प्लाट आवंटन मामले में ED पहुंचा हाई कोर्ट, AJL और मोती लाल वोरा को नोटिस
ED की याचिका पर हाईकोर्ट ने AJL और वरिष्ठ कांग्रेेेस नेता मोती लाल बोरा को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न अपीलीय अधिकरण के आदेश पर रोक लगा दी जाए।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंचकूला में एसोसिएट जर्नल लिमिटेड (AJL) को अलॉट किए गए प्लॉट को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा अटैच करने पर यथास्थिति बनाए रखने के अपीलीय अधिकरण, दिल्ली के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। ED की याचिका पर हाईकोर्ट ने AJL और वरिष्ठ कांग्रेेेस नेता मोती लाल बोरा को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न अपीलीय अधिकरण के आदेश पर रोक लगा दी जाए।
बता दें, ED के अपीलीय अधिकरण ने 4 जून को AJL को आवंटित प्लाट पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। इस आदेश के खिलाफ ED की ओर से याचिका दाखिल करते हुए कहा गया कि 1982 में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल ने हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथारिटी (संक्षेप में जो हुडा कहा जाता था। अब इसका नाम हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण है) का प्लाट AJL को आवंटित किया था। 10 साल तक यहां कोई निर्माण नहीं हुआ तो हुडा ने प्लाट वापस ले लिया।
2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 1982 की कीमत पर ही प्लाट AJL को फिर आवंटित कर दिया। इस कारण ED ने 15 जुलाई 2016 को केस दर्ज किया था। भारत सरकार के वकील सत्यपाल जैन ने कोर्ट को बताया कि ED ने गत वर्ष 1 दिसंबर को पंचकूला के इस प्लाट को अटैच करने के अंतरिम आदेश दे दिए थे।
न्यायिक प्राधिकरण ने इसी वर्ष 21 जून को अपनी मंजूरी दे दी थी। इस प्लाट को अटैच करने के आदेश को AJL ने दिल्ली अपीलीय अधिकरण में चुनौती दी थी जिसपर 4 जून को वहां से यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए गए थे। जैन ने कहा कि अधिकरण को ऐसा आदेश पारित करने का अधिकार ही नहीं है।
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा-26 के तहत अपीलीय अधिकरण अंतरिम आदेश जारी नहीं कर सकता। वह आदेश में संशोधन और उन्हें रद कर सकता है। हाईकोर्ट ने ED की दलीलों पर AJL सहित मोती लाल वो को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न अपीलीय अधिकरण के आदेश पर रोक लगा दी जाए।
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