Move to Jagran APP

Private Jobs में हरियाणा के युवाओं के लिए 75 फीसद आरक्षण की राह आसान नहीं

हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में राज्‍य के लोगों को 75 फीसद आरक्षण देने का फैसला किया है। लेकिन यह आरक्षण देना आसान नहीं है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 12:25 PM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 11:18 PM (IST)
Private Jobs में हरियाणा के युवाओं के लिए 75 फीसद आरक्षण की राह आसान नहीं
Private Jobs में हरियाणा के युवाओं के लिए 75 फीसद आरक्षण की राह आसान नहीं

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा सरकार ने बेशक राज्य में अपने सहयोगी दल जननायक जनता पार्टी के चुनावी वायदे को पूरा करने के लिए निजी क्षेत्रों खासतौर पर उद्योगों की नौकरियों में 75 फीसद आरक्षण की व्यवस्था का सैद्धांतिक फैसला ले लिया है मगर यह कार्य इतना आसान नहीं है। इसके तकनीकी और राजनीतिक पहलू गंभीर हो सकते हैं, इसका अंदाजा भाजपा के रणनीतिकारों ने भी लगाया था।

loksabha election banner

उद्योगों में रोजगार के आरक्षण की व्यवस्था लागू होने से पहले औद्योगिक संगठन दिखा रहे हैं नाराजगी

31 जनवरी को मनोहरलाल मंत्रिमंडल ने नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में हुई बैठक में उद्योगों में स्थानीय बेरोजगार युवकों के लिए 75 फीसद नौकरियां आरक्षित करने के मुद्दे पर चर्चा की थी। इस चर्चा के बाद खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया था कि राज्य मंत्रिमंडल इसकी बाबत उद्यमियों से चर्चा करके नई नीति बनाएगा। बस, इसके बाद से ही औद्योगिक संगठनों ने अपनी नाराजगी दिखानी शुरू कर दी है।

भाजपा सहयोगी दल जजपा के चुनावी वादे को पूरा करने के साथ ही उद्यमियों की कर रही चिंता

भाजपा के लिए यह बड़ा मुद्दा इसलिए है कि उद्योग जगत भी पार्टी का बड़ा और पुराना वोट बैंक है। इसके अलावा मनोहर सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में नए निवेश के लिए बड़े सार्थक प्रयास किए थे। यदि भाजपा सरकार उद्यमियों की मर्जी के खिलाफ ऐसा कोई कानून बनाएगी तो निश्चित तौर पर पार्टी के लिए यह निर्णय दूरगामी रूप में नुकसानदायक होगा। भाजपा के रणनीतिकार यह भी मान रहे हैं कि इसके विरोध का नुकसान भाजपा को होगा और इससे लाभांवित होने वाले जजपा के प्रति आकर्षित होंगे।

------------

अभी तक केवल सीएलयू लेने वालों के लिए है नियम

निजी उद्योगों में स्थानीय लोगों के लिए नौकरियों में 75 फीसद आरक्षण अभी तक उन संस्थानों पर लागू है जिन्होंने कृषि योग्य भूमि पर औद्योगिक या संस्थागत केंद्र का भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) लिया हुआ है। इन संस्थानों को अभी तक सीएलयू लेते समय शपथ पत्र के माध्यम से यह विश्वास दिलाना होता है कि वे अपने संस्थान में 75 फीसद कर्मचारी स्थानीय युवाओं को ही रखेंगे। हालांकि इस नियम की पालना कभी नहीं हुई।

उद्यमी अपनी मर्जी से ही अपने कर्मचारी रखते हैं। फरीदाबाद और गुरुग्राम में श्रमिकों के रूप में बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर देश के अन्य प्रदेशों के ही ज्यादातर लोग नियुक्त हैं। मगर अब यदि राज्य सरकार ने इस बाबत नई नीति बनाई तो न केवल सीएलयू वाले संस्थानों में बल्कि अन्य निजी संस्थानों में भी 75 फीसद नौकरियां स्थानीय लोगों को देनी होंगी।

-----------------

सभी नौकरियों में देना होगा आरक्षण

अभी तक यह असमंजस बनी हुई थी कि निजी क्षेत्रों में केवल दक्ष लोगों के लिए नौकरियों में आरक्षण मिलेगा। मगर उद्योग विभाग के अधिकारी बताते हैं कि पुराने नियम में यह है कि जिस संस्थान ने कृषि योग्य भूमि का सीएलयू कराया है,उसे अपने नए संस्थान की सभी प्रकार की नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75 फीसद का आरक्षण देना होगा। एक संस्थान केवल दक्ष लोगों के लिए ही जगह नहीं होती बल्कि अन्य नौकरियों भी होती हैं।

--------------

राजस्थान समेत जिन राज्यों में उद्योगों में रोजगार का आरक्षण है, उनका अध्ययन करने की तैयारी में सरकार

निजी क्षेत्र की नौकरियों में राजस्थान सहित मध्यप्रदेश में भी आरक्षण है। यह आरक्षण किस रूप में और किन निजी संस्थानों के लिए है। इसका अध्ययन करने में भी सरकार जुट गई है। उद्योग विभाग के एक आलाधिकारी को मौखिक आदेश से इन दोनों राज्यों में निजी क्षेत्रों में लागू किए गए रोजगार के आरक्षण की पूरी रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। इस रिपोर्ट में यह सबसे बड़ा पहलू होगा कि आरक्षण कितना सफल रहा है। इसके प्रभाव क्या पड़े और राजनीतिक तथा आर्थिक तौर पर इन प्रभावों से कैसे निपटा गया।

-------------

किसी भी सूरत में उद्यमियों को भी नाराज नहीं करेगी सरकार

नया नियम बनाने के लिए मंत्रिमंडल में हुई चर्चा के बाद औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों में गुरुग्राम के जेएन मंगला और फरीदाबाद के नवदीप चावला का कहना है कि उन्हें सरकार पर पूरा विश्वास है कि कोई भी ऐसा नियम नहीं बनाया जाएगा, जिससे आर्थिक मंदी के दौर में उद्यमी असहज हों। मंगला के अनुसार उद्यमियों को अपना उद्योग लोगों से ही चलाना है। यदि स्थानीय लोग दक्ष और संस्थान के प्रति निष्ठावान होंगे तो उन्हें पहले भी उन्हें वरीयता दी जाती है और आगे भी दी जाएगी। उद्यमी तो केवल विवाद नहीं चाहता।

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें: एक मां की जीवट व संघर्ष की कहानी, कैंसर को मात देकर बेटी को बनाया दुनिया का स्‍टार


यह भी पढ़ें: अब ग्लैंडर्स रोग ने बढाई मुश्किल, UP से बढ़ रहा खतरा, पशुओं के बाद इंसानों पर बड़ा संकट

यह भी पढ़ें: दो हजार साल पुरानी जड़ों की तलाश, लुधियाना में साकार हुआ तक्षशिला और बुद्ध का ज्ञान



Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.