राशन के मनमाने दाम नहीं वसूल सकेंगे दुकानदार, हरियाणा सरकार ने तय कीं कीमतें
हरियाणा सरकार ने राज्य में कालाबाजारी पर अंकुश के लिए बड़ा उठाया है। सरकार ने राज्य में राशन सामग्री की कीमतें तय कर दी है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा सरकार ने कोरोना वायरस के कारण राज्य में Lock down के दौरान खाद्य सामग्री की कालाबाजारी की शिकायतों के बाद महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मनोहरलाल सरकार ने राज्य में राशन सामग्री की कीमते तय कर दी है। दुकानदारों को इन कीमतों पर ही सामान बेचना होगा। कीमतों की सूची दुकानों के बाहर लगाना होगा।
कालाबाजारी पर अंकुश के लिए हरियाणा सरकार ने उठाया बड़ा कदम
लॉक डाउन के दौरान जरूरी वस्तुओं की बिक्री के दौरान हो रही कालाबाजारी की शिकायतों के मुद्देनजर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह कदम उठाने का आदेश दिया। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने दाल,चावल व चीनी की दरें निश्चित कर दी हैं। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार अजय गौड ने बताया कि दुकानदारों को अब इसी सूची के अनुसार अपनी बिक्री करनी चाहिए और यह सूची अपनी दुकान के सामने स्वेच्छा से लगानी चाहिए। सरकार ने चीनी के दाम 36 रुपये प्रतिकिलोग्राम तय किए हैं जबकि बाजार में चीनी के भाव 45 से 50 रुपये प्रतिकिलोग्राम हो गया है।
राशन सामग्री की तय कीमतें-
जींस - दर (रुपये प्रतिकिलोग्राम)
दाल उड़द- 90 रुपये
दाल मूंग- 91-95 रुपये
दाल चना- 56-57 रुपये
दाल अरहर (तूर) - 80 रुपये
आटा- 25 रुपये
चावल परमल - 25 रुपये
चीनी- 36 रुपये
नमक- 20 रुपये
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हरियाणा में बीपीएल को मिलेगा मुफ्त राशन
इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने अंत्योदय तथा गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) कार्ड धारकों को एक माह का राशन मुफ्त मुहैया करवाने का फैसला किया है। खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले निदेशालय द्वारा कान्फैड को जारी किए आदेश में कहा गया है कि राज्य में अप्रैल 2020 के दौरान सार्वजनिक वितरण प्रणाली व राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियमत के तहत एएवाई तथा बीपीएल कार्ड धारकों को मुफ्त राशन मुहैया करवाया जाएगा।
निदेशालय के इस पत्र में कहा गया है कि फरवरी माह के दौरान वितरित किए गए राशन के आंकड़ों को आधार बनाकर डिपो धारकों को गेहूं, फोर्टिफाईड आटा, चीनी तथा सरसों तेल का कोटा अलाट किया जाए। विभाग ने कान्फैड को कहा है कि अप्रैल माह के दौरान आबंटित आवश्यक वस्तुओं की बिक्री का ब्यौरा मई माह के दौरान मिलेगा। विभागीय अधिकारियों ने प्रदेश के सभी जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक अपने-अपने क्षेत्र में यह सुनिश्चत करेंगे कि जरूरतमंद लोगों को आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई उनके तय कोटे के अनुसार हो रही है।