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केंद्र और राज्य सरकार मिलकर पहुंचाएगी हर नल में जल : कटारिया

देश में हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए चालू वित्त वर्ष में 36 हजार करोड़ के बजट की व्यवस्था की गई है जिसमें से 2076

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 09:14 PM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 06:53 AM (IST)
केंद्र और राज्य सरकार मिलकर पहुंचाएगी हर नल में जल : कटारिया
केंद्र और राज्य सरकार मिलकर पहुंचाएगी हर नल में जल : कटारिया

जागरण संवाददाता, पंचकूला : देश में हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए चालू वित्त वर्ष में 36 हजार करोड़ के बजट की व्यवस्था की गई है, जिसमें से 20768 करोड़ रुपये केंद्र सरकार उपलब्ध करवाएगी और बकाया राशि राज्य सरकारें अपने स्तर पर खर्च करेंगी। वर्तमान में देश के लगभग साढ़े 3 करोड़ घरों में नल से जल की आपूर्ति हो रही है और अभी लगभग साढ़े 13 करोड़ घरों में नल से जल की आपूर्ति की व्यवस्था की जानी है। इस लक्ष्य को पांच वर्षों में चरणबद्ध तरीके से हासिल किया जाएगा। यह बात केंद्रीय जलशक्ति, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने पंचकूला में सेक्टर-3 में केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय द्वारा उत्तरी राज्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ पर कही। मंगलवार से जल जीवन मिशन शुरू किया गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय द्वारा देश के अलग-अलग हिस्सों में क्षेत्रीय कार्यशालाएं आयोजित करके राज्य सरकारों को जल जीवन मिशन के तहत किए जाने वाले कार्यों के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उतर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ शामिल है। पूरे देश में इस तरह की पांच क्षेत्रीय कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। कटारिया ने कहा कि जल की उपलब्धता को लेकर अलग -अलग राज्यों की अपनी चुनौतियां हैं और उन चुनौतियों के मुताबिक ही राज्य सरकारें कार्य योजना तैयार कर रही है। पंजाब और हरियाणा में जहां गिरते भू जल स्तर की समस्या हैं वहीं पहाड़ी राज्यों में दुर्गम स्थानों तक पानी की आपूर्ति पहुंचाने जैसी चुनौतियां है। इसी प्रकार उतर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में अलग तरह की चुनौतियां हैं और इसीलिए क्षेत्रीय कार्यशाला आयोजित करके वहां के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जल जीवन मिशन के प्रभावी कार्य योजनाओं पर चर्चा की जा रही है। कटारिया ने कहा कि देश के 1500 विकास खंड गिरते भू स्तर के कारण डार्क जोन में आ चुके हैं और कई ऐसे विकास खंड हैं जो डार्क जोन की ओर बढ़ रहे हैं। एसवाईएल पर हरियाणा का पक्ष मजबूत

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कटारिया ने कहा कि देश में प्राकृतिक जल स्त्रोतों के बेहतर प्रबंधन के लिए नदियों को जोड़ने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एसवाईएल पर न्यायालय में अपना पक्ष मजबूती से रखा है और अब तक के निर्णय हरियाणा के पक्ष में रहे हैं। अब न्यायालय द्वारा दोनों राज्य सरकारों व केंद्र सरकार को मामले का हल निकालने और हल न निकलने की स्थिति में न्यायालय द्वारा फैसला देने की बात कही गई है और ऐसी स्थिति में कोई भी अन्य टिप्पणी करना उचित नहीं है। कार्यशाला के पहले दिन पेयजल योजनाओं पर हुई चर्चा

इस दो दिवसीय कार्यशाला में पहले दिन विभिन्न राज्यों द्वारा अपनाई जा रही पेयजल योजनाओं पर चर्चा की गई। इसके अलावा विशेषज्ञों द्वारा गुजरात में पेयजल आपूर्ति, सीवरेज और प्रयोग किए गए पानी के वैज्ञानिक प्रबंधन मॉडल पर चर्चा की गई। इसके अलावा हरियाणा और पंजाब सरकारों द्वारा जल प्रबंधन के लिए किए जा रहे कार्य पर चर्चा हुई। इस अवसर पर जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, इंजीनियर एंड चीफ मनपाल सिंह और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय तथा विभिन्न राज्यों से आये अधिकारी उपस्थित थे।


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