लंबे समय तक तनाव में रहने से हो सकता है मानसिक रोग
मनोरोगियों के उपचार के लिए उनके व उनके परिवारों के बारे में आपसी चर्चा का सशक्त माध्यम परिवार स्वयं सहायता समूह हैं जोकि आने वाले समय में ऐसे रोगियों के उपचार के मामले में वरदान साबित होंगे।
जासं, पंचकूला : हरियाणा के मानसिक रोग विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. विश्वनीत सिंह ने कहा है कि मनोरोगियों के उपचार के लिए उनके व उनके परिवारों के बारे में आपसी चर्चा का सशक्त माध्यम परिवार स्वयं सहायता समूह हैं, जोकि आने वाले समय में ऐसे रोगियों के उपचार के मामले में वरदान साबित होंगे। डॉ. सिंह शनिवार को पंचकूला के जिला सिविल अस्पताल सेक्टर-6 में हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) व हरियाणा सरकार द्वारा आयोजित परिवार स्वंय सहायता समूह की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि मानसिक हेल्थकेयर अधिनियम, 2017 के तहत यह अनिवार्य है कि राज्य मानसिक बीमारी से पीड़ित और उनके परिवार के लोगों के लिए समुदाय आधारित सेवाएं प्रदान करेगा। इस परिवार स्वयं सहायता समूह की बैठकें जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के साथ मिलकर होंगी। प्रोजेक्ट रिकवरी 2018 में हरियाणा सरकार के साथ मिलकर शुरू किया गया था, जोकि विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। इसके तहत अभी तक 22 जिलों में बैठक हो चुकी है। पंचकूला व फरीदाबाद से इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।
इस मौके पर हेल्थ फाउंडेशन( एसएचएफ) की ट्रस्टी रीता सेठ ने कहा है कि लंबे समय तक तनाव में रहने के कारण मानसिक रोग के शिकार हो सकते हैं। हमारे शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, जिस कारण डिप्रेशन सहित कई तरह की बीमारियों से हम ग्रसित होते जा रहे हैं। इसमें खासतौर पर सिजोफ्रेनियां और बायपोलर प्रमुख है।
मानसिक रोगियों के लिए खास कार्यक्रम
हरियाणा सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं की निदेशक डॉ. वीणा सिंह के निर्देशन में हरियाणा में मानसिक रोगियों के लिए खास तौर पर ऐसी सेवाएं प्रदान की जाएं। वर्ष 2014 से एसएचएफ और हरियाणा सरकार के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस एमओयू के अनुसार एसएचएफ स्किजोफ्रेनिया और द्वि-ध्रुवीय गंभीर मानसिक बीमारी वाले लोगों के लिए विभिन्न रिकवरी सेवाएं चला रहा है। हरियाणा शायद कुछ राज्यों में से एक है, जो इस तरह की समुदाय-आधारित सेवाओं का संचालन करता है।
हरियाणा सरकार ने जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम सिविल अस्पताल और एसएचएफ मिलकर समुदाय आधारित केंद्र चला रहे हैं। इसमें विभिन्न तरह के मानसिक रोगों से स्वास्थ्य लाभ और जागरूकता के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसमें रिकवरी कार्यक्रम मुख्य है, इसमें योग, ध्यान इत्यादि से लेकर हमारी दिनचर्या के सारे काम शामिल है। मानसिक रोगियों के परिजन धैर्य रखें : डॉ. मनोज
सिविल अस्पताल के मानसिक रोग चिकित्सक डॉ.मनोज कुमार ने कहा कि मानसिक रोगियों के परिजनों को हमेशा धैर्य बनाए रखना चाहिए। जब किसी चिकित्सक से उपचार चल रहा हो तो वे धैर्य बनाये रखें और जल्दबाजी में चिकित्सक न बदले। बैठक में एसएचएफ की आकृति कपूर व सिविल अस्पताल के कर्मचारी, मानसिक रोगी व उनके परिजन व अधिकारी भी उपस्थित थे।