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Lock Down in haryana: खाद्य सामग्री की कालाबाजारी पर सख्ती, निगरानी के संग होगी कार्रवाई

हरियाणा में कोरोना के खतरे से निपटने के लिए लॉक डाउन के बीच खाद्य सामग्री की कालाबाजारी हो रही है। ऐसे में सरकार सख्‍त हो रही है और निगरानी के साथ ही कार्रवाई की तैयारी कर रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 25 Mar 2020 10:36 AM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2020 10:36 AM (IST)
Lock Down in haryana: खाद्य सामग्री की कालाबाजारी पर सख्ती, निगरानी के संग होगी कार्रवाई
Lock Down in haryana: खाद्य सामग्री की कालाबाजारी पर सख्ती, निगरानी के संग होगी कार्रवाई

चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए हरियाणा में लॉक डाउन करने के बाद लोगों में खाद्य सामग्री का स्टॉक करने की अफरा-तफरी मची है। कई स्थानों पर गेहूं- चावल सहित विभिन्न खाद्य पदार्थों की जमकर कालाबाजारी हो रही, जबकि प्रदेश में खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है। ऐसे में राज्‍य सरकार सख्‍त हो गई है। भाजपा-जजपा सरकार ने हालात पर निगरानी रखने के साथ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।

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हरियाणा में खाद्यान्न की नहीं कोई कमी, गेहूं-चावल से फुल हैं गोदाम

राज्‍य के सरकारी गोदाम अनाजों से भरे पड़े हैं और पहली  अप्रैल से गेहूं की खरीद भी शुरू हो जाएगी। करीब 80 से 90 लाख टन गेहूं इस बार मंडियों में पहुंचेगा। खाद्यान्न की कालाबाजारी से निपटने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग भी सक्रिय हो गया है।

सभी जिला एवं खाद्य आपूर्ति नियंत्रकों को  कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश दिए गए हैं। कालाबाजारी से निपटने के लिए एक फोन नंबर भी जारी किया जाएगा, जहां आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता व उनके रेटों के बारे में कोई भी शिकायत की जा सकती है। इस नंबर पर एसएमएस, वाट्स-एप या टेलीफोन कॉल कर सूचना दी जा सकेगी। जिले के सभी थोक विक्रेताओं से लगातार संपर्क बनाए रखने को कहा गया है।

अगले महीने मंडियों में पहुंचेगा 80 से 90 लाख टन गेहूं

सभी डीएफएससी को स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी तरह की कालाबाजारी नहीं होनी चाहिए। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास रोजाना की रिपोर्ट ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों को किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। सभी होल सेलरों से लगातार संपर्क बना हुआ है।

हर साल होता 180 लाख टन खाद्यान्न

बता दें कि सेंट्रल पूल में हरियाणा हर साल करीब 15 फीसद अनाज देता है। प्रदेश में हर साल करीब 25 लाख हेक्टेयर में गेहूं और 14 लाख हेक्टेयर में धान उगाया जाता है। करीब 180 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हर साल होता है जिसमे 120 से 130 लाख टन गेहूं और करीब 50 से 55 लाख टन धान शामिल है।

हैफेड के पास भी पूरा स्टॉक

खाद्य आपूर्ति में अहम  भूमिका निभाने वाली सरकारी एजेंसी हैफेड के पास पूरा स्टॉक है। हैफेड चेयरमैन सुभाष चंद्र कत्याल के अनुसार आटा मिल में लगातार आटा बन रहा है। सरसों तेल की दोनों मिल चल रही हैं। सारा सामान बन रहा है और किसी तरह की कमी नहीं है। खाद्य पदार्थों की आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रहेगी। चाय पत्ती, चीनी, चावल और एनीमल फीड का स्टॉक भी पूरा है। आमजन के लिए खाद्य सामग्री बिना किसी बाधा के जारी रखी जाए।

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