मानसून के साथ घग्गर नदी में आने लगा उफान, जान खतरे में
घग्गर नदी में बरसात के दिनों में बाढ़ की स्थिति से प्रशासन अवगत है। बावजूद लोगों को नदी में जाने से रोका नहीं जा रहा। दिखावे के लिए धारा 144 लगा दी जाती है परंतु कोई भी युवाओं एवं बच्चों को नदी में जाने से नहीं रोकते।
राजेश मलकानियां, पंचकूला : घग्गर नदी में बरसात के दिनों में बाढ़ की स्थिति से प्रशासन अवगत है। बावजूद लोगों को नदी में जाने से रोका नहीं जा रहा। दिखावे के लिए धारा 144 लगा दी जाती है, परंतु कोई भी युवाओं एवं बच्चों को नदी में जाने से नहीं रोकते। नदी में बहकर आने वाले सामान को उठाने के लिए युवाओं में होड़ लगी रहती है। कई बार बाढ़ की स्थिति भी पैदा हो जाती है और पिछले वर्षों में कई लोग नदी में डूबकर जान भी गंवा चुके हैं। पैसे निकालने के लिए मचती है होड़ घग्गर नदी में बरसात आते ही एक बार फिर से युवा एवं बच्चे उतरने शुरू हो गए हैं। ये बच्चे नदी से पैसे निकालने, बहकर आने वाले लोहे के जाल एवं अन्य सामान निकालने के लिए जान की परवाह नहीं करते और नदी में कूद जाते हैं। घग्गर नदी में लोगों द्वारा गिराए जाने वाले एक, दो और पांच रुपये के सिक्कों को उठाने में जुटे रहते हैं। लोगों द्वारा बहते पानी में हवन सामग्री एवं पैसे प्रवाह किए जाते हैं जिसे उठाने की होड़ में ये अपनी जान को जोखिम में डाल रहे है। मंगलवार को भी घग्गर नदी के बीच कुछ युवा अपनी जान को जोखिम में डालते नजर आए। पानी पूरे उफान पर था जिसके बावजूद घग्गर नदी में सुबह ही यह बच्चे एवं युवक घुसे हुए थे। यदि जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग ने समय रहते इन युवकों एवं बच्चों को नदी में जाने से नहीं रोका तो बड़ा हादसा हो सकता है। लगभग 291 किलोमीटर की लंबाई वाली घग्गर नदी हिमाचल की शिवालिक पहाडि़यों से निकल पंचकूला के विभिन्न इलाकों से होकर गुजरती है। घग्गर नदी में हिमाचल के बद्दी, परवाणु, पंचकूला, चंडीगढ़, डेराबस्सी, जीरकपुर, बनूड़, अंबाला आदि शहरों का गंदा और केमिकल युक्त पानी सीधा इसमें लगातार पड़ रहा है। इस नदी के साथ लगते गांव के किसान जहां बरसाती मौसम में बाढ़ की मार झेल रहे हैं, वहीं नदी में लगातार गिर रहा फैक्टरियां का गंदा पानी भूजल में जहर घोल रहा है। इस जहरीले पानी से ट्यूबवेलों के द्वारा फसलों को नुक्सान पहुंच रहा है। वहीं पीने वाले पानी के द्वारा नदी के साथ रहते लोगों को नामुराद बीमारियों ने जकड़ में लेना शुरू कर दिया है। इसके साथ लगते गांवों के लोग, कैंसर, काला पीलिया, चमड़ी आदि की बीमारियां से ग्रस्त हो रहे हैं।
माइनिग का कारोबार खतरनाक लोगों ने बताया कि जमीन निचले पानी के स्तर का घटने का सबसे बड़ा कारण घग्गर नदी में माइनिग के कारोबार कारण नदी की गहराई का बहुत ज्यादा होना है। उनके बताने अनुसार घग्गर क्षेत्र में चलते कई ट्यूबवेलों और नलकों में गंदा पानी आ रहा है। किसानों की ओर से घग्गर नदी में से पानी उठाकर खेतों में सब्जियों, पशुओं के चारे और अन्य फसलों को लगाए जाने कारण फसलों में जहरीले तत्व लगातार बढ़ रह हैं और जमीनें बंजर हो रही हैं। यही नहीं बंजर हो रही जमीन से अधिक झाड़ लेने के चक्कर में कीट नाशकों का प्रयोग बेहताशा बढ़ना भी चिता का बड़ा कारण है, परन्तु राजनीतिक पार्टियां और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के कानों दे जूं रेंगती नजर नहीं आती।