पूर्व विधायक गुज्जर को हाई कोर्ट से झटका, चुनाव लड़ने की मांग की अर्जी खारिज
पत्रकार पंकज खन्ना आत्महत्या प्रकरण में नारायणगढ़ के पूर्व विधायक राम किशन गुज्जर को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने राहत नहीं दी है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पत्रकार पंकज खन्ना आत्महत्या प्रकरण में नारायणगढ़ के पूर्व विधायक राम किशन गुज्जर को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने राहत नहीं दी है। गुज्जर ने अंबाला की जिला अदालत द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील कर रखी है, जो 10 मई 2017 से विचाराधीन है। गत दिवस राम किशन गुज्जर की उस अर्जी को, जिसमें उसने चुनाव लडऩे की इजाजत मांगी थी, हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। सजा के खिलाफ की गई अपील पर सुनवाई 12 सितंबर से होगी।
बता दें, मई 2017 में हाई कोर्ट ने गुज्जर की सजा निलंबित कर, अपील एडमिट करने का आदेश जारी कर दिया था। कोर्ट ने मुआवजे की रकम भी पांच लाख से घटाकर दो लाख तय कर थी। चुनाव लडने की मांग की अर्जी पर हरियाणा सरकार ने कहा कि गुज्जर को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं मिल सकती।
रामकिशन गुज्जर ने बतौर विधायक अपने पद का दुरुपयोग किया और अपने खिलाफ खबर छापने वाले पत्रकार को इस कदर प्रताड़ित किया कि उसको आत्महत्या करनी पड़ी। सरकारी वकील ने कहा कि मृतक पंकज खन्ना के सुसाइड नोट में गुज्जर का नाम है और उनके खिलाफ तमाम गवाही से कोर्ट में आरोप साबित हो चुके हैं। रामकिशन का आचरण बतौर विधायक ठीक नहीं रहा और उन्हें चुनाव लडने की अनुमति नही दी जानी चाहिए।
विधायक सहित तीन को ठहराया था मौत का जिम्मेदार
10 जून 2009 को नारायणगढ़ निवासी पंकज खन्ना ने जहरीला पदार्थ निगलकर आत्महत्या कर ली थी। उसने एक सुसाइड नोट लिखा था। इसमें पूर्व विधायक राम किशन, उसके सहयोगी मेकी लाला और अजीत अग्रवाल को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था। इकलौते भाई और बाद में पिता की मौत से हताश होने के बावजूद पंकज की बहन प्रीति खन्ना ने राम किशन के खिलाफ लड़ाई जारी रखी। अंबाला की जिला अदालत ने 2 मार्च 2017 को राम किशन व उसके सहयोगी विजय और अजीत अग्रवाल को चार-चार साल की सजा और 10हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। जिला अदालत ने प्रत्येक दोषी को मरने वाले के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने के आदेश भी दिए थे।
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