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AJL land allotment व Manesar land scam मामले में पेश हुए हुड्डा, आरोपों पर हुई बहस

AJL को पंचकूला में प्लॉट आवंटन तथा मानेसर लैंड स्कैम मामले में कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पंचकूला की विशेष सीबीआइ कोर्ट में पेश हुए।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 10:30 AM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 08:35 AM (IST)
AJL land allotment व Manesar land scam मामले में पेश हुए हुड्डा, आरोपों पर हुई बहस
AJL land allotment व Manesar land scam मामले में पेश हुए हुड्डा, आरोपों पर हुई बहस

पंचकूला [राजेश मलकानियां]। नेशनल हेराल्‍ड की कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को पंचकूला में प्लॉट आवंटन तथा मानेसर लैंड स्कैम मामले में कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा बुधवार को पंचकूला की विशेष सीबीआइ कोर्ट में पेश हुए। आज मानेसर भूमि घोटाले मेंं आरोपों पर बहस हुई। अब मामले की सुनवाई 26 सितंंबर को होगी। वहीं, AJL प्लॉट आवंटन मामले में सुनवाई 22 अक्टूबर को होगी।

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मानेसर भूमि घोटाले के मामले में आज 5 घंटेे तक बहस हुुुुई। मामले के मुख्य आरोपी व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित अन्य सभी 33 आरोपित कोर्ट में पेश हुए। मामले की अगली सुनवाई अब 26 सितंंबर को होगी। उस दिन भी अरोपों पर बहस रहेगी जारी।

AJL प्लॉट आवंटन मामले में भी हुड्डा पेश हुए। मामले में AJL हाउस के चेयरमैन मोती लाल वोहरा पेश नहीं हुए। बचाव पक्ष द्वारा मामले में आरोपी मोती लाल वोहरा के उम्र और मेडिकल कारणों के चलते परमानेंट एक्सेम्पशन के लिए लगाई गई याचिका को सीबीआइ कोर्ट ने मंजूर की थी। मामले में आज बचाव पक्ष द्वारा लगाई गई याचिका पर सीबीआइ ने जवाब दायर किया। वहीं, पिछली सुनवाई में बचाव पक्ष द्वारा मामले के मुख्य आरोपित भूपेंद्र सिंह हुुड्डा की डिस्चार्ज एप्लीकेशन लगाई थी। मामले की अगली सुनवाई अब 22 अक्टूबर को होगी। 22 अक्टूबर को बचाव पक्ष द्वारा लगाई गई याचिका व सीबीआइ के दायर जवाब पर बहस होगी। उसके बाद ही सीबीआइ कोर्ट द्वारा बचाव पक्ष की याचिका पर फैसला सुनाया जाएगा। 

पिछली सुनवाई में आरोपित जसवंत सिंह के आरोपों पर हुई बहस हुई थी। सुनवाई में जसवंत सिंह की तरफ से चार्ज पर बहस की गई। मानेसर लैंड स्कै्म मामले में कुछ आरोपियों पर लगे चार्ज पर बहस पूरी हो चुकी है, जबकि कुछ आरोपितों पर लगे आरोपों पर बहस होनी अभी बाकी है। बता दें, मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित 34 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई थी। अब इस मामले में पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। 

वहीं, हुड्डा ने नेशनल हेराल्‍ड की कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को पंचकूला में प्लॉट आवंटन मामले में खुद को मुक्‍त (डिस्चार्ज) मांग की थी। उहोंने पंचकूला की विशेष सीबीआइ अदालत (Special CBI Court) में इस संबंध में याचिका दायर की थी। इस पर कोर्ट ने सीबीआइ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इस मामले में भी आज ही सुनवाई हुई।

हुड्डा और अन्‍य आरोपितोंं ने मामले में कहा था कि इस मामले में उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है। हुड्डा ने कोई अनियमितता नहीं की है। हुड्डा के वकील ने उन्‍हें इस मामले से डिस्‍चार्ज (Discharge) करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। इस पर कोर्ट ने सीबीआइ को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने को कहा था।

ये है मामला

गौरतलब है कि 24 अगस्त 1982 को तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री भजनलाल ने नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली कंपनी एसोसिएट्स जनरल लिमिटेड (एजेएल) के हिंदी अखबार नवजीवन को पंचकूला सेक्टर छह में 3360 वर्गमीटर का प्लॉट (नंबर सी -17)  अलॉट किया था। कंपनी को इस पर छह माह में निर्माण शुरू करके दो साल में काम पूरा करना था, लेकिन वह 10 साल में भी ऐसा नहीं कर पाई। इसके बाद 30 अक्टूबर 1992 को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ( Haryana Urban Development Authority) यानि हुडा ने आवंटन को रद कर दिया था। 

इसके बाद 18 अगस्त 1995 को नए आवंटन के लिए आवेदन मांगे गए। इसमें एजेएल कंपनी को भी आवेदन करने की छूट दी गई। इसी दौरान 14 मार्च 1998 को एजेएल की ओर से आबिद हुसैन ने हुडा के चेयरमैन को पूर्व प्लॉट अलॉटमेंट की बहाली की अपील की। 14 मई 2005 को हुडा के चेयरमैन ने अफसरों को एजेएल कंपनी के प्लॉट अलॉटमेंट की बहाली की संभावनाएं तलाशने को कहा, लेकिन कानून विभाग ने अलॉटमेंट बहाली के लिए साफ तौर पर इन्कार कर दिया।

मामले के अनुसार 28 अगस्त 2005 को हुडा ने एजेएल को 1982 की मूल दर पर प्लॉट अलॉट कर दिया। जबकि इसे 2005 की दरों पर जारी किया जाना चाहिए था। इसके साथ ही कंपनी को छह माह में निर्माण शुरू करके एक साल में काम पूरा करने को भी कहा। एजेएल अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज अखबारों का प्रकाशक रहा हैै।

हुडा के अध्यक्ष के नाते लपेटे में आए हुड्डा

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) की शिकायत पर राज्य सतर्कता विभाग ने मई 2016 को इस मामले में केस दर्ज किया। चूंकि मुख्यमंत्री हुडा के पदेन अध्यक्ष होते हैं और यह गड़बड़ी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में हुई, इसलिए उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। सतर्कता ब्यूरो ने 5 मई 2016 को भादसं की धारा 409, 420 और 120बी के तहत केस दर्ज किया था। 5 अप्रैल 2017 को राज्य सरकार ने मामला सीबीआइ को सौंप दिया। सीबीआइ ने हुड्डा के खिलाफ 120बी, 420 एवं सेक्शन 13 (2) आर/डब्ल्यू 13 (1) डी के तहत चार्जशीट दाखिल की।

हुड्डा पर आरोप है कि उनकी सरकार के दौरान नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली कंपनी एसोसिएट्स जनरल लिमिटेड (एजेएल) को सन् 2005 में नियमों के विपरीत भूखंड आवंटित किया गया। इससे सरकार को 67.65 लाख रुपये का नुकसान हुआ।

बता दें, प्लॉट आवंटन मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत में दिसंबर 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, एजेएल के तत्कालीन चेयरमैन कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और एजेएल के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी। अब इनके खिलाफ विशेष सीबीआइ कोर्ट में ट्रायल चलेगा।

इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेरॉल्ड के स्वामित्व वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) को प्लाट आवंटन करने के मामले में बड़ी कार्रवाई की थी। ईडी ने कंपनी के पंचकूला सेक्टर 6 स्थित प्लाट सी 17 को अटैच कर दिया। ईडी द्वारा इस प्लाट को अटैच कर दिए जाने से इस पर कोई काम नहीं हो सकेगा।

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