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सिलेंडर की कीमतें बढ़ाने पर विरोधियों ने जताया रोष

गैस की बढ़ी हुई कीमतों के खिलाफ विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 09:20 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 06:15 AM (IST)
सिलेंडर की कीमतें बढ़ाने पर विरोधियों ने जताया रोष
सिलेंडर की कीमतें बढ़ाने पर विरोधियों ने जताया रोष

जागरण संवाददाता, पंचकूला : गैस की बढ़ी हुई कीमतों के खिलाफ विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है। ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की सचिव नंदिता हुड्डा ने कहा कि महंगाई को घटाने का वायदा करके आम जनता के वोट बटोर कर बनी भारतीय जनता पार्टी की सरकार निरंतर महंगाई में इजाफा कर रही है। रसोई गैस के सिलेंडर में 145 रुपये से लेकर करीब 150 रुपये तक की इसमें बढ़ोतरी की गई है जो पहले से महंगाई झेल रहे लोगों के ऊपर एक और बोझ डाल दिया गया है। रसोई गैस की कीमतों में यह पांच साल में सबसे अधिक बढ़ोतरी है। कांग्रेस सरकार के जमाने में सिलेंडर का रेट 450 तक होता था जो अब करीब दोगुना हो गया है। महिलाओं के बजट पर डाका

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हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता रंजीता मेहता ने गैस सिलेंडर बढ़ाने पर कड़ा विरोध व्यक्त किया है। रंजीता मेहता ने कहा कि एकाएक इतनी बड़ी वृद्धि करके महिलाओं के बजट पर सीधा डाका डाला गया है। पहले सरकार ने पहले रसोई गैस पर दी जाने वाली सब्सिडी को पूरी तरह से समाप्त किया और उसके बाद दरों में वृद्धि किया जा रहा है। उन्होंने प्रशासनिक मूल्य प्रणाली को खत्म कर दिया है। कंपनियों पर छोड़ा गया काम

पूर्व महापौर उपिद्र कौर आहलुवालिया ने कहा कि अब मूल्य निर्धारण का काम पेट्रोलियम विपणन कंपनियों पर छोड़ दिया गया है ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजार के उतार-चढ़ाव के अनुसार उनके दाम तय किए जा सकें। किन्तु जब कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय दाम कम होते हैं तो भारतीय तेल कंपनियां उनका लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाती है। किन्तु जब दाम बढ़ते हैं तो वे उसका बोझ उपभोक्ताओं पर डाल देते हैं। अचानक डेढ़ सौ रुपये की बढ़ोतरी कर दी गई है। आम आदमी से कोई लेना-देना नहीं

पूर्व कांग्रेस उपप्रधान तरसेम गर्ग ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के लोग केवल कारपोरेट सेक्टर के हित के बारे में सोचते हैं, उन्हें आम आदमी के फायदे नुकसान से कोई लेना-देना नहीं है। एक तरफ तो नरेन्द्र मोदी सरकार गरीबों को रसोई गैस मुहैया कराने के लिए योजना चला रही है. वहीं, दूसरी तरफ रसोई गैस की कीमतों को बढ़ावा रहे हैं। इस कदम से सबसे ज्यादा गरीब आदमी और मध्यम वर्ग के लोगों पर असर पड़ेगा। सर्वे को जनता के सामने रखें

युवा वसंत कुमार ने कहा कि सरकार को उज्ज्वला स्कीम के तहत बांटे गए सिलेंडरों में से कितने रीफिल किए , सर्वे करवाकर जनता के सामने रखने चाहिए थे।  कांग्रेस के समय में जब दो रुपए सिलेंडर के दाम बढ़ाए जाते थे तो भारत को बंद करने का आवाहन बीजेपी के द्वारा किया जाता था। और अब  हालात ये हैं कि रोजगार खत्म किए जा रहे हैं और महंगाई को हर रोज बढ़ाया जा रहा हैं। महिलाओं के लिए थी योजना

इंदिरा कॉलोनी निवासी ऊषा रानी ने कहा कि महिलाओं को धुएं से बचाने के लिए प्रधानमंत्री ने उज्ज्वला योजना की शुरुआत की जो पूर्णतया नाकाम रही। सिलेंडर की कीमत इतनी बढ़ा दी कि बहुत सी महिलाओं ने सिलेंडर को दोबारा रीफिल ही नहीं करवाया। महिलाओं के आंखों से धुएं से नहीं, सिलेंडर की कीमत देखकर आंसू निकल रहे हैं। कीमतें कम होने का फायदा नहीं दिया

पूर्व पार्षद सुभाष निषाद ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बावजूद भी नागरिकों को इसका फायदा नहीं दिया गया। पेट्रोल और डीजल पर निरंतर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई। पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे लोगों की परेशानियों के मद्देनजर सरकार को तुरंत इस बढ़ी हुई कीमतों को वापस ले लेना चाहिए।


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