किया है कि सामान पर स्पेशल डिस्काउंट दें, ताकि आमजन को कुछ राहत मिल सके। बकायदा टीमें बनाई गई हैं जो कालाबाजारी करने वाले व्यापारियों की सूचना प्रशासन को देकर उनके खिलाफ कार्रवाई कराएंगी।
कोरोना वायरस के साइड इफेक्ट
कोरोना वायरस के भय से पूरा देश-प्रदेश लॉकडाउन है, लेकिन प्रकृति खिली-खिली है। शीशे की तरह चमकता नीला आसमान और बीच-बीच में छाए कपास की भांति सफेद बादल। आबोहवा भी बिलकुल साफ-सुथरी। न वाहनों की चिल्ल पौं और न कहीं निर्माण कार्य से उड़ती धूल और कारखानों से निकलता धुआं। नतीजन, पांच दशक बाद वायुमंडल पूरी तरह साफ है। न सिर्फ गांव और कस्बों, बल्कि गुरुग्राम व फरीदाबाद जैसे औद्योगिक शहरों में भी एक्यूआइ मानकों में खासा सुधार आया है। ध्वनि प्रदूषण भी अब नाममात्र है। शुद्ध हवा में उड़ान भरते और चहचहाते तथा झूमते पेड़ पौधे मानो कह रहे कि इंसान अब तो कुछ सबक ले। प्रकृति से अगर वह सामंजस्य बैठाए तो महामारी की नौबत न आए।
कोरोना वायरस पर सीएम की सलाह
कोरोना वायरस के खतरे के बारे में सीएम मनोहर लाल प्रदेश के हर नागरिक को फोन करके आगाह कर रहे हैं। सरकार ने एक निजी कंपनी को इसका जिम्मा सौंपा है। यह कंपनी सीएम का रिकार्डिंग मैसेज फोन के जरिये सभी तक पहुंचा रही है। फोन रिसीव होते ही सीएम मनोहर लाल सबसे पहले अपना परिचय देते हैं। इसके बाद वे कोरोना से बचाव के चार मूल मंत्र लोगों को बताते हैं। घर पर ही रहने, डिस्टेंसिंग, बार-बार साबुन से हाथ धोने के अलावा वे आंख, नाक व मुंह को नंगे हाथों से नहीं छुने की नसीहत लोगों को दे रह हैं। लोगों को यह संदेश पसंद आ रहा है और इसे वह सररकार की जागरूकता से जोड़कर देख रहे हैं।
लेटर बम का कमाल हैं अच्छे निर्णय
सरकार के अच्छे निर्णयों को इन दिनों कांग्रेस कार्यकर्ता अपनी प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा के उन पत्रों का कमाल बता रहे हैं जो वे मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लिख चुकी हैं। सैलजा ने दिल्ली में बैठकर मुख्यमंत्री को दो पत्र लिखे हैं। इनमें उन्होंने सूबे के लोगों को उनके घर पर ही राशन पहुंचाने से लेकर मजदूरों की समस्याओं से प्रमुखता से उठाया। सैलजा ने लॉक डाउन में मजदूरों की छंटनी न हो इसके लिए पहले ही सरकार को चेतााया था। जमीनी हकीकत यह है कि मजदूर छंटनी के डर से ही अपने पैतृक निवास पलायन को मजबूर हुए। सरकार ने जो राहत शिविर मजदूरों के लिए बनवाए थे, उनमें भी मजदूर नहीं रुके क्योंकि उनके सुरक्षित भविष्य का आश्वासन नहीं मिला। बावजूद इसके कांग्रेस कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर ढोल पीट रहे हैं कि सरकार उनकी प्रदेशाध्यक्ष के लेटर बम पर ही काम करती रहे तो किसी को कोई परेशानी नहीं होगी।
दीपेंद्र ने की नेक काम के लिए मांगी उधारी
राज्यसभा के लिए नवनिर्वाचित सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने बेशक अभी अपने निर्वाचन के बाद शपथ नहीं ली है,क्योंकि कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में राज्यसभा अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दी गई है। मगर उन्होंने राज्य में कोरोना वायरस के प्रकोप रोकने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार पर जोर दिया है। इसके लिए उन्होंने घोषणा की है कि वे अपने सांसद निधि कोष से दो करोड़ रुपये की राशि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए देंगे। दीपेंद्र हुड्डा से जब यह सवाल पूछा कि आपकी राशि तो बाद में आएगी फिर इस घोषणा का क्या लाभ। तब दीपेंद्र ने साफ किया कि उन्होंने दो करोड़ रुपये देने का वादा कर लिया है, जो स्वास्थ्य अधिकारी उनसे संपर्क करके किसी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने वाली कंपनी से उधार लेकर अपनी सेवाओं में विस्तार करना चाहेगा, उसे वे यह राशि दिलवाएंगे। वैसे नेक काम के लिए उनकी यह उधार काफी काम आएगा। (प्रस्तुति - अनुराग अग्रवाल, बिजेंद्र बंसल और सुधीर तंवर)
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