पढ़ी-लिखी पंचायतों के बाद हरियाणा की नई पहल, प्री-बजट बैठक करने वाला पहला प्रदेश बना
पढ़ी-लिखी पंचायताें के बाद हरियाणा ने देश मेें नई पहल की है। हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने प्री-बजट बैठक आयोजित की है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणाा ने पढ़ी-लिखी पंचायतों के बाद देश में नई पहल की है और नई शुरुआत की है। केंद्र की तर्ज पर प्री बजट बैठक का आयोजन करने वाला देश का पहला प्रदेश बन गया है। इस कदम से हरियाणा सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों के हितधारकों, सांसद-विधायकों के साथ प्री-बजट बैठकें कर अहम सुझावों को बजट में शामिल करने की पहल की है। इसमें सभी दल के विधायक व सांसद शामिल हो रहे हैं।
राजनीति से ऊपर उठ विधायकों ने खेती-किसानी पर चर्चा से किया तीन दिवसीय मंथन का आगाज
पंचकूला के पर्यटन केंद्र रेड बिशप के सभागार में वित्त विभाग एवं हरियाणा वित्तीय प्रबंधन संस्थान द्वारा आयोजित प्री-बजट चर्चा में विधायकों ने पूरा उत्साह दिखा रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधायकों का आह्वान किया कि एक जनप्रतिनिधि को सदन में अपनी राजनीतिक पार्टी की विचारधारा से ऊपर उठकर बजट के लिए राज्य व्यापी सुझाव देने चाहिए। विधायकों ने भी दलगत सीमाओं को तोड़ते हुए अपनी बात रखी। सीएम ने कहा कि बजट पूर्व विधायकों से सीधा संवाद सुखद अनुभव है।
बैठक में भाग लेने पहुंचे विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता और हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज।
वित्त मंत्री के नाते मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 8 जनवरी को प्री-बजट बैठकों की शुरुआत की थी। उद्योगपतियों, सेवा क्षेत्र, रियल इस्टेट, कृषि, मैन्युफैक्चङ्क्षरग, महिला, युवाओं तथा सांसद-विधायकों के साथ प्री-बजट चर्चा को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी सराहा। इस पहल का लक्ष्य समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में जनता की आकांक्षाओं व अपेक्षाओं पर खरा उतरने का हरसंभव प्रयास करेंगे। पर्यावरण सुरक्षा, प्रदूषण, गिरता भू-जल स्तर, खेती में अत्यधिक उर्वरकों का प्रयोग बड़ी चुनौतियां हैं, जिनका समाधान खाेजना जरूरी है। रोटी, कपड़ा और मकान के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य व सुरक्षा पर फोकस करना होगा। कृषि प्रधान राज्य होने के नाते प्री-बजट बैठक के पहले दिन कृषि एवं इससे जुड़े क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य-2030 के तहत 17 लक्ष्यों की प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। साथ ही आर्थिक विकास से सतत विकास की ओर 'मेरा प्रण' पर हस्ताक्षर भी किए। इसमें प्राकृतिक संसाधनों का उचित प्रबंधन एवं उपयोग को बढ़ावा देना, रसायनों के ठोस प्रबंधन हेतु जागरूकता जिससे स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर उनके हानिकारक प्रभावों को न्यूनतम किया जा सके, ग्राम पंचायत में पर्यावरण प्रदूषण को कम करती गतिविधियों तथा नगरीय क्षेत्रों में अपशिष्ट प्रबंधन को प्रोत्साहित करना शामिल है।
पुरानी पड़ चुकी कई योजनाएं होंगी बंद
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में विभागों की छोटी-बड़ी कुल 1590 योजनाएं हैं जिनमें से कई योजनाओं की आज प्रासंगिकता नहीं है। बजट में ऐसी योजनाओं को या तो बंद किया जाएगा या फिर दूसरी योजनाओं के साथ मिलाया जाएगा। प्रदेश में वित्त वर्ष 2014-15 राज्य का कुल बजट 73,01 करोड़ था जो वर्ष 2019-20 में एक लाख 32 हजार 165 करोड़ रुपये पहुंच गय। प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2014-15 में एक लाख 47 हजार 382 रुपये थी जो अब दो लाख 15 हजार 157 है। सकल घरेलू उत्पाद दर 11 फीसद पर है। राज्य की आर्थिक स्थिति केंद्रीय वित्त कोषीय प्रबंधन के नियमों के अनुरूप है। पूंजीगत परिव्यय में भी तीन गुणा इजाफा हुआ है।
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महिला शक्ति को तरजीह, भुक्कल को दिए 15 मिनट
प्री-बजट बैठक के पहले दिन सभी विधायकों को पांच मिनट के भीतर सुझाव देने की हिदायत थी, लेकिन महिला शक्ति को तरजीह देते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री और कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल को पूरे 15 मिनट दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भुक्कल पूर्व में मंत्री रही हैं और सीनियर विधायक हैं। अनुभवी महिला विधायक के नाते वह अपने सुझाव रख सकती हैं। उनके लिए समय की कोई सीमा नहीं।
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