थानेदार और चौकी प्रभारी सीखेंगे बातचीत का सलीका, अब रोब नहीं नरमी से करेंगे लोगों से बात
हरियाणा पुलिस अब आम लोगों से नरम लहजे में बात करेगी और उनसे सलीके से पेश आएगी। हरियाणा सरकार थानेदार व चौकी प्रभारियों को सलीके से बातचीत का प्रशिक्षण दिलाएगी।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में अब थानेदार और चौकी इंचार्जों को आमजन के साथ सलीके से पेश आने की ट्रेनिंग मिलेगी। सभी थाने-चौकियों में पुलिस अफसर और मुलाजिमों को सिखाया जाएगा कि रौब छोड़कर शिकायतकर्ताओं से कैसे नरमी से बात करनी है। समस्याएं सुनकर उन पर हाथों-हाथ एक्शन भी लेना होगा। किसी थाने और चौकी से शिकायत की अनदेखी या लापरवाही की शिकायत आई तो संबंधित प्रभारी जिम्मेदार होगा।
गृहमंत्री अनिल विज ने गृह सचिव को पत्र लिखकर दिया थाने-चौकियों में विशेष ट्रेनिंग कराने का आदेश
गृह मंत्री अनिल विज ने इसके लिए गृह सचिव विजय वर्धन को लिखित आदेश जारी किए हैं। रोहतक में थाने के निरीक्षण के दौरान थाना प्रभारी सहित छह कर्मचारियों को सस्पेंड करने वाले विज ने अब हरियाणा सचिवालय पहुंचते ही गृह सचिव को चिट्ठी लिखकर पुलिस जवानों की ट्रेनिंग कराने के आदेश दिए।
गृह मंत्री विज के मुताबिक जब फरियादियों की सुनवाई नहीं होगी तो फिर कैसे आमजन का पुलिस पर विश्वास बढ़ेगा। इसलिए चरणबद्ध तरीके से थाना और चौकी प्रभारियों के अलावा कांस्टेबल, हेड-कांस्टेबल, एएसआइ, एसआइ और इंस्पेक्टर रैंक तक के पुलिस जवानों को ट्रेंड करने का निर्देश दिया।
विज ने थानों और चौकियों में आधुनिक तौर-तरीके अपनाने पर बल दिया जाए। शिकायतों को अलमारियों में बंद करके की परंपरा छोडऩी होगी। शिकायतों के लिए अलग से रजिस्ट्रर मेनटेन करना होगा। हर शिकायत की कंप्यूटरों में भी एंट्री होगी। शिकायतकर्ता को हाथों-हाथ शिकायत पंजीकरण नंबर देना होगा।
कई थानों का दौरा कर चुके विज का मानना है कि आज भी पुराना देसी ढर्रा चल रहा है। ठेठ हरियाणवी अंदाज में लोगों से बात की जा रही है, जो किसी भी सूरत में सही नहीं है। पुलिस को बातचीत करने के तौर-तरीकों में बदलाव लाना होगा। शिकायतकर्ता के साथ सम्मान से पेश आना होगा और उसके साथ पूरी शालीनता से बात करनी होगी।
रोहतक सदर थाना में औचक निरीक्षण के दौरान विज ने जब एक अलमारी को खोला तो उसमें असला रखा हुआ था। इससे खफा विज ने गृह सचिव को कहा है कि थाना प्रभारियों को इतना तो पता होना चाहिए कि सरकारी हथियारों को कहां और कैसे रखा जाता है। अलमारियों में लोगों की शिकायतें बंद पड़ी हैं। इससे साफ है कि पुलिस लोगों की शिकायतों पर एक्शन नहीं करती।