पलायन कर रहे श्रमिकों को उनके राज्यों तक पहुंचाने के लिए हरियाणा ने भेजी 1000 बसें
हरियाणा सरकार ने पलायन कर रहे श्रमिकों को उनके राज्यों तक पहुंचाने के लिए रोडवेज की 1000 बसें दिल्ली भेजी हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। काेरोना के खिलाफ जंग के बीच मजदूर हरियाणा, दिल्ली ओर एनसीआर से पलायन कर रहे हैं। इससे दिल्ली और उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर अफरातफरी का माहाैल पैदा हाे गया है। हरियाणा सरकार इस हालात में मदद का हाथ बढ़ाया है। सरकार ने पलायन कर रहे मजदूरों व उनके परिवार को उनके राज्यों तक पहुंचाने के लिए रोडवेज की 1000 बसें भेजी हैं। ये बसें पलायन कर रहे बिहार और उत्तर प्रदेश के मजदूरों को उनके राज्य मुफ्त में पहुंचाएंगी।
मजदूरों को बिहार व उत्तर प्रदेश में उनके शहरों तक छोड़ेगी हरियाणा रोडवेज की बसें
हरियाणा परिवहन विभाग ने रोडवेज की 1000 बसें रविवार को दिल्ली भेजीं। ये बसें दिल्ली से दिल्ली से मजदूरोंको लेकर बिहार और उत्तर प्रदेश जाएगी। ये बसें पलायन कर रहे मजदूरों को उनके शहरों में छोड़कर वापस आएगी। हरियाणा रोडवेज की जींद डिपो ने करीब 36 बसें दिल्ली के लिए रवाना कीं, तो करनाल से हरियाणा रोडवेज की 10 बसों को दिल्ली के लिए रवाना किया गया है।
हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि इस आपदा जैसी हालत में हरियाणा सरकार पूरी तरह अपने दायित्व का पालन करेगी और पलायन करने वाले मजदूरों की इंसानियत के आधार पर मदद करने का वचनबद्ध है। हरियाणा रोडवेज़ ने दूसरे राज्यों के लोगों को अपने गन्तव्य जाने के लिए निश्शुल्क बसें उपलब्ध करवाई है।
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हरियाणा मूल के लोगों की गांव वापसी पर सरकार चिंतित
दूसरी ओर, दूसरे राज्यों में काम करने वाले हरियाणा मूल के लोगों खासकर मजदूरों की गांवों में वापसी से सरकार चिंतित है। राज्य सरकार ने ऐसे तमाम मजदूरों, श्रमिकों व कर्मचारियों का ब्योरा जुटाने के निर्देश दिए हैं। विदेशों से, दूसरे राज्यों या शहरों से पिछले 15 दिनों में गांवों में आने वाले व्यक्तियों के बारे में जिला मुख्यालय पर सूचित करने के आदेश जारी किए गए हैं।
हरियाणा के डिप्टी सीएम एवं विकास व पंचायत मंत्री दुष्यंत चौटाला ने एक बैठक में ऐसे तमाम गांवों का अच्छी प्रकार से सोडियम क्लोराइड स्प्रे से सेनेटाइजेशन करवाने को कहा है। साथ ही निर्देश दिए कि राज्य के गांवों में आने वाले लोगों के बारे में सूचना देकर जिला प्रशासन उनका क्वारंटाइन कराए। दुष्यंत ने सभी अतिरिक्त उपायुक्तों और जिला विकास पंचायत अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जहां-जहां से प्रवासी श्रमिक हरियाणा से उत्तर प्रदेश व राजस्थान जैसे अपने मूल राज्यों में लॉकडाउन के दौरान पैदल जा रहे हैं, उनके लिए स्कूलों, पंचायत भवनों व अन्य सरकारी भवनों को शेल्टर होम के रूप में परिवर्तित कर उनके ठहरने व खाने-पीने की व्यवस्था की जाए और इससे पहले इन भवनों को सैनिटाइज किया जाए।
दुष्यंत ने कहा कि पंजाब के साथ लगते अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, फतेहाबाद व सिरसा जिलों में पंजाब के अप्रवासी भारतीयों के आने की भी संभावना है, इन जिलों में भी सरपंच विशेष ध्यान रखें और किसी को भी आने की अनुमति न दी जाए, यदि कोई आता भी है तो इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी जाए। कोरोना के दौरान गांवों की सैनेटाइजेशन के लिए हरियाणा ग्रामीण विकास निधि से विशेष फंड ग्राम पंचायतों को जारी करने की अनुमति दी जाएगी।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जो पंचायतें कोरोना वायरस को रोकने के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन करेगी, उन पंचायतों को देश के समक्ष एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा और उन्हें विशेष रूप से सम्मानित भी किया जाएगा। उन्होंने इस बात के भी निर्देश दिए कि जिन-जिन जिलों में ईंट भट्ठा व क्रैशर जोन पर मजदूर जोन हैं, उनकी सूची भी जिला श्रम अधिकारियों के साथ तालमेल कर मुख्यालय को भिजवाई जाए और वहां पर उचित ढंग से सैनेटाइजेशन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।