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4500 करोड़ के भ्रष्टाचार के सबूत लेकर CM दरबार पहुंचे कुंडू, SIT पर भी उठाए सवाल

शहरी निकायों और सहकारिता विभाग में हजारों करोड़ के घोटाले का आरोप जड़ रहे महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने गृह मंत्री अनिल विज के बाद अब सीधे मुख्यमंत्री के दरबार में दस्तक दी

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 10:01 AM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 07:47 AM (IST)
4500 करोड़ के भ्रष्टाचार के सबूत लेकर CM दरबार पहुंचे कुंडू, SIT पर भी उठाए सवाल
4500 करोड़ के भ्रष्टाचार के सबूत लेकर CM दरबार पहुंचे कुंडू, SIT पर भी उठाए सवाल

जेएनएन, चंडीगढ़। शहरी निकायों और सहकारिता विभाग में हजारों करोड़ के घोटाले का आरोप जड़ रहे महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने गृह मंत्री अनिल विज के बाद अब सीधे मुख्यमंत्री के दरबार में दस्तक दी है। कुंडू ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर पानीपत चीनी मिल और डिस्टलरी यूनिट में भारी अनियमितताओं के दस्तावेज सौंपे। साथ ही घोटाले में शामिल अफसरों को क्लीन चिट देने की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने की मांग की।

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चंडीगढ़ में पत्रकारों से रू-ब-रू कुंडू ने रोहतक नगर निगम में हुए घोटाले की जांच के लिए शहरी निकाय मंत्री अनिल विज द्वारा गठित एसआइटी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एसआइटी में उन्हीं अधिकारियों को शामिल कर लिया गया, जिनकी सरपरस्ती में घोटालों को अंजाम दिया गया। वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और लोकायुक्त को सौंपी शिकायतों का हवाला देते हुए विधायक कुंडू ने कहा कि सिस्टम में गड़बड़ी के चलते आज तक इन आरोपों की जांच नहीं हुई है।

सहकारी चीनी मिलों में करीब 3300 करोड़ रुपये के घाटे को गोलमाल करार देते हुए उन्होंने दावा किया कि औने-पौने दाम पर पूर्व मंत्री, उनकी पुत्रवधू और भतीजे की कंपनियों को शीरा सप्लाई किया गया। अकेले शीरे के टेंडर में ही 500 से 700 करोड़ का घोटाला हुआ। रोहतक चीनी मिल में दो महीने पहले तक 157 रुपये प्रति क्विंटल दिया जाता रहा शीरा नए प्रबंध निदेशक की नियुक्ति के बाद 830 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है, जो पूर्व में हुए पूरे खेल को उजागर करता है।

पानीपत में नहीं 80 हजार क्विंटल सीरे का रिकॉर्ड, बनाई अवैध शराब : कुंडू ने कहा पानीपत शुगर मिल में वर्ष 2016 से लेकर 2018 तक 80 हजार क्विंटल शीरे का रिकॉर्ड ही नहीं है। पाइप लाइन के जरिये यह शीरा पूर्व मंत्री की डिस्टलरी में भेजा गया, जहां इससे अवैध शराब बनाकर बेच दिया गया। इस डिस्टलरी में बोतल और ढक्कन भी घटिया क्वालिटी की प्लास्टिक से बनाए जा रहे और यह निर्धारित मानक पूरे नहीं करती। पलवल और कैथल चीनी मिलों में भी घोटाला हुआ।

विजिलेंस में करेंगे शिकायत विधानसभा में लगाया सवाल

विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि पिछले तीन साल में शहरी निकायों में करीब हजार से 1200 करोड़ रुपये तक का घोटाला हुआ। विशेषकर अमरूत योजना में जो 2650 करोड़ रुपये आए थे, उसमें से 50 फीसद धनराशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। चीनी मिलों और शहरी स्थानीय निकाय में हुए घोटाले के सबूत वह जल्द ही राज्य सतर्कता ब्यूरो को सौंपेंगे। विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया जाएगा।

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